कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को गिरफ्तार करने के बाद मिर्जापुर के चुनार किले के गेस्ट हाउस में रखा गया।
मिर्जापुर. सोनभद्र हत्याकांड को लेकर सियासी संग्राम बढ़ता जा रहा है। खुद पीड़ित परिवार के 15 लोग प्रियंका गांधी से मिलने गेस्ट हाउस पहुंचे। प्रियंका से पीड़ित परिवार के कुछ लोगों को मिलने की अनुमति दी गई। जबकि बाकि लोगों को प्रशासन ने बाहर ही रोक लिया। वहीं प्रशासन का कहना है, कि पीड़ित परिवार को उनकी तरफ से लाया गया है। इससे पहले प्रियंका ने कहा था- ''जब तक पीड़ितों से मिलने नहीं दिया जाएगा, मैं वापस नहीं जाऊंगी।''
रात भर चुनार गेस्ट हाउस में रही प्रियंका
इससे पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को गिरफ्तार करने के बाद मिर्जापुर के चुनार किले के गेस्ट हाउस में रखा गया। जहां वे पूरी रात वहीं रही। जानकारी के मुताबिक, उन्हें जिस गेस्ट हाउस में रखा गया, उसमें रात 10 बजे तक बिजली नहीं थी। जिसके बाद प्रशासन ने उन्हें कहा,आप वापस वाराणसी चले जायें लेकिन उन्होंने मना कर दिया। प्रियंका ने कहा कि उन्हें एसी नहीं चाहिए, वह कार्यकर्ताओं के साथ रह लेंगी। प्रियंका पूरी रात चुनार गेस्ट हाउस में रही। जिसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने देर रात जनरेटर मंगाया, तब जाकर गेस्ट हाउस में लाइट आई। रातभर उनके कमरे के बाहर पुलिस के जवान तैनात रहे। वहीं कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना ''अब आखिर तक लड़ाई जारी रहेगी। प्रियंका जी सोनभद्र पीड़ितों से मिले बिना लौटेंगी नहीं।''
सोनभद्र में हुए हत्याकांड के पीड़ितों से मिलने जा रही थीं प्रियंका
इससे पहले कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी गुरुवार को वाराणसी पहुंचीं थी। यहां हॉस्पिटल में भर्ती सोनभद्र मामले के घायलों से मिलीं। शुक्रवार को वे घायलों के परिजनों से मिलने सोनभद्र जा रही थीं। लेकिन मिर्जापुर जिले में उनके काफिले को रोक लिया गया। इससे नाराज होकर प्रियंका गांधी नारायणपुर पुलिस चौकी के सामने धरने पर बैठ गईं। हालांकि बाद में पुलिस उन्हें वहां से उठाकर ले गई। मिर्जापुर जिले के नारायणपुर में कमिश्नर के निर्देश पर प्रियंका गांधी का काफिला रोका गया था। मामला बिगड़ते देख यहां धारा 144 लगाई गई है।
प्रशासन ने क्या कहा
डीएम अंकित कुमार अग्रवाल ने कहा कि किसी नेता को घटनास्थल पर नही जाने दिया जाएगा। एसपी सलमान ताज पाटिल ने बताया कि बार्डर पर सघन चैकिंग की जा रही है। उधर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में कांग्रेस पर निशाना साधा उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में वनवासियों की जमीन को एक सोसायटी के नाम कर दिया गया। हालांकि सीएम ने कहा कि मामले की जांच के लिए 3 सदस्यीय जांच समिति बनाई गई है। यह 10 दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट देगी।
क्या है सोनभद्र हत्याकांड मामला
दरअसल, उभ्भा गांव में दो पक्षों के बीच वर्षों से जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। गांव के प्रधान ने दो साल पहले 100 बीघा जमीन खरीदी थी। जिस पर अपने सहयोगियों के साथ कब्जा करने के लिए गया था। बुधवार को 11 बजे गांव के प्रधान यज्ञदत्त गुर्जर और करीब 200 से अन्य लोग 32 ट्रैक्टरों पर सवार होकर विवादित जमीन पर पहुंचे और उन्होंने खेत की जुताई शुरू कर दी। दूसरे पक्ष के लोगों ने इसका विरधो किया। तभी प्रधान के लोग आए और दूसरे पक्ष के लोगों पर गोलीबारी कर दी। जिससे 10 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।
सीएम योगी ने जांच के दिए निर्देश
सीएम योगी ने मिर्जापुर के कमिशनर और वाराणसी जोन के अपर पुलिस माहनिदेश को घटना की जांच के निर्देश दिए। साथ ही योगी ने मारे गए परिजनों को 5-5 लाख रुपए की सहायता देने का ऐलान किया।
26 लोगों हो चुके गिरफ्तार
मामले में प्रधान के भतीजे समेत 26 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। डीजीपी का कहना है, घटना में 10 लोगों की मौत हो गई थी। उम्भा गांव के प्रधान ने दो साल पहले जमीन खरीदी थी। जिसके बाद उसके सहयोगियों ने कब्जा कर लिया। जब ग्रामीणों ने इसका विरोध किया तो उनपर गोलीबारी कर दी। जिसके बाद ये कार्रवाई की गई है।