निखिल कामथ के पॉडकास्ट 'पीपल बाई डब्ल्यूटीएफ' में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक इंटरव्यू दिया है। इसका एक अंश निखिल ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में निखिल कामथ के साथ कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। इस बातचीत का एक छोटा सा हिस्सा निखिल ने सोशल मीडिया पर साझा किया। नरेंद्र मोदी ने अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए कहा कि उन्हें हमेशा प्रतिस्पर्धा पसंद नहीं थी और वह हमेशा एक सामान्य बच्चे रहे हैं। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि जब वह सीएम बने, तो उन्होंने अपने दोस्तों और शिक्षकों का सार्वजनिक रूप से सम्मान किया था, और यह उनके जीवन के सबसे खूबसूरत क्षणों में से एक था।
उन्होंने यह भी बताया कि जब वह अपने परिवार से दूर हो गए थे, तो उन्होंने अपने परिवार को मुख्यमंत्री (सीएम) हाउस बुलाया और उनसे बात की और उन्हें जानने की कोशिश की। इसके अलावा उन्होंने संघ के कुछ सदस्यों को भी बुलाया और उनसे मुलाकात की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बातचीत में यह भी बताया कि पिछले 25 वर्षों में उन्होंने अपनी इच्छा से चार महत्वपूर्ण कार्य किए थे, जिन्हें उन्होंने अपनी सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक माना और कहा कि ऐसा करके उन्हें काफी खुशी मिली थी।
युवाओं के राजनीति में आने के बारे में नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस क्षेत्र में सफलता पाने के लिए पूरी तरह समर्पण और टीम लीडरशिप की आवश्यकता होती है। उनका मानना है कि अगर कोई व्यक्ति सिर्फ अपनी मर्जी से काम करता है, तो वह एक चुनाव जीत सकता है, लेकिन वह एक सच्चा और प्रभावी नेता नहीं बन सकता। राजनीति में सफलता और नेतृत्व के लिए सिर्फ व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा नहीं, बल्कि एक मजबूत मिशन और समर्पण की जरूरत होती है।
आजादी के आंदोलन के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि इस आंदोलन में समाज के हर वर्ग के लोग शामिल थे, लेकिन इसके बाद सभी लोग राजनीति में नहीं आए। कई लोग अलग-अलग क्षेत्रों में चले गए, लेकिन सबके मन में देशभक्ति का जज्बा कायम रहा। नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा कि शुरुआती दौर में हमारे नेता ज्यादातर ऐसे लोग थे, जो आज़ादी की लड़ाई से निकले थे और उनकी सोच व विचारधारा बिल्कुल अलग थी। इसलिए उनका यह मानना था कि जो भी लोग राजनीति में आए, वे मिशन के साथ आए थे, न कि किसी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के साथ।
चुनाव के समय की बातों से लगभग 360 डिग्री पलट गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। ज़ेरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामथ के पॉडकास्ट में उन्होंने साफ़ कर दिया कि वे भगवान नहीं, एक इंसान हैं। चुनाव के समय उन्होंने कहा था कि उन्हें कभी-कभी लगता है कि उनका जन्म सामान्य नहीं था। उन्होंने यह भी कहा था कि उनकी माँ की मृत्यु के बाद उन्हें यह एहसास हुआ।
निखिल कामथ का पॉडकास्ट 'पीपल बाई डब्ल्यूटीएफ' काफी लोकप्रिय है। इसी शो में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत की। इसका एक छोटा सा हिस्सा निखिल ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है। सिर्फ़ दो मिनट का यह अंश सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसमें निखिल मोदी जी को बताते हैं कि वे घबराए हुए हैं। वे कहते हैं, 'मैं यहाँ आपके सामने बैठकर बात कर रहा हूँ, मैं नर्वस हो रहा हूँ। मेरे लिए यह एक मुश्किल बातचीत है।' इसके जवाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं, 'यह मेरा पहला पॉडकास्ट है। मुझे नहीं पता कि यह आपके दर्शकों को कैसा लगेगा।'
इसी वीडियो में मोदी जी कहते हैं, 'मैं भी एक आम इंसान हूँ। कोई भगवान नहीं।' वे आगे कहते हैं कि जब वे मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने एक अनुचित टिप्पणी की थी। लेकिन उन्होंने अपनी गलती मान ली है। हालाँकि, प्रधानमंत्री किस संदर्भ में यह बात कह रहे हैं, यह स्पष्ट नहीं है। निखिल कामथ ने जो वीडियो शेयर किया है, उसमें मोदी जी से राजनीति पर भी बातचीत हुई है।
प्रधानमंत्री के इस बयान पर चर्चा शुरू हो गई है। क्योंकि लोकसभा चुनाव से पहले मोदी जी ने कहा था कि वे परमेश्वर के आशीर्वाद से हैं। उन्हें कुछ काम देकर ही धरती पर भेजा गया है। जब तक वह काम पूरा नहीं हो जाता, तब तक उन्हें काम करते रहना है। उन्होंने यह भी कहा था, 'जब तक माँ जीवित थीं, मुझे लगता था कि शायद जैविक प्रक्रिया से मेरा जन्म हुआ है। लेकिन माँ की मृत्यु के बाद कई अनुभवों से मुझे यकीन हो गया कि मुझे परमात्मा ने भेजा है। मुझे यह शक्ति किसी जैविक प्रक्रिया से नहीं मिली है।' उन्होंने आगे कहा था कि ईश्वर उन्हें काम करवाना चाहते हैं। इसलिए ईश्वर ने ही उन्हें यह शक्ति दी है।