Budget Session: 'तमाशा करने वालों को..', PM ने कविताएं सुना कांग्रेस पर किए हमले

Published : Feb 06, 2025, 05:13 PM ISTUpdated : Feb 06, 2025, 08:15 PM IST
PM Narendra Modi Speech in Rajya Sabha

सार

पीएम मोदी ने राज्यसभा में कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने इमरजेंसी और अन्य घटनाओं का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर अभिव्यक्ति की आजादी दबाने का आरोप लगाया और कविताओं के माध्यम से तंज कसा।

नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र (Parliament Budget Session 2025) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को राज्यसभा को संबोधित किया। वह राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोल रहे हैं। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है। पीएम ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम लेते हुए एक के बाद एक कई कविताओं की पंक्तियां सुनाई।

नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम संविधान निर्माताओं की भावना का आदर करते हैं। UCC संविधान बनाने वालों की भावना का आदर करती है। पीएम ने कहा,"कांग्रेस ने आजादी मिलने के कुछ साल बाद ही संविधान निर्माताओं की भावनाओं की धज्जियां उड़ा दी। संविधान संशोधन कर कांग्रेस ने फ्रीडम ऑफ स्पीच को कुचला। देश की पहली सरकार थी नेहरू जी (पंडित जवाहर लाल नेहरू) प्रधानमंत्री थे। मुंबई में मजदूरों के हड़ताल में मजरूह सुल्तानपुरी ने कविता पढ़ी। उन्हें जेल में डाल दिया गया। हड़ताल में शामिल होने पर बलराज साहनी को जेल में बंद कर दिया। लता मंगेशकर के भाई को आकाशवाणी पर बैन कर दिया गया।"

इमरजेंसी के दिनों को भूल नहीं सकता

पीएम ने कहा, "इस देश ने इमरजेंसी का दौर देखा है। देवानंद जी से कहा गया कि इमरजेंसी का समर्थन कीजिए। उन्होंने ऐसा नहीं किया, हिम्मत दिखाई। दूरदर्शन पर देवानंद की सभी फिल्मों पर बैन लगा दिया गया। किशोर कुमार ने कांग्रेस के लिए गाना गाने से मना किया तो आकाशवाणी पर उनके सभी गाने बैन कर दिए गए। मैं इमरजेंसी के उन दिनों को भूल नहीं सकता। आपातकाल में जॉर्ज फर्नांडिस समेत कई गणमान्य नेताओं को हथकड़ी लगाई गई, उन्हें जंजीरों से बांधा गया। शाही परिवार के अहंकार के लिए, उनकी खुशी के लिए जेलों को भर दिया गया।"

 

 

तमाशा करने वालों को क्या खबर...

नरेंद्र मोदी ने मल्लिकार्जुन खड़गे को संबोधित करते हुए शेर सुनाया। उन्होंने कहा, "तमाशा करने वालों को क्या खबर, हमने कितने तूफानों को पार कर दीया जलाया है।" पीएम ने कहा, "एक बार मैं देख रहा था कि खड़गे जी कविताएं पढ़ रहे थे। अध्यक्ष जी आपने पूछा था कि ये कविताएं किसकी हैं और किस समय की हैं। ऐसा नहीं कि मल्लिकार्जुन जी को पता नहीं था। वह बोल नहीं सकते थे। कांग्रेस परिवार में तो कुछ कह नहीं सकते। यहीं आकर अपनी बात कह लेते हैं। खड़गे जी कवि नीरज की कविता सुना रहे थे। ये कांग्रेस के शासन के समय लिखी गईं थीं।"

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पीएम ने कहा, "मैं खड़गे जी को कवि नीरज की कविता सुनाना चाहता हूं। 'है बहुत अंधियारा, अब सूरज निकलना चाहिए। जिस तरह से भी हो ये मौसम बदलना चाहिए।' नीरज ने कांग्रेस के उस दौर में ये कविता कही थी। उनकी एक कविता है। 'मेरे देश उदास मत हो, फिर दीप जलेगा, तिमिर ढलेगा।' अटल बिहारी वाजयेपी ने 40 साल पहले कहा था। 'सूरज निकलेगा, अंधेरा छंटेगा, कमल खिलेगा।'

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