Mahashivratri Festival In isha foundation : ईशा फाउंडेशन में हर वर्ष महाशिवरात्रि के मौके पर पूरी रात का आयोजन किया जाता है। इस उत्सव में 170 देशों के 100 मिलियन से अधिक लोग शामिल होते हैं। 12 घंटे लगातार चलने वाला यह आयोजन 1 मार्च की शाम 6 बजे शुरू होगा। और अगले दिन सुबह 6 बजे समाप्त होगा।
नई दिल्ली। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (Pm Narendra Modi) ने एक पत्र के जरिये ईशा फाउंडेशन (Isha foundation) के संस्थापक सद्गुरु (Sadhguru) को महाशिवरात्रि (Mahashivratri) की बधाई दी है। उन्होंने पत्र के जरिये आदियोगी सद्गुरु (Adiyogi sadhguru) से मानवजाति के कल्याण के लिए आशीर्वाद मांगा। मोदी ने पत्र में लिखा- आदियोगी हमें मन, शरीर और बुद्धि की एकता की भावना को आत्मसात करने के लिए मार्गदर्शन करते हैं। शुभ महाशिवरात्रि समारोह के आयोजन के बारे में जानकर खुशी हो रही है। प्रधानमंत्री ने लिखा कि यह आदियोगी की सर्वव्यापीता को याद करने का अवसर है।
सद्गुरु की योजनाएं लोगों के जीवन में बदलाव ला रहीं
पत्र में प्रधानमंत्री ने सद्गुरु द्वारा लोगों की आध्यात्मिक प्रगति के लिए किए जा रहे अथक प्रयासों को याद किया। उन्होंने सद्गुरु द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए की जा रही बहुआयामी पहल, ग्रामीण उत्थान (और) शिक्षा, स्वास्थ्य और सामुदायिक पुनरोद्धार के लिए चलाई जा रही परियोजनाओं की सराहना की। पीएम मोदी ने कहा कि आपकी ये योजनाएं लोगों की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव लाते हुए उन्हें लाभान्वित करेंगी। इन योजनाओं ने कई जिंदगियों में सकारात्मक बदलाव किया भी है।
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महाशिवरात्रि पर 12 घंटे चलेगा आयोजन, 170 देशों के लोग होंगे शामिल
प्रधानमंत्री ने यह पत्र ईशा फाउंडेशन के प्रति वर्ष रात भर चलने वाले महाशिवरात्रि उत्सव को लेकर जारी किया है। इस उत्सव में 170 देशों के 100 मिलियन से अधिक लोग शामिल होते हैं। 12 घंटे लगातार चलने वाला यह आयोजन 1 मार्च की शाम 6 बजे शुरू होगा। और अगले दिन सुबह 6 बजे समाप्त होगा। ईशा फाउंडेशन ने प्रधानमंत्री के पत्र को लेकर उन्हें धन्यवाद दिया है। फाउंडेशन ने ट्वीट किया- हम महाशिवरात्रि उत्सव की हार्दिक शुभकामनाओं के लिए माननीय प्रधान मंत्री जी को धन्यवाद देते हैं।
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मिट्टी बचाने के लिए चला रहे आंदोलन
हाल ही में सद्गुरु ने दुनिया में खराब होती मिट्टी की गुणवत्ता को बचाने के लिए सेव सॉइल आंदोलन (Save soil Movement) की घोषणा की थी। उन्होंने गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 2022 पर अपना संदेश देते हुए कहा - कि हम सभी का कर्तव्य है कि मिट्टी को एक जीवित जीव के रूप में देखें और इसे भविष्य की विरासत के रूप में संजोकर रखें। आने वाली पीढ़ियों के लिए यह हम सबकी मौलिक जिम्मेदारी है।