मिनिमम सरकार, मैक्सिमम काम? देखें पॉडकास्ट में मोदी ने क्या दिया जवाब...

Published : Jan 10, 2025, 09:09 PM ISTUpdated : Jan 10, 2025, 11:26 PM IST
Modi Podcast

सार

पीएम मोदी ने निखिल कामथ के पॉडकास्ट में जीवन, राजनीति और सरकार पर खुलकर बात की। मिनिमम गवर्नमेंट और मैक्सिमम गवर्नेंस पर भी चर्चा हुई, कानूनों को बदलने और अनावश्यक नियमों को हटाने पर ज़ोर दिया।

PM Modi Podcast: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ निखिल कामथ ने अपने पॉडकास्ट में तमाम महत्वपूर्ण मुद्दों पर सवाल पूछे, पीएम मोदी ने बातचीत में अपने जीवन को लेकर तमाम खुलासे किए तो राजनीति से लेकर सरकार चलाने तक पर बातचीत की है। निखिल कामथ के पॉडकास्ट 'पीपल बाई डब्ल्यूटीएफ' में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिनिमम गवर्नमेंट एंड मैक्सीमम गवर्नेंस पर भी बातचीत की है।

कुछ लोगों ने नासमझी में अपने अपने अर्थ निकाले

पीएम मोदी ने कहा कि हमारे यहा मिनिमम गवर्नमेंट-मैक्सिमम गवर्नेंस का अर्थ कुछ लोगों ने नासमझी में अपने अपने अर्थ निकाले। कुछ लोगों को लगा कि मंत्रियों की संख्या कम मतलब मिनिमम गवर्नमेंट, कुछ लोगों को लगा कि कर्मचारियों की कम संख्या में मिनिमम गवर्नमेंट-मैक्सिमम गवर्नेंस। मेरी यह कल्पना कभी नहीं थी। ऊपर से मैंने आकर स्किल मिनिस्ट्री अलग बनायी, कोआपरेटिव मिनिस्ट्री अलग बनायी, फिशरीज मिनिस्ट्री अलग बनायी। देश में जिन-जिन फोकस एरिया थे उनके लिए अलग मंत्रालय बनाया।

मोदी ने कहा कि मैं जब मिनिमम गवर्नमेंट और मैक्सिमम गवर्नेंस कहता हूं तो हमारे यहां एक क्लियरेंस लेनी है तो महीनों प्रॉसेस चलता है, कोर्ट-कचहरी में 100-100 साल मामले पड़े हुए हैं। इसलिए हमने क्या किया करीब चालीस हजार कंप्लायंसेस हमने निकाल दिए। वर्ना एक डिपार्टमेंट एक कागज मांगेगा, दूसरा वही मांगेगा। तीसरा वही मांगेगा। एक ने मांग लिया है तो उसका उपयोग करो ना। उन्होंने कहा कि मैंने 15सौ कानून खत्म किए। लोगों को परेशान करने वाले तमाम कानून को बदला है। यही मेरी मिनिमम गवर्नमेंट और मैक्सिमम गवर्नेंस की कल्पना है।

युवाओं के राजनीति में आने के बारे में नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस क्षेत्र में सफलता पाने के लिए पूरी तरह समर्पण और टीम लीडरशिप की आवश्यकता होती है। उनका मानना है कि अगर कोई व्यक्ति सिर्फ अपनी मर्जी से काम करता है, तो वह एक चुनाव जीत सकता है, लेकिन वह एक सच्चा और प्रभावी नेता नहीं बन सकता। राजनीति में सफलता और नेतृत्व के लिए सिर्फ व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा नहीं, बल्कि एक मजबूत मिशन और समर्पण की जरूरत होती है।

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