सीनियर सिटीजन्स के लिए काम की खबर, रेल टिकट में छूट को लेकर मिल सकती है खुशखबरी

एक संसदीय समिति ने सीनियर सिटीजन्स को ट्रेनों के किराये में मिलने वालीं रियायतों की समीक्षा की सिफारिश की है। यानी कम से कम स्लीपर क्लास और एसी थ्री टियर ट्रेन यात्रा के लिए किराये में तत्काल रियायत देने बहाल करने को कहा है।
 

नई दिल्ली. अगर संसदीय समिति(A parliamentary committee) की सिफारिश को मान लिया गया, तो रेलवे के टिकट में बुजुर्ग यात्रियों को फिर से रियायत मिलने लगेगी। एक संसदीय समिति ने सीनियर सिटीजन्स को ट्रेनों के किराये में मिलने वालीं रियायतों की समीक्षा की सिफारिश की है। यानी कम से कम स्लीपर क्लास और एसी थ्री टियर ट्रेन यात्रा के लिए किराये में तत्काल रियायत देने बहाल करने को कहा है।  4 अगस्त को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में रेलवे की स्थायी समिति ने कहा कि सीनियर सिटीजन्स को पहले उनके रेलवे किराए के 40-50 प्रतिशत की रियायत दी जाती थी, लेकिन COVID-19 संकट के दौरान इसे बंद कर दिया गया।  रेलवे वरिष्ठ नागरिक रियायतों पर सालाना करीब 2,000 करोड़ रुपये खर्च करता है। 

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रिपोर्ट में मंत्रालय से छोड़ो योजना-give up scheme का व्यापक प्रचार करने का भी आग्रह किया, जो वरिष्ठ नागरिकों को स्वेच्छा से अपनी रियायतें छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करती है। रेल मंत्रालय ने अपनी कार्रवाई रिपोर्ट में कहा है कि महामारी को देखते हुए सभी श्रेणी के यात्रियों (दिव्यांगजन की चार श्रेणियों और 11 श्रेणियों के रोगियों और छात्रों को छोड़कर) को रियायत वापस ले ली गई है। सरकार के जवाब को देखते हुए समिति ने कहा कि अभी तक महामारी और कोविड को देखते हुए वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली रियायत वापस ले ली गई है। समिति का विचार है कि चूंकि रेलवे सामान्य स्थिति की ओर बढ़ रहा है, इसलिए उन्हें विभिन्न श्रेणियों के यात्रियों को दी जाने वाली रियायतों पर विवेकपूर्ण तरीके से विचार करना चाहिए। समिति की इच्छा है कि वरिष्ठ नागरिकों को पूर्व-COVID ​​​​समय में उपलब्ध रियायत की समीक्षा की जाए और कम से कम स्लीपर क्लास और III एसी में तत्काल विचार किया जाए, ताकि कमजोर और वास्तव में जरूरतमंद वरिष्ठ नागरिक इन वर्गों में सुविधा का लाभ उठा सकें। समिति के अध्यक्ष भाजपा नेता राधा मोहन सिंह हैं।

एक खबर यह भी-हरियाणा में 5 साल में आवारा पशुओं के कारण हुए हादसों में 900 से ज्यादा मौतें
हरियाणा में पिछले पांच वर्षों में आवारा पशुओं के कारण हुए सड़क हादसों में 900 से अधिक लोगों की मौत हुई है। राज्य सरकार ने विधानसभा को इसकी जानकारी दी है। कृषि एवं पशुपालन मंत्री जे पी दलाल ने मंगलवार को एक लिखित सवाल के जवाब में कहा कि राज्य में पांच साल की अवधि के दौरान कुल 3,383 सड़क दुर्घटनाएं हुईं। इन हादसों में 919 लोगों की जान चली गई और 3,017 लोग घायल हो गए। उन्होंने विधानसभा के चालू सत्र के दौरान निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू द्वारा उठाए गए एक सवाल के जवाब में यह बात कही है।

विधायक कुंडू ने यह भी जानना चाहा कि क्या राज्य में सड़कों पर भटक रहे आवारा पशुओं की समस्या के समाधान के लिए सरकार के विचाराधीन कोई प्रस्ताव है। इस पर दलाल ने कहा कि 2020-21 और 2021-22 के दौरान विभिन्न आश्रयों में एक लाख से अधिक आवारा पशुओं का पुनर्वास किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार इन गौशालाओं को वित्तीय सहायता भी प्रदान कर रही है। दलाल ने बताया कि हरियाणा गौ सेवा आयोग में पंजीकृत 569 गौशालाओं को वर्ष 2021-21, 2021-22 और 2022-23 (अब तक) के दौरान क्रमश: 17.75 करोड़ रुपये, 29.50 करोड़ रुपये और 13.50 करोड़ रुपये की चारे के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। मंत्री ने जवाब में कहा, "नर मवेशियों की आबादी को नियंत्रित करने के लिए, सरकार कृत्रिम गर्भाधान के लिए अत्यधिक रियायती दर पर वीर्य प्रदान करके लिंग क्रमबद्ध वीर्य के उपयोग को बढ़ावा दे रही है।

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