नागरिकता बिल के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पुलिस का लाठीचार्ज, यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कहा हिंसा में शामिल नहीं थे स्टुडेंट

जामिया मिलिया इस्लामिया के समीप नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों एवं पुलिस के बीच झड़प के बाद कम से कम 35 घायल विद्यार्थियों को समीप अस्पताल ले जाया गया। 

Asianet News Hindi | Published : Dec 15, 2019 5:19 PM IST

नई दिल्ली. जामिया मिलिया इस्लामिया के समीप नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों एवं पुलिस के बीच झड़प के बाद कम से कम 35 घायल विद्यार्थियों को समीप अस्पताल ले जाया गया। ये सभी विद्यार्थी प्रदर्शन कर रहे थे, जिन पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया है। पुलिस के अनुसार इन छात्रों ने सुरक्षा बलों पर पत्थरबाजी की थी, जबकि विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि हमारे छात्र हिंसा में शामिल नहीं थे। हिंसक प्रदर्शन और विवादों के चलते जामिया यूनिवर्सिटी में शीतकालीन अपकाश घोषित कर दिया गया है। अब यूनुलर्सिटी सीधे 5 जनवरी को खुलेगी। 

सूत्रों के अनुसार 35 लोग घायल अवस्था में होली फैमिली अस्पताल में ले जाये गये। उनमें से 11 भर्ती को कराया गया। आईटीओ इलाके में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ ने इसका आह्वान किया था। अन्य छात्र निकायों ने भी इस आह्वान का समर्थन किया ।

रविवार को उससे पहले जामिया विश्वविद्यालय के पास प्रदर्शनकारियों ने वाहनों में आग लगा दी थी और उनकी पुलिस के साथ झड़प हुई थी। पुलिस स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए जामिया मिलिया इस्लामिया में घुसी । उसने कहा कि उसने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है जो कथित रूप से हिंसा में शामिल थे। लेकिन जामिया विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि विद्यार्थी हिंसा में शामिल नहीं थे।

JNU से लेकर जामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी तक के छात्र CAA का विरोध कर रहे हैं। कई जगहों पर हिंसक प्रदर्शन भी हुए हैं, जिसके जवाब में पुलिस ने आंसू गैस और लाठीचार्ज का सहारा लेकर भीड़ को कम करने का प्रयास किया है।  
 

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