प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित वीर बाल दिवस कार्यक्रम में हिस्सा लिया है। इस दौरान पीएम ने कहा कि देश महान बलिदानी वीर साहिबजादों को याद कर रहा है।
Veer Bal Diwas. दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित वीर बाल दिवस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज पूरा देश अमर बलिदानी वीर साहिबजादों को याद कर रहा है। कहा कि वीर बाल दिवस भारतीयता की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने का प्रतीक और इसीलिए इस दिवस पर पूरा देश वीर बलिदानी साहिबजादों को याद कर रहा है।
वीर बाल दिवस पर क्या बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि अब बीर बाल दिवस इंटरनेशनल लेवल पर भी मनाया जा रहा है। यह कार्यक्रम अमेरिका, ब्रिटेन, ग्रीस, यूरोप, और यूईए जैसे देशों में आयोजित किया जा रहा है। इससे दुनिया भारत के महान बलिदानियों के बारे में जानेगी और उनसे सीखेगी। आज से 300 साल पहले चमकौर की लड़ाई में जो हुआ, वह इतिहास है। इस इतिहास को हम भुला नहीं सकते। हम आने वाली पीढ़ियों को यह याद दिलाते रहेंगे। जब अन्याय और अंधकार का साम्राज्य था तब भी हमने निराशा को हावी नहीं होने दिया। हम भारतीयों ने हिम्मत से सामना किया। हर आयु वर्ग के लोगों ने बलिदान दिया। उन्होंने जीने की बजाय इस मिट्टी के लिए मरना स्वीकार किया।
आज का भारत गुलामी की मानसिकता पीछे छोड़ रहा-पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने आज का भारत अपनी विरासत पर गर्व करते हुए आगे बढ़ रहा है। देश अब गुलामी की मानसिकता को पीछे छोड़ रहा है। जब हम अपनी परंपरा और विरासत को लेकर चलते हैं तो पूरी दुनिया हमें इज्जत की नजरों से देखती है। आज पूरा विश्व भारत की तरफ देख रहा है। अर्थव्यवस्था हो, खेल हो, विज्ञान हो, आध्यात्म हो, नीति-रणनीति हो, सभी क्षेत्र में भारत आगे है। पीएम मोदी ने कहा कि आने वाले 25 साल में हम भारत की प्रतिष्ठा को विश्वभर में फैलाएंगे। हमें एक पल न गंवाना है, न ठहरना है। गुरूओं ने हमें यही सीख दी थी और वही सीख आज भी है। हमें इस मिट्टी की आन-बान और शान के लिए जीना है। राष्ट्र की महान संतान के रूप में हमें देश को विकसित बनाने के लिए जूझना है, जुटना और विजयी बन कर निकलना है। भारत आज उस कालखंड से गुजर रहा है, जो युगों युगों में एक बार आता है। आज अनेक फैक्टर एक साथ जुड़ गए हैं। आज भारत दुनिया के उन देशों में से है, जो देश सबसे ज्यादा युवा है। इतने युवा तो आजादी के समय भी नहीं थे। जब वे युवा आजादी दिला सकते हैं तो आज के युवा देश को कहां पहुंचा देंगे, आप कल्पना कीजिए।
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