शिक्षक पर्व में बोले PM-'देश में बदलाव का वातावरण है, 3 साल की उम्र से ही प्री-स्कूल एजुकेशन अनिवार्य होगी'

Prime Minister Narendra Modi ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग(VC) के जरिये शिक्षक पर्व के पहले सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने एजुकेशन फील्ड में बदलावों की पहल भी की है।

Asianet News Hindi | Published : Sep 7, 2021 5:00 AM IST / Updated: Sep 07 2021, 12:00 PM IST

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शिक्षक पर्व को संबोधित किया । इस दौरान शिक्षा के क्षेत्र में बदलावों की पहल भी की। सबसे पहले मोदी ने राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा-मैं सबसे पहले राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले हमारे शिक्षकों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आप सभी ने कठिन समय में देश में शिक्षा के लिए विद्यार्थियों के भविष्य के लिए जो योगदान दिया है, वो अतुलनीय है, सराहनीय है। मोदी ने कहा-आज शिक्षक पर्व पर अनेक नई परियोजनाओं का शुभारंभ हुआ है। ये पहल इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि देश अभी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। आज जो योजनाएं शुरु हुई हैं, वो भविष्य के भारत को आकार देने में अहम भूमिका निभाएंगी।

3 साल की उम्र से ही प्री स्कूल
मोदी ने कहा कि निपुण भारत अभियान में तीन वर्ष से आठ वर्ष तक के बच्चों के लिए foundational literacy and numeracy mission लांच किया गया है। तीन वर्ष की उम्र से ही सभी बच्चे अनिवार्यता प्री स्कूल शिक्षा प्राप्त करें इस दिशा में जरूरी कदम उठाए जाएंगे। आप सभी इस बात से परिचित हैं कि किसी भी देश की प्रगति के लिए एजुकेशन न केवल Inclusive होनी चाहिए बल्कि equitable भी होनी चाहिए। इसीलिए, आज देश Talking बुक्स और Audio बुक्स जैसी तकनीक को शिक्षा का हिस्सा बना रहा है।

शिक्षकों की तारीफ
मोदी बोले-हमारे शिक्षक अपने काम को केवल एक पेशा नहीं मानते, उनके लिए पढ़ाना एक मानवीय संवेदना है, एक पवित्र नैतिक कर्तव्य है। इसीलिए, हमारे यहां शिक्षक और बच्चों के बीच professional रिश्ता नहीं होता, बल्कि एक पारिवारिक रिश्ता होता है। तेजी से बदलते इस दौर में हमारे शिक्षकों को भी नई व्यवस्थाओं और तकनीकों के बारे में तेजी से सीखना होता है। ‘निष्ठा’ ट्रेनिंग प्रोग्राम्स के जरिए देश अपने टीचर्स को इन्हीं बदलावों के लिए तैयार कर रहा है।

कोविड के दौरान चुनौतियां
मोदी ने कहा-COVID के दौरान  हम सभी ने अपने शिक्षा क्षेत्र की क्षमताओं को देखा है। बहुत सारी चुनौतियां थीं, लेकिन आपने सभी चुनौतियों को तेजी से हल किया। ऑनलाइन कक्षाएं, समूह वीडियो कॉल, ऑनलाइन परीक्षा- जैसे शब्द पहले कई लोगों ने नहीं सुने थे। आज विद्यांजली 2.0, निष्ठा 3.0, टॉकिंग बुक्स और यूएलडी बेस आईएसएल डिक्शनरी जैसे नए कार्यक्रम और व्यवस्थाएं लॉन्च की गई हैं। मुझे पूरा भरोसा है कि यह हमारे शिक्षा व्यवस्था को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगी।

क्षमताओं को आगे बढ़ाएं
अब समय है कि हम अपनी क्षमताओं को आगे बढ़ाएं। हमने कोरोना काल के मुश्किल समय में जो कुछ सीखा है उसे एक नई दिशा दें। आज एक ओर देश के पास बदलाव का वातावरण है तो साथ ही नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति जैसी आधुनिक पॉलिसी भी है: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

हर खिलाड़ी 75 स्कूलों मे जाए
मोदी ने कहा-अभी हाल ही में संपन्न हुए टोक्यो ओलंपिक और पैरालंपिक में हमारे खिलाड़ियों ने शानदान प्रदर्शन किया। मैंने अपने खिलाड़ियों से अनुरोध किया है कि आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर हर खिलाड़ी कम से कम 75 स्कूलों में जाएं।

देश के पास बदलाव का वातावरण
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब समाज मिलकर कुछ करता है, तो इच्छित परिणाम अवश्य मिलते हैं। और आपने ये देखा है कि बीते कुछ वर्ष में जनभागीदारी अब फिर भारत का नेशनल कैरेक्टर बनता जा रहा है। आज एक ओर देश के पास बदलाव का वातावरण है, तो साथ ही नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति जैसी आधुनिक और भविष्य की नीति भी है। इसलिए पिछले कुछ समय से देश लगातार एजुकेशन सेक्टर में एक के बाद एक नए निर्णय ले रहा है, एक बड़ा बदलाव होते देख रहा है।

मिलकर काम करने से इच्छित परिणाम मिलते हैं
मोदी ने कहा-जब समाज मिलकर कुछ करता है तो इच्छित परिणाम अवश्य मिलते हैं, और आपने ये देखा है कि बीते कुछ वर्ष में जनभागीदारी अब फिर भारत का नेशनल कैरेक्टर बनता जा रहा है। पिछले 6-7 वर्षों में जनभागीदारी की ताकत से भारत में ऐसे-ऐसे कार्य हुए हैं, जिनकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था।

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इनका किया शुभारंभ
मोदी ने भारतीय सांकेतिक भाषा शब्दकोश (श्रवण बाधितों के लिए ऑडियो और अंतर्निहित पाठ सांकेतिक भाषा वीडियो, ज्ञान के सार्वभौमिक डिजाइन के अनुरूप), बोलने वाली किताबें (टॉकिंग बुक्स, नेत्रहीनों के लिए ऑडियो किताबें), सीबीएसईकी स्कूल गुणवत्ता आश्वासन और आकलन रूपरेखा,निपुणभारतके लिए ‘निष्ठा’ शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम और विद्यांजलि पोर्टल (विद्यालय के विकास के लिए शिक्षा स्वयंसेवकों/ दाताओं/ सीएसआर योगदानकर्ताओं की सुविधा के लिए) का शुभारंभ किया।

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आयोजन का उद्देश्य
‘शिक्षक पर्व-2021’ का विषय “गुणवत्ता और सतत विद्यालय: भारत में विद्यालयों से ज्ञान प्राप्ति” है। यह सम्मलेन न केवल सभी स्तरों पर शिक्षा की निरंतरता सुनिश्चित करने, बल्कि देश भर के स्कूलों में गुणवत्ता, समावेशी प्रथाओं और स्थायित्व में सुधार के लिए नवीन तौर-तरीकों को प्रोत्साहित करेगा। कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय शिक्षा मंत्री और केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री भी उपस्थित रहे।

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