राज्यसभा में मोदी, कहा- आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों के लिए 5 अगस्त काला दिन, प्रदर्शन के नाम पर अराजकता

Published : Feb 06, 2020, 05:37 PM ISTUpdated : Feb 06, 2020, 06:56 PM IST
राज्यसभा में मोदी, कहा- आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों के लिए 5 अगस्त काला दिन, प्रदर्शन के नाम पर अराजकता

सार

पीएम मोदी राज्यसभा में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दे रहे हैं। उन्होंने कहा, पहली बार जम्मू-कश्मीर में एंटी करप्शन ब्यूरो की स्थापना हुई। पहली बार वहां अलगाववादियों के सत्कार की परंपरा समाप्त हो गई।  

नई दिल्ली. पीएम मोदी राज्यसभा में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दे रहे हैं। उन्होंने कहा, पहली बार जम्मू-कश्मीर में एंटी करप्शन ब्यूरो की स्थापना हुई। पहली बार वहां अलगाववादियों के सत्कार की परंपरा समाप्त हो गई। पहली बार जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ पुलिस और सेना मिलकर निर्णायक कार्रवाई कर रहे हैं। 

"18 महीनों में जम्मू-कश्मीर में डेढ़ लाख बुजुर्गों को पेंशन योजना से जोड़ा गया"

उन्होंने कहा, सिर्फ 18 महीनों में जम्मू-कश्मीर में डेढ़ लाख बुजुर्गों और दिव्यांगों को पेंशन योजना से जोड़ा गया है। 18 महीनों में जम्मू-कश्मीर में 2.5 लाख शौचालयों का निर्माण हुआ। 3 लाख 30 हजार घरों में बिजली का कनेक्शन दिया गया। 3.5 लाख से ज्यादा लोगों को आयुष्मान योजना के गोल्ड कार्ड दिए जा चुके हैं। 

"सदन से देश को बहुत अपेक्षाएं" 

पीएम मोदी ने कहा, सदन से देश को बहुत अपेक्षाएं हैं। नए दशक के सत्र में निराशा मिली। पिछले संसद सत्र में बहुत काम हुआ था।

"पुराने कारनामे इतनी जल्दी लोग भूलते नहीं हैं"
उन्होंने कहा, पुराने कारनामे इतनी जल्दी लोग भूलते नहीं हैं। जब तेलंगाना बना तो इस सदन का हाल क्या था? दरवाजे बंद कर दिए गए थे। टीवी का टेलीकास्ट बंद कर दिया गया था। चर्चा का तो कोई स्थान ही नहीं बचा था । जिस हालत में वो पारित किया गया था, कोई भूल नहीं सकता। 

"5 अगस्त को काला दिन कहा जा रहा है"
पीएम मोदी ने कहा, वाइको जी ने कहा कि 5 अगस्त 2019 जम्मू-कश्मीर के लिए काला दिन है। मैं कहता हूं कि 5 अगस्त जम्मू-कश्मीर में आतंक और अलगाववाद को बढ़ावा देने वालों के लिए काला दिन साबित हो चुका है।

"प्रदर्शन के नाम पर अराजकता फैलाई गई"

पीएम मोदी ने कहा, पाकिस्तान का हिंदू चाहे कहीं का भी नागरिक हो। उसकी रक्षा करना हमारा उतना ही कर्तव्य है, जितना हिंदुस्तान के किसी हिंदू या मुसलमान का। हमारे समाजवादी साथी हमें माने न माने, लेकिन अब लोहिया जी को नकारने का काम न करें। संविधान की दुहाई देकर अलोकतांत्रिक गतिविधियां की गईं। प्रदर्शन के नाम पर अराजकता फैलाई गई।

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