अमेरिकन फार्मा कंपनी फाइजर ने अपनी कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मांग को लेकर भारत सरकार को दिए आवेदन को वापस ले लिया है। 3 फरवरी को ड्रग रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया के सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने फाइजर के आवेदन का रिव्यू किया था, इसके बाद ही कंपनी ने ये फैसला लिया। किया।
नई दिल्ली. अमेरिकन फार्मा कंपनी फाइजर ने अपनी कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मांग को लेकर भारत सरकार को दिए आवेदन को वापस ले लिया है। 3 फरवरी को ड्रग रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया के सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने फाइजर के आवेदन का रिव्यू किया था, इसके बाद ही कंपनी ने ये फैसला लिया।
आवेदन वापस लेने की वजह क्या?
फाइजर के प्रवक्ता ने कहा, वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की मांग को ध्यान में रखते हुए फाइजर ने 3 फरवरी को ड्रग नियामक प्राधिकरण की विशेषज्ञ समिति की बैठक में भाग लिया। बातचीत और कई सारी जानकारी मिलने बाद कंपनी ने अपने आवेदन को वापस लेने का फैसला किया। लेकिन हम अगली बार और ज्यादा तैयारी के साथ आवेदन करेंगे।
भारत ने 17 देशों को दी वैक्सीन
भारत कोरोना वैक्सीन को 17 देशों में पहुंचा चुका है, जिसमें पड़ोसी देशों के साथ-साथ पश्चिम एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका भी शामिल हैं। आंकड़ों से पता चलता है कि भारत ने कोविड -19 टीकों की 56 लाख खुराक की सप्लाई दूसरे देशों को की है।
कैरेबियन समुदाय को 5 लाख खुराक
विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने अपने कहा, हमने अब तक भूटान, मालदीव, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार, मॉरीशस, श्रीलंका, यूएई, ब्राजील, मोरक्को को वैक्सीन की आपूर्ति की है। , बहरीन, ओमान, मिस्र, अल्जीरिया, कुवैत और दक्षिण अफ्रीका को भी वैक्सीन दी गई है। अगले कुछ दिनों में CARICOM देशों (कैरेबियन समुदाय) को कोरोना वैक्सीन की 5 लाख खुराक देने की योजना बनाई गई है।
पाकिस्तान में वैक्सीन की स्थिति?
पाकिस्तान हाई कमीशन ने अपने देश के विदेश मंत्रालय से पूछा है कि भारत में बनी कोरोना वैक्सीन लें या ना लें। दरअसल पाकिस्तान को कोरोना के पांच लाख टीके दान में मिल गए हैं। अब इन्हीं टीकों के जरिए पाकिस्तान में टीकाकरण अभियान शुरू होगा। हालांकि भारत ने पहले ही पाकिस्तान को वैक्सीन का ऑफर दिया था, लेकिन उसका कोई जवाब नहीं आया।