PM मोदी के सख्त संदेश के बावजूद CAA के खिलाफ कम नहीं हो रहा विरोध, अब यह सरकार पेश करेगी प्रस्ताव

तेलंगाना सरकार ने मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद यह निर्णय लिया है कि राज्य सरकार केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित करेगी। इससे पहले पीएम मोदी ने वाराणसी में कहा था कि हमारी सरकार अपने फैसलों को लेकर अड़िग है। 

हैदराबाद. नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देशभर जारी विरोधों के बीच अब तेलंगाना सरकार ने सीएए  के खिलाफ विधानसभा में एक प्रस्ताव पास करने का निर्णय लिया है। तेलंगाना सरकार ने मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया। सीएम राव ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह इस कानून को वापस ले और लोगों के साथ धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं हो। 

कई राज्यों ने पास किया है प्रस्ताव 

Latest Videos

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सबसे पहले केरल राज्य की विधानसभा ने प्रस्ताव पास किया। जिसके बाद पंजाब सरकार ने भी विधानसभा में प्रस्ताव पास किया। वहीं, हाल ही में पुडुचेरी विधानसभा में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पेश किए गए प्रस्ताव को पास किया गया। इस प्रस्ताव में केंद्र सरकार से कानूनों को वापस लेने की मांग की गई। पुडुचेरी से पहले पश्चिम बंगाल, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब और केरल सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पास कर चुके हैं। वहीं, पुडुचेरी इस कानून के खिलाफ प्रस्‍ताव पास करने वाला पहला केंद्र शासित राज्य बन गया।

पीएम मोदी और शाह की दो टूक 

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश भर में जारी विरोधों के बीच पहले गृहमंत्री अमित शाह और अब पीएम नरेंद्र मोदी ने अपना रूख साफ कर दिया। जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 फरवरी को वाराणसी में कहा कि तमाम दबाव के बावजूद उनकी सरकार फैसले पर अडिग है। उन्होंने कहा, ‘‘चाहे अनुच्छेद 370 पर फैसला हो या फिर नागरिकता संशोधन कानून पर फैसला हो, यह देश हित में जरूरी था. दबाव के बावजूद हम अपने फैसले के साथ खड़े हैं और इसके साथ बने रहेंगे।’’

जबकि गृहमंत्री शाह पहले ही साफ कर चुके है कि किसी कीमत पर नागरिकता संशोधन कानून को वापस नहीं लिया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने विरोध करने वालों को बात करने की भी अपील की है। शाह ने कहा, "जहां भी जिस किसी को कोई आपत्ति है वो आकर मुझसे बात करे, लेकिन यह साफ कर देना चाहता हूं, मैं अपने स्टैंड पर अड़िग हूं।"

क्या है सीएए 

केंद्र सरकार ने दिसंबर 2019 में नागरिकता कानून में संशोधन किया। जिसमें तीनों पड़ोसी देशों (पाकिस्तान, आफगानिस्तान और बांग्लादेश) में धार्मिक आधार पर प्रताड़ित अल्पसंख्यक जो अपना देश छोड़कर भारत आना चाहते हैं या कई वर्षों से रह रहे हैं, उन्हें भारत की नागरिकता हासिल करने का अधिकार है। इस कानून का भारत के अधिकांश राज्यों में विरोध किया जा रहा है। 

Share this article
click me!

Latest Videos

UPPSC Student Protest: डिमांड्स पूरी होने के बाद भी क्यों जारी है छात्रों का आंदोलन, अब क्या है मांग
Maharashtra Election 2024: 'कटेंगे-बटेंगे' के खिलाफ बीजेपी में ही उठने लगे सवाल। Pankaja Munde
बदल गया दिल्ली के सराय काले खां चौक का नाम, जानें क्या है नया नाम? । Birsa Munda Chowk
खराब हो गया पीएम मोदी का विमान, एयरपोर्ट पर ही फंस गए प्रधानमंत्री । PM Modi । Deoghar Airport
SDM थप्पड़कांड के बाद 10 धाराओं में दर्ज हुआ केस, हवालात में ऐसे कटी नरेश मीणा की रात । Deoli-Uniara