
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) ने आज हिमाचल प्रदेश के मंडी में11,000 करोड़ रुपये से अधिक की पनबिजली परियोजनाओं (hydroelectric projects) का उद्घाटन और शिलान्यास किया। मोदी ने रेणुकाजी बांध परियोजना की आधारशिला रखी, जिसे सहकारी संघवाद के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के तहत छह राज्यों को एक साथ लाकर संभव बनाया गया है। यह परियोजना दिल्ली की जलापूर्ति में पर्याप्त वृद्धि करके दिल्ली के लिए अत्यधिक लाभकारी सिद्ध होगी।
डबल इंजन सरकार को 4 साल पूरे
मोदी ने कहा-आज डबल इंजन की सरकार के भी 4 साल पूरे हुए हैं। सेवा और सिद्धि के इन 4 सालों के लिए हिमाचल की जनता जनार्दन को बहुत बहुत बधाई देता हूं। हिमाचल से मेरा हमेशा से एक भावात्मक रिश्ता रहा है। हिमाचल की धरती ने मेरे जीवन को दिशा देने में अहम भूमिका निभाई है। जयराम जी और उनकी परिश्रमी टीम ने हिमाचल वासियों के सपनों को पूरा करने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है। इन 4 वर्षों में 2 साल हमने मजबूती से कोरोना से भी लड़ाई लड़ी है और विकास के कार्यों को भी रुकने नहीं दिया। हिमाचल प्रदेश शिव और शक्ति का स्थान है। पंच कैलाश में से 3 कैलाश हिमाचल प्रदेश में हैं, कई शक्ति पीठ यहां स्थित हैं। डबल इंजन की सरकार हिमाचल की इस ताकत को कई गुणा बढ़ाने वाली है। मंडी में शिव धाम का निर्माण भी इसी प्रतिबद्धता का परिणाम है।
देश के विकास की धारा निकली
मोदी ने कहा-गिरी नदी पर बन रही श्री रेणुकाजी बांध परियोजना जब पूरी हो जाएगी तो एक बड़े क्षेत्र को इससे सीधा लाभ होगा। इस प्रोजेक्ट से जो भी आय होगी उसका भी एक बड़ा हिस्सा यहीं के विकास पर खर्च होगा। श्री रेणुका जी हमारी आस्था का अहम केंद्र है। भगवान परशुराम और उनकी मां रेणुका जी के स्नेह की प्रतीक इस भूमि से आज देश के विकास के लिए भी एक धारा निकली है। बीते चार सालों में हिमाचल को पहला एम्स मिला, हमीरपुर, मंडी, चंबा और सिरमौर में चार नए मेडिकल कॉलेज स्वीकृत किए गए। अभी यहां थोड़ी देर पहले 11,000 करोड़ रुपये की लागत वाले चार बड़े हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास या फिर लोकार्पण भी किया गया है।
प्लास्टिक की वजह से पहाड़ों को नुकसान
मोदी ने कहा-पहाड़ों को प्लास्टिक की वजह से जो नुकसान हो रहा है, हमारी सरकार उसे लेकर भी सतर्क है। सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ देशव्यापी अभियान के साथ ही हमारी सरकार, प्लास्टिक Waste मैनेजमेंट पर भी काम कर रही है।
फार्मेसी और फूड प्रोसेसिंग पर बोले
पीएम ने कहा-भारत को आज pharmacy of the world कहा जाता है तो इसके पीछे हिमाचल की बहुत बड़ी ताकत है। कोरोना वैश्विक महामारी के दौरान हिमाचल प्रदेश ने ना सिर्फ दूसरे राज्यों, बल्कि दूसरे देशों की भी मदद की है। हिमाचल की फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज में विस्तार की बहुत क्षमता है। इसलिए हमारी सरकार मेगा फूड पार्क से लेकर कोल्ड स्टोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत कर रही है। हिमाचल में पर्यटन के साथ ही औद्योगिक विकास की अपार संभावना है। हमारी सरकार इस दिशा में भी लगातार काम कर रही है। हमारा जोर विशेषतौर पर फूड इंडस्ट्री, फार्मिंग और फार्मा पर है।
दो विचारधाराएं
मोदी ने बिना किसी पार्टी का नाम लेकर कहा-हर देश में अलग-अलग विचारधाराएं होती हैं, लेकिन आज हमारे देश के लोग स्पष्ट तौर पर दो विचारधाराओं को देख रहे हैं। एक विचारधारा विलंब की है और दूसरी विकास की। विलंब की विचारधारा वालों ने पहाड़ों पर रहने वाले लोगों की कभी परवाह नहीं की। हिमाचल में सरकार ने लोगों के विकास के लिए अनेक नयी योजनाओं को लागू किया है और केंद्र सरकार की योजनाओं का भी बेहतर तरीके से विस्तार कर रही है। दिखाता है कि हिमाचल सरकार को लोगों की, गरीबों की कितनी चिंता है। आज देश में सरकार चलाने के दो अलग अलग मॉडल काम कर रहे हैं। एकक मॉडल है - सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास। वहीं दूसरा मॉडल है - खुद का स्वार्थ, परिवार का स्वार्थ और विकास भी खुद के परिवार का है।
पानी की सुविधा
आजादी के 7 दशक में हिमाचल में 7 लाख परिवारों को पाइप से पानी मिला था। सिर्फ 2 साल के भीतर ही और वो भी कोरोना काल के बावजूद 7 लाख से अधिक नए परिवारों को पाइप से पानी मिल चुका है। पानी के लिए हिमाचल की बहनों-बेटियों को कितनी मेहनत करनी पड़ती थी, ये आपसे बेहतर कौन जान सकता है। आज सरकार खुद पानी का कनेक्शन देने के लिए आपके दरवाजे पर दस्तक दे रही है। लोगों को बुनियादी सुविधा देने का काम हो, विलंब की विचारधारा वाले लोगों ने हिमाचल के लोगों को दशकों तक इंतजार करवाया। इसी वजह से अटल टनल के काम में बरसों का विलंब हुआ, रेणुका जी परियोजना में भी 3 दशकों के विलंब हुआ।
इन मुद्दों पर भी बोले
हमने तय किया है कि बेटियों की शादी की उम्र भी वही होनी चाहिए, जिस उम्र में बेटों को शादी की इजाजत मिलती है। बेटियों की शादी की उम्र 21 साल होने से, उन्हें पढ़ने के लिए पूरा समय भी मिलेगा और वो अपना करियर भी बना पाएंगी।
हिमाचल ने पूरी वयस्क जनसंख्या को वैक्सीन देने में बाकी अन्य राज्यों से बाजी मार ली है। यहां जो सरकार में हैं वो राजनीतिक स्वार्थ में डूबे नहीं है, बल्कि उन्होंने पूरा ध्यान हिमाचल के एक-एक नागरिक को वैक्सीन कैसे मिले इसमें लगाया है।
भारत को आज pharmacy of the world कहा जाता है तो इसके पीछे हिमाचल की बहुत बड़ी ताकत है। कोरोना वैश्विक महामारी के दौरान हिमाचल प्रदेश ने ना सिर्फ दूसरे राज्यों, बल्कि दूसरे देशों की भी मदद की है।
28000 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट
इससे पहले मोदी ने हिमाचल प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट के दूसरे ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह की अध्यक्षता की। इस बैठक से लगभग 28,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की शुरुआत के साथ क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री ने देश में उपलब्ध संसाधनों की अप्रयुक्त क्षमता का पूरी तरह से उपयोग करने पर लगातार ध्यान केंद्रित किया है। इस संबंध में एक कदम हिमालयी क्षेत्र में पनबिजली क्षमता का अधिकतम उपयोग करना है। यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा परियोजनाओं का उद्घाटन करना और अन्य परियोजनाओं का शिलान्यास करना इस दिशा में उनके एक महत्वपूर्ण कदम को दर्शाता है।
ये हैं प्रोजेक्ट
प्रधानमंत्री रेणुकाजी बांध परियोजना का शिलान्यास करेंगे। लगभग तीन दशकों से लंबित पड़ी इस परियोजना को प्रधानमंत्री के सहकारी संघवाद की सोच से संभव बनाया गया। इस परियोजना को संभव बनाने के लिए केंद्र सरकार छह राज्यों हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड और दिल्ली से बातचीत कर उन्हें एक साथ लायी। 40 मेगावाट की इस परियोजना का निर्माण करीब 7000 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। यह दिल्ली के लिए बेहद लाभदायक साबित होगी। इसके जरिए दिल्ली को प्रति वर्ष लगभग 500 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी की आपूर्ति हो सकेगी।
प्रधानमंत्री लुहरी प्रथम चरण पनबिजली परियोजना की आधारशिला रखेंगे। 210 मेगावाट की इस परियोजना का निर्माण 1800 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया जाएगा। इससे प्रति वर्ष 750 मिलियन यूनिट से अधिक बिजली का उत्पादन होगा। यह आधुनिक और भरोसेमंद ग्रिड क्षेत्र के आसपास के राज्यों के लिए भी यह फायदेमंद साबित होगा।
प्रधानमंत्री धौलासिद्ध पनबिजली परियोजना की भी आधारशिला रखेंगे। यह हमीरपुर जिले की पहली पनबिजली परियोजना होगी। 66 मेगावाट की इस परियोजना का निर्माण 680 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया जाएगा। इससे प्रति वर्ष 300 मिलियन यूनिट से अधिक बिजली का उत्पादन होगा।
प्रधानमंत्री सावरा-कुड्डू पनबिजली परियोजना का उद्घाटन करेंगे।111 मेगावाट की इस परियोजना का निर्माण लगभग 2080 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। इससे प्रति वर्ष 380 मिलियन यूनिट से अधिक बिजली का उत्पादन होगा, और राज्य को सालाना 120 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व अर्जित करने में मदद मिलेगी।
खराब मौसम के बावजूद तैयारियां मुकम्मल
इस समय हिमाचल प्रदेश में मौसम खराब है। बावजूद तैयारियां मुकम्मल हुईं। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर खराब मौसम के चलते हवाई मार्ग के बजाय सड़क मार्ग से मंडी पहुंचे। वहीं, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण किया था।
यह भी पढ़ें
जिन्ना के रास्ते पर नहीं बल्कि निषाद राज के पथ पर चलने की है BJP की परंपरा: स्वतंत्र देव सिंह
Digvijay Singh के बीफ वाले बयान पर बोले कैलाश विजयवर्गीय, दिग्विजय खान रख लें अपना नाम
यूपी में 15 से 18 वर्ष वाले लोगों के लिए चलेगा वैक्सीनेशन का विशेष अभियान, CM योगी ने दिए जरूरी दिशानिर्देश