अफगानिस्तान के काबुल विश्वविद्यालय में सोमवार तड़के हुए आतंकी हमले की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कड़ी निंदा की है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि आतंक के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ रहे अफगानिस्तान के साथ हम खड़े रहेंगे।
नई दिल्ली. अफगानिस्तान के काबुल विश्वविद्यालय में सोमवार तड़के हुए आतंकी हमले की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कड़ी निंदा की है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि आतंक के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ रहे अफगानिस्तान के साथ हम खड़े रहेंगे। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि- "मैं आज काबुल विश्वविद्यालय में हुए कायराना आतंकी हमने की घोर निंदा करता हूं। हमारी दुआएं पीड़ितों और घायलों के परिवारों के साथ हैं। हम आतंक के खिलाफ अफगानिस्तान के बहादुरी भरे संघर्ष में मदद करते रहेंगे।"
बता दें अफगानिस्तान के काबुल विश्वविद्यालय में निहत्थे स्टूडेंट्स पर सोमवार को बंदूकधारियों ने धावा बोल दिया, जिसके बाद सुरक्षाबलों के साथ कई घंटे तक उनकी मुठभेड़ चली, जिसमें कम से कम 25 लोग हताहत हुए। विश्वविद्यालय में पुस्तक प्रदर्शनी लगी थी जिसमें अफगानिस्तान में ईरान के राजदूत भी पहुंचे थे। अफगानिस्तान के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता तारिक आरियान ने इस हमले में हताहत हुए लोगों की संख्या नहीं बतायी लेकिन स्थानीय मीडिया के अनुसार संभवत: 20 लोगों की जान गयी। आरियान के अनुसार हमले में तीन हमलावर शामिल थे, जो मुठभेड़ में मारे गये।
पुस्तक प्रदर्शनी के बीच बरसने लगी अंधाधुंध गोलियां
अफगान मीडिया ने खबर दी है कि घटना के समय विश्वविद्यालय में पुस्तक प्रदर्शनी चल रही थी और गोलीबारी के वक्त विशिष्ट व्यक्तियों समेत कई लोग प्रदर्शनी में थे। सुरक्षाबलों के साथ पांच घंटे तक चली मुठभेड़ के बाद तीनों हमलावर मुठभेड़ में मारे गए। गोलियों की बौछार के बीच विद्यार्थियो को अपनी जान बचाने के लिए वहां से भागते हुए देखा गया। विश्वविद्यालय के छात्र अहमद शमीम ने बताया कि उसने पिस्तौल और कलाशनिकोव राइफलों से लैस आतंकवादियों को गोलियां चलाते देखा। उसके अनुसार विश्वविद्यालय के पूर्वी भाग से हमला हुआ जहां कानून एवं पत्रकारिता विभाग की पढ़ाई होती है।
विद्रोहियों की अमेरिका के साथ शांति वार्ता के बीच हुआ हमला
यह हमला ऐसे वक्त हुआ है जब विद्रोहियों की अमेरिका समर्थित सरकार के साथ शांति वार्ता जारी है। हालांकि, कतर में हो रही इस वार्ता का लक्ष्य अमेरिका को उसकी सबसे लंबी लड़ाई से निकलने में मदद पहुंचाना है लेकिन रोजाना रक्तपात जारी है। इस्लामिक स्टेट से जुड़े एक संगठन ने देश में शियाओं पर हमला शुरू कर दिया है।