पी.विजयन सरकार पर आरोप लग रहे कि वह मीडिया को चुप कराने के लिए पुलिस का अवैध इस्तेमाल कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि केरल में सीपीएम सरकार ने यूट्यूब चैनल मारुनदान मलयाली के पत्रकारों और कर्मचारियों के खिलाफ पुलिस की पूरी ताकत झोंक दी है।
Pinarayi Vijayan government silencing media: केरल सरकार पर मीडिया को चुप कराने का आरोप लगा रहा है। आलोचना करने वाले कई मीडिया हाउस पर मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन सरकार की पुलिस की कार्रवाई की हर ओर निंदा की जा रही है। पी.विजयन सरकार पर आरोप लग रहे कि वह मीडिया को चुप कराने के लिए पुलिस का अवैध इस्तेमाल कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि केरल में सीपीएम सरकार ने यूट्यूब चैनल मारुनदान मलयाली के पत्रकारों और कर्मचारियों के खिलाफ पुलिस की पूरी ताकत झोंक दी है।
सीपीएम विधायक के खिलाफ न्यूज दिखाना भारी पड़ा मरुनदान मलयाली को
हाल ही में केरल के यूट्यूब चैनल मरुनदान मलयाली ने सीपीआई(एम) विधायक पीवी श्रीनिजिन के खिलाफ समाचार प्रसारित की थी। इस खबर के बाद विधायक पीवी श्रीनिजिन ने एससी/एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज कराया था। इस केस के दर्ज होने के बाद मरुनदान मलयाली के संपादक और प्रकाशक शाजन स्कारिया ने विशेष अदालत में अग्रिम जमानत की अर्जी दायर की थी। स्पेशल कोर्ट ने 16 जून को उनकी अग्रिम जमानत की अर्जी भी खारिज कर दी थी। केरल उच्च न्यायालय ने हाल ही में शाजन स्कारिया को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया।
पुलिस लगातार कर रही है यूट्यूब चैनल के ऑफिस पर रेड
मामला कोर्ट में होने के बाद भी सत्तारूढ़ सीपीआई (एम) सरकार ने मनमानी का सहारा लिया और मीडिया संगठन पर केरल पुलिस की ताकत का इस्तेमाल किया। सोमवार को कोच्चि और तिरुवनंतपुरम में मरुनदान मलयाली के कार्यालयों पर छापा मारा। पुलिस ने तिरुवनंतपुरम के पट्टम स्थित इसके कार्यालय से कंप्यूटर, कैमरे, मेमोरी कार्ड आदि जब्त कर लिए। केरल पुलिस ने डराने-धमकाने की रणनीति के तहत मरुनदान मलयाली के कर्मचारियों के घरों पर भी छापा मारा। आरोप है कि एक अन्य सीपीआई (एम) विधायक पी वी अनवर पिछले महीने से चैनल बंद करने का वादा करते हुए धमकियां दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि विधायक पीवी श्रीनिजिन, पूर्व में भी एससी-एसटी एक्ट का दुरुपयोग कर कईयों पर बेवजह केस दर्ज करा चुके हैं।
शाजन स्कारिया पहुंचे सुप्रीम कोर्ट...
शाजन स्कारिया ने अग्रिम जमानत के लिए अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। मीडिया ने आरोप लगाया है कि पिनाराई विजयन सरकार, तमाम घोटालों से घिरी हुई है इसलिए मीडिया संगठनों को चुप कराने के लिए गिरफ्तारियां और रेड कर रही है। एशियानेट न्यूज, मरुनदान मलयाली व अन्य मीडिया संगठनों की आवाज को दबा रही।
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