पुणे पोर्श हादसे में अब आरोपी के दादा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी दादा ने नाबालिग पोते को बचाने के लिए ड्राइवर को फंसाने की साजिश रची थी।
पुणे। पुणे पोर्श कार हादसे में क्राइम ब्रांच ने मामले का खुलासा कर दिया है। मामले में नाबालिग पोते के दादा ने ही उसे बचाने के लिए पूरी साजिश रची थी। पुलिस ने पुणे पोर्श कार हादसे मामले में आरोपी दादा को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी दादा सुरेंद्र अग्रवाल पर फैमिली के ड्राइवर को बंधक बनाने का आरोप भी है। इस केस में नाबालिग के पिता विशाल अग्रवाल भी आरोपी हैं। उन्हें 21 मई को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
शराब के नशे में दो इंजीनियरों को गाड़ी से रौंदा था
पुणे पोर्श कार हादसे में नाबालिग ने शराब के नशे में 200 किमी की रफ्तार से गाड़ी चलाते हुए मध्य प्रदेश के रहने वाले दो इंजीनियरों को रौंद दिया था। इस मामले में आरोपी को बचाने के लिए उसके पिता और दादा ने पुलिस को गुमरान करने की कोशिश की थी। उन्होंने मामले में नाबालिग की जगह ड्राइवर को फंसाने की कोशिश की थी। 18 मई की रात को हादसा हुआ था।
ड्राइवर को इल्जाम अपने सर लेने के लिए बनाया बंधक
आरोपी के पिता विशाल और दादा सुरेंद्र ने ड्राइवर को मामले में बलि का बकरा बनाने के लिए साजिश रची थी। दोनों ने ड्राइवर को दो दिन से अपने घर में बंधक बनाकर रखा था। उसपर दबाव डाल रहे थे कि ये कबूल कर ले कि गाड़ी पोता नहीं वह खुद चला रहा था। वह उसे पैसे देने और बाद में जेल से छुड़वा लेने का भी दावा कर रहे थे, लेकिन चालक की पत्नी ने उसे बचा लिया।
पुलिस के मुताबिक 17 वर्षीय आरोपी दुर्घटना के समय शराब के नशे में था। उसे 15 घंटे के भीतर मामूली शर्तों पर जमानत दे दी गई थी। जेजे बोर्ड ने उसे सड़क दुर्घटनाओं पर 300 शब्दों का निबंध लिखने को कहा था, लेकिन लोगों में गुस्सा भड़क गया। किशोर न्याय बोर्ड ने बाद में आदेश में संशोधन किया और आरोपी पर एक बालिग की तरह मुकदमा चलाने की अनुमति के लिए पुलिस को दी। उसे एक वयस्क के रूप में मुकदमा चलाने की अनुमति के लिए पुलिस की याचिका पर फैसला होने तक बाल सुधार गृह में भेजा।