
Parliament Budget session 2025: लोकसभा में सोमवार को नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बजट सेशन राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान अपनी बात रखी। लोकसभा में उस समय भारी हंगामा हुआ जब कांग्रेस नेता और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने दावा किया कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर को अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के शपथ का न्यौता लेने भेजा गया था। विदेश मंत्री इसलिए गए थे ताकि वह डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी के लिए अमेरिकी निमंत्रण सुनिश्चित किया जा सके। इस बयान पर सत्तारूढ़ दल के सांसदों ने कड़ी आपत्ति जताई। प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने इस टिप्पणी को आधारहीन बताते हुए कड़ा विरोध दर्ज कराया।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें इस भाषण को सुनने में कठिनाई हुई क्योंकि यह वही सूची थी जो पिछले बार और उससे पहले भी सुनी थी। उन्होंने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह केवल उन उपलब्धियों की सूची थी जिन्हें सरकार गिनाती रही है। उन्होंने बेरोजगारी के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा और कहा कि न तो यूपीए सरकार और न ही आज की एनडीए सरकार ने भारत के युवाओं को रोजगार पर स्पष्ट उत्तर दिया है।
राहुल गांधी ने कहा कि 2014 में भारत की जीडीपी में मैन्युफैक्चरिंग का हिस्सा 15.3% था, जो अब घटकर 12.6% रह गया है, जबकि मोदी सरकार ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा, "मैं प्रधानमंत्री को दोष नहीं दे रहा हूं। ‘मेक इन इंडिया’ एक अच्छी योजना थी, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी इसे सफल नहीं बना पाए।"
राहुल गांधी ने भारत के उत्पादन ढांचे को कमजोर बताते हुए कहा: हमने उत्पादन की व्यवस्था चीन को सौंप दी है। जब भी हम कोई मोबाइल फोन इस्तेमाल करते हैं, चीनी कपड़े या जूते पहनते हैं, हम चीन को अप्रत्यक्ष रूप से कर अदा कर रहे होते हैं। अगर हम केवल उपभोग पर ध्यान देंगे और उत्पादन को नजरअंदाज करेंगे तो हमारा घाटा बढ़ेगा, असमानता बढ़ेगी और बेरोजगारी की वजह से सामाजिक समस्याएं खड़ी होंगी।
उन्होंने कहा कि चीन वैश्विक उत्पादन डेटा को नियंत्रित करता है और अमेरिका उपभोग डेटा को। ऐसे में अगर भारत कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) पर चर्चा करना चाहता है, तो उसे यह जवाब देना होगा कि उसे डेटा कहां से मिलेगा। आज भारत के पास न तो उत्पादन डेटा है और न ही उपभोग डेटा।
राहुल गांधी ने ट्रंप के राष्ट्रपति पद ग्रहण समारोह का जिक्र करते हुए कहा: अगर भारत में एक मजबूत उत्पादन प्रणाली होती और हम तकनीकों पर काम कर रहे होते, तो हमें अमेरिका से प्रधानमंत्री को आमंत्रण दिलाने के लिए विदेश मंत्री को तीन-चार बार नहीं भेजना पड़ता। बल्कि अमेरिकी राष्ट्रपति खुद भारत आते और प्रधानमंत्री को आमंत्रित करते।
राहुल गांधी की इस टिप्पणी पर सत्ता पक्ष की ओर से कड़ा विरोध हुआ। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा: विपक्ष के नेता इतनी गंभीर और बेबुनियाद बातें नहीं कर सकते। यह दो देशों के रिश्तों से जुड़ा मामला है। अगर उनके पास कोई प्रमाण है तो सदन को बताएं कि विदेश मंत्री ने यह दौरा निमंत्रण लेने के लिए किया था।
इसके जवाब में राहुल गांधी ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा: अगर मेरे सवाल से आपको परेशानी हुई है तो मैं क्षमा चाहता हूं। मुझे खेद है कि मैंने आपके मन की शांति भंग कर दी। रिजिजू ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि राहुल गांधी को सदन में झूठ बोलने के लिए माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा: विपक्ष के नेता को गंभीर होना चाहिए।
डोनाल्ड ट्रंप ने 20 जनवरी को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। इस अवसर पर भारत की ओर से विदेश मंत्री एस. जयशंकर उपस्थित थे। प्रधानमंत्री मोदी ने शपथ ग्रहण के कुछ दिनों बाद ट्रंप से फोन पर बात की और वे जल्द ही अमेरिका की यात्रा कर सकते हैं।
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