ऑपरेशन गंगा ने लगभग 23 हजार भारतीय नागरिकों के साथ-साथ 18 देशों के 147 विदेशी नागरिकों को यूक्रेन से सफलतापूर्वक निकाला। बातचीत के दौरान, यूक्रेन, पोलैंड, स्लोवाकिया, रोमानिया और हंगरी में भारतीय समुदाय और निजी क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने ऑपरेशन गंगा का हिस्सा होने के अपने अनुभव बताए।
नई दिल्ली। यूक्रेन (Ukraine) में फंसे भारतीयों को निकालने में मदद करने वाले और ऑपरेशन गंगा (Operation Ganga) में शामिल स्टेक होल्डर्स से मंगलवार को पीएम मोदी (PM Modi) ने बातचीत की है। ऑपरेशन गंगा में शामिल लोगों ने अपने अनुभव साझा किए तो पीएम मोदी ने सबको धन्यवाद किया। ऑपरेशन गंगा ने लगभग 23 हजार भारतीय नागरिकों के साथ-साथ 18 देशों के 147 विदेशी नागरिकों को यूक्रेन से सफलतापूर्वक निकाला।
बातचीत के दौरान, यूक्रेन, पोलैंड, स्लोवाकिया, रोमानिया और हंगरी में भारतीय समुदाय और निजी क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने ऑपरेशन गंगा का हिस्सा होने के अपने अनुभव बताए। उन्होंने अपने सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में बात की, और इस तरह के एक जटिल मानवीय अभियान में योगदान देने पर संतोष और सम्मान की भावना व्यक्त की।
पीएम मोदी ने की प्रशंसा
प्रधानमंत्री ने ऑपरेशन की सफलता के लिए अथक प्रयास करने वाले भारतीय समुदाय के नेताओं, स्वयंसेवी समूहों, कंपनियों, निजी व्यक्तियों और सरकारी अधिकारियों के लिए अपनी हार्दिक प्रशंसा व्यक्त की। उन्होंने ऑपरेशन गंगा में शामिल सभी हितधारकों द्वारा प्रदर्शित देशभक्ति के उत्साह, सामुदायिक सेवा की भावना और टीम भावना की प्रशंसा की। श्री मोदी ने विशेष रूप से विभिन्न सामुदायिक संगठनों की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनकी निस्वार्थ सेवा भारतीय सभ्यता के मूल्यों का उदाहरण है जो वे विदेशों में भी अपनाते हैं।
विश्व के नेताओं से बातचीत के अनुभव को पीएम ने किया साझा
संकट के दौरान भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयासों के बारे में बोलते हुए, प्रधान मंत्री मोदी ने यूक्रेन और उसके पड़ोसी देशों के नेताओं के साथ अपनी व्यक्तिगत बातचीत को याद किया। उन्होंने सभी विदेशी सरकारों से मिले समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया।
विदेशों में भारतीयों की सुरक्षा को सरकार द्वारा दी जाने वाली उच्च प्राथमिकता को दोहराते हुए, प्रधान मंत्री ने याद किया कि भारत ने किसी भी अंतरराष्ट्रीय संकट के दौरान अपने नागरिकों की सहायता के लिए हमेशा तत्परता से काम किया है। उन्होंने कहा कि भारत के वसुधैव कुटुम्बकम के सदियों पुराने दर्शन से प्रेरित होकर, भारत ने भी आपात स्थितियों के दौरान अन्य देशों के नागरिकों को मानवीय सहायता प्रदान की है।
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