ट्रैक्टर जलाने वालों पर बरसे पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, चारों दिशाओं में एक साथ काम किया। पहला, गंगा जल में गंदा पानी गिरने से रोकने के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों का जाल बिछाना शुरू किया। दूसरा, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट ऐसे बनाए, जो अगले 10-15 साल की भी जरूरतें पूरी कर सकें। तीसरा, गंगा नदी के किनारे बसे सौ बड़े शहरों और पांच हजार गांवों को खुले में शौच से मुक्त करना। चौथा, जो गंगा जी की सहायक नदियां हैं, उनमें भी प्रदूषण रोकने के लिए पूरी ताकत लगाना।
 

Asianet News Hindi | Published : Sep 28, 2020 12:47 PM IST / Updated: Sep 29 2020, 04:37 PM IST

नई दिल्ली. पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उत्तराखंड में नमामि गंगे के तहत 6 बड़े प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया। पीएम मोदी ने हरिद्वार के जगजीतपुर, सराई, में एसटीपी प्लांट का उद्धाटन किया। इसके अलावा उन्होंने जगजीतपुर में सीवेज प्रोजेक्ट का भी शिलान्यास किया। इस दौरान उन्होंने कहा, अगर गंगाजल की स्वच्छता को लेकर पुराने तौर-तरीके अपनाए जाते, तो आज भी हालत उतनी ही बुरी रहती।लेकिन हम नई सोच, नई अप्रोच के साथ आगे बढ़े। हमने नमामि गंगे मिशन को सिर्फ गंगा जी की साफ-सफाई तक ही सीमित नहीं रखा,बल्कि इसे देश का सबसे बड़ा और विस्तृत नदी संरक्षण कार्यक्रम बनाया।

पीएम मोदी ने कहा, सरकार ने चारों दिशाओं में एक साथ काम आगे बढ़ाया। 

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पहला- गंगा जल में गंदा पानी गिरने से रोकने के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों का जाल बिछाना शुरू किया।

दूसरा- सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट ऐसे बनाए, जो अगले 10-15 साल की भी जरूरतें पूरी कर सकें।

तीसरा- गंगा नदी के किनारे बसे सौ बड़े शहरों और पांच हजार गांवों को खुले में शौच से मुक्त करना।

चौथा- जो गंगा जी की सहायक नदियां हैं, उनमें भी प्रदूषण रोकने के लिए पूरी ताकत लगाना।

 

मोदी ने बताया, देश में क्यों पानी से जुड़ी समस्या हुई विकराल

पीएम मोदी ने कहा, आज पैसा पानी में नहीं बहता, पानी पर लगाया जाता है। हमारे यहां तो हालत ये थी कि पानी जैसा महत्वपूर्ण विषय, अनेकों मंत्रालयों और विभागों में बंटा हुआ था। इन मंत्रालयों में, विभागों में न कोई तालमेल था और न ही समान लक्ष्य के लिए काम करने का कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश। नतीजा ये हुआ कि देश में सिंचाई हो या फिर पीने के पानी से जुड़ी समस्या, ये निरंतर विकराल होती गईं। आज़ादी के इतने वर्षों बाद भी 15 करोड़ से ज़्यादा घरों में पाइप से पीने का पानी नहीं पहुंचता था।

बताया पानी की समस्या को खत्म करने के लिए क्या किया?

पीएम ने बताया, पानी से जुड़ी चुनौतियों के साथ अब ये मंत्रालय देश के हर घर तक जल पहुंचाने के मिशन में जुटा हुआ है।आज जलजीवन मिशन के तहत हर दिन करीब 1 लाख परिवारों को शुद्ध पेयजल की सुविधा से जोड़ा जा रहा है। सिर्फ 1 साल में ही देश के 2 करोड़ परिवारों तक पीने का पानी पहुंचाया जा चुका है।

कृषि बिलों पर हो रहे विरोध प्रदर्शनों पर मोदी ने कई बड़ी बात 

उन्होंने कहा, देश की किसानों, श्रमिकों और देश के स्वास्थ्य से जुड़े बड़े सुधार किए गए हैं। इन सुधारों से देश का श्रमिक सशक्त होगा, देश का नौजवान सशक्त होगा, देश की महिलाएं सशक्त होंगी, देश का किसान सशक्त होगा। लेकिन आज देश देख रहा है कि कैसे कुछ लोग सिर्फ विरोध के लिए विरोध कर रहे हैं।

'जिन्हें किसान पूजते हैं उन्हें आग लगाकर किसानों को अपमानित किया जा रहा'

पीएम ने कहा, आज जब केंद्र सरकार, किसानों को उनके अधिकार दे रही है, तो भी ये लोग विरोध पर उतर आए हैं। ये लोग चाहते हैं कि देश का किसान खुले बाजार में अपनी उपज नहीं बेच पाए। जिन सामानों की, उपकरणों की किसान पूजा करता है, उन्हें आग लगाकर ये  लोग अब किसानों को अपमानित कर रहे हैं।

मोदी ने बताया, देश को गंगा की आवश्यकता क्यों है ?

उन्होंने कहा, उत्तराखंड में उद्गम से लेकर पश्चिम बंगाल में गंगा सागर तक गंगा, देश की करीब-करीब आधी आबादी के जीवन को समृद्ध करती हैं। इसलिए गंगा की निर्मलता आवश्यक है, गंगा जी की अविरलता आवश्यक है।

जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत कही बात 

इस उद्घाटन के दौरान सबसे पहले जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने अपनी बात रखी। इसके बाद नमामि गंगे की ओर से तैयार की गई शॉर्ट फिल्म दिखाई गई। इसके पश्चात मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ऑनलाइन कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्‍होंने कहा कि गंगा सफाई की मेहनत रंग लाई है। इस प्रयास के बाद महाशीर गंगा में दिखाई देने लगी है ।

चंद्रेश्वर नगर में बना 4 मंजिला प्लांट

मुनि की रेती शहर में, चंद्रेश्वर नगर में 7.5 एमएलडी एसटीपी देश में पहला 4 मंजिला सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट होगा। इसकी ऊंचाई 21 मीटर है। इसकी लागत 12 करोड़ रुपए आई है। 

पीएम चोरपानी में 5 एमएलडी एसटीपी, और 1 एमएलडी की क्षमता वाले दो एसटीपी और बद्रीनाथ में 0.01 एमएलडी का उद्घाटन करेंगे। उत्तराखंड में गंगा नदी के पास 17 शहरों से प्रदूषण को कम करने के लिए सभी 30 परियोजनाएं (100%) अब पूरी हो गई हैं, जो एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।

गंगा अवलोचन का भी किया उद्धाटन

पीएम मोदी गंगा नदी में किए गए संस्कृति, जैव विविधता और कायाकल्प गतिविधियों को प्रदर्शित करने के लिए गंगा के पहले संग्रहालय "गंगा अवलोचन" का भी उद्घाटन किया। संग्रहालय चंडीघाट, हरिद्वार में स्थित है।

किताब का किया विमोचन

इस मौके पर नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा एंड वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा सह-प्रकाशित एक पुस्तक, 'रूइंग डाउन द गंगा' को लॉन्च किया। यह किताब गंगा नदी की जैव विविधता और संस्कृति को मिलाने का एक प्रयास है। यह गंगा की कहानी को वैचारिक रूप देता है।

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