असम के गुवाहाटी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब मैं विकास की बात करता हूं तो क्रेडिट के भूखे लोगों को परेशानी होती है। क्रेडिट के भूखे और जनता पर राज करने की मानसिकता वाले लोगों ने देश का बहुत नुकसान किया है।
गुवाहाटी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को एम्स गुवाहाटी और असम के तीन और मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने राज्य के लोगों को 14,300 करोड़ रुपए की विकास परियोजनाओं की सौगात दी। इसके बाद पीएम ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले कुछ समय से देशभर में जब मैं विकास की बात करता हूं तो क्रेडिट के भूखे लोगों को परेशानी होती है। इन्होंने देश का काफी नुकसान किया है।
एम्स गुवाहाटी के उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री ने कहा, “आज एम्स गुवाहाटी और तीन मेडिकल कॉलेज आपको सौंपने का सौभाग्य मिला है। बीते वर्षों में असम में डेंटल कॉलेज की सुविधाओं का विस्तार हुया है। इन सभी को नॉर्थ ईस्ट में लगातार बेहतर हो रही रेल-रोड कनेक्टिविटी से मदद मिल रही है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को जो समस्या आती थी वह अब दूर हुई है। इससे माता और बच्चे के जीवन पर संकट कम हुआ है।”
देखने को मिल रही नई बीमारी
पीएम ने कहा, "आजकल एक नई बीमारी देखने को मिल रही है। मैं देश में कहीं भी जाता हूं, पिछले 9 वर्षों में हुए विकास की चर्चा करता हूं तो कुछ लोगों को बहुत परेशानी हो जाती है। वो शिकायत करते हैं कि दशकों तक उन्होंने भी देश पर राज किया है। उन्हें क्रेडिट क्यों नहीं मिलता? क्रेडिट के भूखे लोगों और जनता पर राज करने की भावना ने देश का बहुत नुकसान किया है। जनता तो ईश्वर का रूप होती है।"
क्रेडिट के भूखे लोगों को नहीं था नॉर्थ ईस्ट से अपनापन
नरेंद्र मोदी ने कहा, "पहले वाले क्रेडिट के भूखे थे, इसलिए नॉर्थ ईस्ट उन्हें दूर लगता था। एक परायेपन का अहसास था। हम तो सेवा भाव से आपकी सेवा करते रहते हैं। इसलिए नॉर्थ ईस्ट हमें दूर भी नहीं लगता और अपनेपन का भाव भी कभी कम नहीं होता है। आज नॉर्थ ईस्ट के लोगों ने विकास की बागडोर आगे आकर अपने हाथों में संभाल ली है। वे नॉर्थ ईस्ट के विकास से भारत के विकास के मंत्र को आगे बढ़ा रहे हैं। केंद्र सरकार दोस्त बनकर सभी राज्यों के साथ काम कर रही है। आज का यह आयोजन भी इसी का जीता-जागता उदाहरण है।
हमारी सरकार ने 15 नए एम्स पर काम शुरू किया
पीएम ने कहा- "दशकों तक हमारा पूर्वोत्तर कई और चुनौतियों से जूझता रहा। जब किसी सेक्टर में परिवारवाद, क्षेत्रवाद, भ्रष्टाचार और अस्थिरता की राजनीतिक हावी होती है तो विकास होना असंभव हो जाता है। यही हमारे हेल्थकेयर सिस्टम के साथ हुआ। दिल्ली में जो एम्स है। वह 50 के दशक में बना था। देश के कोने-कोने से लोग आकर दिल्ली एम्स में इलाज कराते थे, लेकिन दशकों तक किसी ने यह नहीं सोचा कि देश के दूसरे हिस्से में भी एम्स खोलने चहिए। अटल जी की सरकार थी तो पहली बार इसके लिए प्रयास किया गया। उनकी सरकार जाने के बाद फिर सब ठप पर गया था। जो एम्स खोले भी गए वहां व्यवस्थाएं खस्ताहाल रहीं। 2014 के बाद हमने सारी कमियों को दूर किया। बीते वर्षों में 15 नए एम्स पर काम शुरू किया है। इनमें से अधिकतर में इलाज और पढ़ाई दोनों सुविधा शुरू हो गई है। एम्स गुवाहाटी भी इस बात का उदाहरण है कि हमारी सरकार जो संकल्प लेती है उसे सिद्ध करके दिखाती है।"
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उन्होंने कहा, "असम की जनता का प्यार मुझे बार-बार यहां खींच लाता है। एम्स गुवाहाटी के शिलान्यास के समय भी आपके प्यार ने बुला लिया था, आज लोकार्पण में भी आने का अवसर मिला है। पहले की सरकारों की नीतियों की वजह से हमारे यहां डॉक्टरों और दूसरे प्रोफेशनल्स की बहुत कमी रही है। यह कमी भारत में क्वालिटी हेल्थ सर्विस के सामने बहुत बड़ी दीवार थी। इसलिए बीते 9 साल में हमारी सरकार मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर और प्रोफेशनल्स बढ़ाने पर काम किया है। 2014 से पहले दस सालों में करीब 150 मेडिकल कॉलेज बने थे, पिछले 9 साल में हमारी सरकार में करीब 300 नए मेडिकल कॉलेज बने। मेडिकल के सीटों की संख्या में भी वृद्धि हुई है।"