दिल्ली हिंसा के दौरान पुलिसवाले पर गन तानने के आरोपी शाहरुख को गिरफ्तार कर लिया गया है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने बताया कि वह यूपी के शामली में छुपा हुआ था।
नई दिल्ली. दिल्ली हिंसा के दौरान पुलिसवाले पर गन तानने के आरोपी शाहरुख को गिरफ्तार कर लिया गया है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने बताया कि वह यूपी के शामली में छुपा हुआ था। शाहरुख से शुरुआती पूछताछ के बाद पुलिस ने बताया कि वह अकेले ही विरोध प्रदर्शन करने के लिए आया था। शाहरुख के पास जो पिस्टल थी वह बिहार के मुंगेर की बनी हुई थी। उसने अपनी फैक्ट्री में काम करने वाले एक शख्स से उसे खरीदा था।
शाहरुख ने फायरिंग की बात कबूल की
पुलिस ने बताया कि शुरुआती पूछताछ में शाहरुख ने कहा कि हां मैंने फायरिंग की थी। पुलिस आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन के साथ उसके कनेक्शन की जांच कर रही है। पुलिस उस बंदूक को भी बरामद करने की कोशिश में है, जिसका इस्तेमाल शाहरुख ने फायरिंग में किया था।
तैश में आकर शाहरुख ने गोली चलाई थी: पुलिस
दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अजीत कुमार सिंगला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहा, विरोध प्रदर्शन के दौरान शाहरुख ने तैश में आकर गोलीबारी की। हम उस पिस्तौल को बरामद करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शाहरुख का कोई आपराधिक रिकोर्ड नहीं है। हालांकि इसके पिता के खिलाफ नशीले पदार्थों और नकली मुद्रा का मामला दर्ज है।
टिक-टॉक और जिम का शौकीन है शाहरुख
पुलिस के मुताबिक शाहरुख बीए सेकंड ईयर का स्टूडेंट है। वह मॉडलिंग करने का शौकीन है और टिक टॉक वीडियो बनाता है। पुलिस के मुताबिक, इसने हिंसा के दौरान तीन गोलियां चलाई थीं।
फायरिंग के बाद पार्किंग में सोया था
पुलिस ने बताया कि दिल्ली हिंसा के दौरान फायरिंग के बाद शाहरुख कनॉट प्लेस की एक पार्किंग में सोया था। इसके बाद जालंधर भाग गया। वहां से बरेली और फिर शामली चला गया। शामली बस स्टैंड पर ही पुलिस ने शाहरुख को पकड़ा।
ज्यादा से ज्यादा रिमांड पर रखने की कोशिश
अजीत कुमार सिंगला ने बताया कि शाहरुख पर आईपीसी की धारा 307 (हत्या का प्रयास),186 और 353 सहित आर्म्स एक्ट लगाए गए हैं। हम उसको ज्यादा से ज्यादा समय रिमांड में रखने की कोशिश करेंगे।
कब शुरू हुई थी दिल्ली हिंसा?
दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके में 23 फरवरी (रविवार) की शाम से हिंसा की शुरुआत हुई। इसके बाद 24 फरवरी पूरे दिन और 25 फरवरी की शाम तक आगजनी, पत्थरबाजी और हत्या की खबरें आती रहीं। हिंसा में 47 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में एक हेड कॉन्स्टेबल और एक आईबी का कर्मचारी भी शामिल है।
दिल्ली में कैसे शुरू हुई हिंसा?
सीएए के विरोध में शाहीन बाग में करीब 2 महीने से महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं। 23 फरवरी (रविवार) की सुबह कुछ महिलाएं जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के बाहर विरोध प्रदर्शन करने लगीं। दोपहर होते-होते मौजपुर में भी कुछ लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। शाम को भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि दिल्ली में दूसरा शाहीन बाग नहीं बनने देंगे। कपिल मिश्रा भी अपने समर्थकों के साथ सड़क पर उतर आए, जिसके बाद मौजपुर चौराहे पर दोनों तरफ से ट्रैफिक जाम हो गया। इसी दौरान सीएए का समर्थन और विरोध करने वालों के बीच पत्थरबाजी शुरू हो गई। यहीं से विवाद ऐसा बढ़ा कि तीन दिन तक जारी रहा।