सीता के देश नेपाल, रावण के देश लंका में पेट्रोल डीजल सस्ता तो राम के देश में क्यों महंगा? सरकार ने दिया जवाब

संसद में पेट्रोल-डीजल के बढ़ने दामों पर विपक्ष ने सवाल किए। समाजवादी पार्टी के सांसद विशम्भर प्रसाद निषाद ने मंत्री से सवाल किया कि नेपाल में सीता माता के देश में डीजल-पेट्रोल सस्ता है। श्रीलंका में रावण के देश में सस्ता है तो क्या राम के देश में इसके दाम सस्ते करेंगे? कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ा दिया है और इससे कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। 
 

Asianet News Hindi | Published : Feb 10, 2021 9:27 AM IST / Updated: Feb 05 2022, 03:21 PM IST

नई दिल्ली. संसद में पेट्रोल-डीजल के बढ़ने दामों पर विपक्ष ने सवाल किए। समाजवादी पार्टी के सांसद विशम्भर प्रसाद निषाद ने मंत्री से सवाल किया कि नेपाल में सीता माता के देश में डीजल-पेट्रोल सस्ता है। श्रीलंका में रावण के देश में सस्ता है तो क्या राम के देश में इसके दाम सस्ते करेंगे? कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ा दिया है और इससे कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। 

सरकार ने क्या जवाब दिया?
सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमत 61 डॉलर है। धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार दोनों जिम्मेदार हैं और इस मुद्दे को ध्यान से हैंडल करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में उत्पाद शुल्क में भी कमी की है। 

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि केंद्र सरकार कुछ नहीं कर सकती क्योंकि कीमतें पेट्रोलियम कंपनियां तय कर कर रही हैं और यह क्रूड की अंतरराष्ट्रीय कीमतों पर निर्भर करती हैं।

आंदोलन करने वाले किसी किसान को NIA का नोटिस नहीं
कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन करने वाले किसी भी किसान को NIA ने नोटिस नहीं दिया है। संसद में दिग्विजय सिंह के एक सवाल के जवाब में सरकार ने इस बात की जानकारी दी। राज्यसभा में कांग्रेस के सांसद दिग्विजय सिंह ने गृह मंत्रालय से पूछा गया कि क्या किसी किसान को NIA ने नोटिस दिया है। अगर दिया है तो किस मामले में दिया गया है। गृह मंत्रालय ने सभी सवालों के जवाब में ना ही कहा।

बता दें कि कुछ दिनों पहले किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा को NIA का नोटिस दिया गया था, लेकिन ये नोटिस कुछ एनजीओ को विदेश से मिल रही फंडिंग को लेकर दिया गया था, जिसमें खालिस्तान से जुड़े कुछ फंड भी शामिल थे।  

क्या 370 हटाने की जानकारी पहले से पत्रकारों को थी?
इस सवाल के जवाब में सरकार ने कहा कि नहीं। संसद में कार्यवाही के दौरान केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने राज्यसभा में इस बात की जानकारी दी। बता दें कि सोशल मीडिया पर कई व्हाट्सएप चैट वायरल हुए थे, जिसके बाद आरोप लगने लगे थे कि धारा 370 हटाने की जानकारी पहले से ही कुछ पत्रकारों को थी।

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