उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों के चुनाव के पहले चार महीनों तक देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई इजाफा नहीं किया गया। चुनाव खत्म होने के बाद 22 मार्च से लगातार इनकी कीमतें बढ़ रही हैं। विपक्ष का कहना है कि सरकार चुनावों के दौरान पेट्रोल-डीजल के रेट नियंत्रित करती है और चुनाव बाद कहती है कि तेल की कीमतों पर उसका नियंत्रण नहीं है।
नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार वृद्धि (Petrol Diesel Price hike) के बीच केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) सवालों के घेरे में है। विपक्ष से लेकर सड़क पर मौजूद लोग कह रहे हैं कि चुनावों तक मोदी सरकार महंगाई से समझौता कर लेती है और चुनाव खत्म होते ही महंगाई के लिए सरकार दुनिया के हालात और क्रूड ऑयल (Crude oil) को जिम्मेदार बताने लगती है। इसी मुद्दे पर आज संसद में सवाल आया। इसके जवाब में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने सरकार की ओर से सफाई पेश की।
देश में सिर्फ 5 फीसदी बढ़े दाम : पुरी
पुरी ने अपनी सफाई में अमेरिका और ब्रिटेन से भारत की तुलना की। पुरी ने कहा कि मेरे हिसाब से भारत में पेट्रोल की कीमतें पिछले दो हफ्तों में 5% बढ़ी हैं। लेकिन यह बढ़ोतरी सिर्फ भारत में नहीं हुई है। उन्होंने संसद में बताया कि अप्रैल 2021 से मार्च 2022 के बीच अमेरिका में 51%, कनाडा में 52%, जर्मनी में 55%, ब्रिटेन में 55%, फ्रांस में 50% और स्पेन में 58% तक पेट्रोल के दाम बढ़े हैं।
22 मार्च से अब तक 9.20 रुपए बढ़े पेट्रोल के दाम
उत्तर प्रदेश चुनावों के नतीजे आने के बाद 22 मार्च से तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ानी शुरू की। इस बीच रोजाना करीब 80 पैसे कीमत बढ़ाई गई। बीते 2 हफ्ते में पेट्रोल और डीजल की कीमत में 9.20 रुपए प्रति लीटर का इजाफा हो चुका है। इस बीच सिर्फ दो दिन 24 मार्च और 1 अप्रैल को पेट्रोल-डीजल की कीमतें थमी रहीं। यानी इनमें बदलाव नहीं हुआ।
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दिल्ली में एक साल में 14.05 रुपए बढ़ी कीमत
पिछले एक साल में दिल्ली में पेट्रोल 14.05 रुपए प्रति लीटर तक महंगा हुआ है। एक अप्रैल 2021 को दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 90.56 रुपए लीटर थी, जो अब 104.61 रुपए लीटर पर पहुंच गई है। मंगलवार यानी आज भी दिल्ली में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में (Petrol - Diesel Price Hike) 80-80 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि हुई। मध्यप्रदेश और राजस्थान के कई जिलों में डीजल 100 रुपए पार कर चुका है। ऐसे में जरूरी चीजों की कीमतें भी बढ़ने लगी हैं।
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