मंगलुरु में बोले पीएम मोदी- ग्रीन ग्रोथ के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा भारत, नए अवसर हैं ग्रीन जॉब

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक के मंगलुरु में जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत ग्रीन ग्रोथ के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है। ग्रीन जॉब आज नए अवसर हैं।
 

Asianet News Hindi | Published : Sep 2, 2022 10:54 AM IST / Updated: Sep 02 2022, 04:55 PM IST

मंगलुरु। कर्नाटक के मंगलुरु में 3800 करोड़ रुपए की परियोजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आज देश की समुद्री सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा दिन है। राष्ट्र की सैन्य सुरक्षा हो या फिर आर्थिक सुरक्षा, भारत आज बड़े अवसरों का साक्षी बन रहा है। 

नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब से कुछ समय पहले कोच्चि में भारत के पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर के लोकार्पण ने हर भारतीय को गर्व से भर दिया है। अब यहां मंगलुरु में 3700 करोड़ रुपए से अधिक के प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण, शिलान्यास और भूमिपूजन हुआ है। मंगलुरु पोर्ट की क्षमता के विस्तार के साथ यहां रिफायनरी और मछुआरों की आय बढ़ाने के अनेक प्रोजेट्स शुरू हुए हैं। इन प्रोजेक्ट्स से कर्नाटक में व्यापार और उद्योग को ताकत मिलेगी। एक जिला एक उत्पाद के तहत विकसित किए जा रहे कर्नाटक के किसानों और मछुआरों के उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाना और आसान होगा। 

मैनुफैक्चरिंग सेक्टर और मेक इन  इंडिया के विस्तार से विकसित बनेगा भारत
नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस बार स्वतंत्रता दिवस पर मैंने जिन पांच प्रण की बात की है उसमें पहला है विकसित भारत का निर्माण। विकसित भारत के निर्माण के लिए देश के मैनुफैक्चरिंग सेक्टर और मेक इन  इंडिया का विस्तार करना बहुत जरूरी है। विकसित भारत का निर्माण करने के लिए जरूरी है कि हमारा निर्यात बढ़े। 

दुनिया में हमारा प्रोडक्ट कॉस्ट के मामले में कॉम्पटिटिव हो। ये सस्ते और सुगम लॉजिस्टिक्स के बिना संभव नहीं है। इसी सोच के साथ पिछले आठ साल से देश के आधारभूत संरचना पर अभूतपूर्व काम हो रहा है। आज देश का शायद ही कोई हिस्सा है जहां इन्फ्रास्ट्रक्चर के किसी बड़े प्रोजेक्ट का काम नहीं चल रहा हो। भारतमाला से सीमवार्ती राज्यों की सड़कों को मजबूत किया जा रहा है तो कोस्टल एरिया की सड़कों को सागरमाला से शक्ति मिल रही है।

पोर्ट लेड डेवलपमेंट है विकास का मंत्र
पीएम ने कहा कि बीते वर्षों में देश ने पोर्ट लेड डेवलपमेंट को विकास का अहम मंत्र बनाया है। इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि सिर्फ आठ साल में भारत के पोर्ट की क्षमता लगभग दोगुणी हो गई है। 2014 तक हमारे यहां जितनी पोर्ट कैपिसिटी बनाई गई थी, पिछले 8 वर्षों में उतनी ही नई जोड़ी गई है। मंगलोर पोर्ट में टेक्नोलॉजी से जुड़ी नई सुविधाएं जोड़ी गई हैं। इससे इसकी क्षमता और कार्यकुशलता दोनों बढ़ेगी। आज गैस और लिक्विड कार्गो से जुड़े जिन चार प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास किया गया है उनसे कर्नाटक और देश का बहुत लाभ होने वाला है। इससे खाद्य तेल और एलपीजी गैस की आयात लागत कम होगी।

मोदी ने कहा कि अमृत काल में भारत ग्रीन ग्रोथ के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है। ग्रीन ग्रोथ और ग्रीन जॉब नए अवसर हैं। यहां की रिफायनरी में जो नई सुविधाएं आज जुड़ी हैं वे भी हमारी इन्हीं प्राथमिकताओं को दर्शाती हैं। पिछले आठ वर्षों में देश ने जिस प्रकार इन्फ्रास्ट्रक्चर को प्राथमिकता बनाया है इसका बहुत बड़ा लाभ कर्नाटक को मिलने वाला है। कर्नाटक सागरमाला योजना के सबसे बड़े लाभार्थियों में से एक है। 

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पाइपलाइन में हैं 1 लाख करोड़ के प्रोजेक्ट्स
नरेंद्र मोदी ने कहा कि कर्नाटक में सिर्फ नेशनल हाईवे के क्षेत्र में पिछले 8 साल में लगभग 70 हजार करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स पर काम हुआ है। इतना ही नहीं, लगभग 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक के प्रोजेक्ट्स पाइपलाइन में हैं। रेलवे में 2014 से पहले की तुलना में कर्नाटक के बजट में चार गुणा वृद्धि हुई है। कर्नाटक में रेल लाइनों के बिजलीकरण का बहुत बड़ा हिस्सा पिछले 8 साल में पूरा किया गया है। 

गरीबों को मिल रहा विकास का लाभ
आजादी के बाद दशकों तक हमारे यहां ऐसी स्थिति रही कि सिर्फ साधनसंपन्न लोगों को विकास का लाभ मिला। कमजोर लोगों को पहली बार विकास के लाभ से जोड़ा गया है। पहले उन्हें आर्थिक दृष्टि से छोटा समझकर भुला दिया गया था। हमारी सरकार उनके साथ है। छोटे किसान, छोटे व्यापारी, मछुआरे, रेहड़ी-पटरी वाले, ऐसे करोड़ों लोगों को पहली बार देश के विकास का लाभ मिलना शुरू हुआ है। 

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मछुआरों और समुद्र के तटों के पास रहने वालों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए कर्नाटक की डबल इंजन की सरकार काम कर रही है। मछुआरों को किसान क्रेडिट कार्ड दिया गया है। गहरे समुद्र में मछली पकड़ने के लिए जरूरी नावें दिए गए हैं। मछुआरों की आमदनी बढ़ाने के लिए पहली बार इस तरह काम हो रहे हैं।

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