अब केंद्र की बिजली परियोजनाओं की निगरानी के लिए जिलास्तर पर कमेटी, MP-MLA भी होंगे निगरानी कमेटी में शामिल

पिछले पांच वर्षों में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई), एकीकृत विद्युत विकास योजना (आईपीडीएस), प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) आदि के तहत लगभग 2 लाख करोड़ रुपये उपलब्ध कराये गए हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Sep 17, 2021 11:58 AM IST

नई दिल्ली। देश में चल रहे पॉवर प्रोजेक्ट्स की निगरानी के लिए मिनिस्ट्री ऑफ पॉवर ने जिलास्तरीय कमेटी गठित करने का ऐलान किया है। यह कमेटियां भारत सरकार की सभी पॉवर प्रोजेक्ट्स की निगरानी करेंगी। कमेटी का अध्यक्ष जिले का वरिष्ठतम सांसद होंगा। 

कौन कौन होगा जिला निगरानी कमेटी में? 

 
तीन महीने में कम से कम एक बार होगी मीटिंग

Power Ministry के आदेश में कहा गया है कि सरकार की योजनाओं के अनुसार जिले में विद्युत आपूर्ति बुनियादी ढांचे के समग्र विकास की समीक्षा और समन्वय करने के लिए जिले की समिति तीन महीने में कम से कम एक बार जिला मुख्यालय पर बैठक करेगी। मीटिंग में भारत सरकार की सभी योजनाएं (विद्युत से संबंधित), जिसमें उनकी प्रगति और गुणवत्ता के मुद्दे शामिल हैं, की समीक्षा और रिव्यू होगी।

नेटवर्क के नियमित संचालन और रखरखाव सहित सब-ट्रांसमिशन तथा वितरण नेटवर्क का विकास, विद्युत आपूर्ति की गुणवत्ता और विश्वसनीयता पर कार्यों का प्रभाव, उपभोक्ता सेवा आपूर्ति की गुणवत्ता की भी समीक्षा की जाएगी। इसके अलावा शिकायत और निवारण प्रणाली की निगरानी हो सकेगी। आदेश में यह भी कहा गया है कि नियमित आधार पर बैठकें आयोजित करने और समय पर रिपोर्ट जारी करने की जिम्मेदारी संयोजक तथा सदस्य सचिव की होगी।

इन कार्यों में आएगी तेजी

केंद्र सरकार देश में वितरण प्रणाली को मजबूत करने के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत धन मुहैया कराती रही है। पिछले पांच वर्षों में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई), एकीकृत विद्युत विकास योजना (आईपीडीएस), प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) आदि के तहत लगभग 2 लाख करोड़ रुपये उपलब्ध कराये गए हैं। वितरण प्रणाली को मजबूत करने के लिए अधिक सबस्टेशन स्थापित करने, मौजूदा सबस्टेशनों को अपग्रेड करने, हाई टेंशन/ लो टेंशन लाइन, ट्रांसफॉर्मर आदि के लिए भी वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। सरकार ने जहां आवश्यक हो, वितरण प्रणाली को और मजबूत करने तथा उभरती चुनौतियों का सामना करने के लिए इसे आधुनिक बनाने हेतु 3 लाख करोड़ की एक नई योजना को भी मंजूरी दी है।

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