कांग्रेस अध्यक्ष के लिए 7 घंटे की बैठक के बाद भी नहीं हुआ फैसला, सोनिया ही अभी तक अंतरिम अध्यक्ष रहेंगी

कांग्रेस पार्टी का नया अध्यक्ष चुनने के लिए 7 घंटे मीटिंग हुई। लेकिन यह तलाश पूरी नहीं हो सकी। सोनिया गांधी ने सुबह ही अंतरिम अध्यक्ष पद छोड़ने की इच्छा जाहिर कर दी थी, लेकिन अभी तक इसपर फैसला नहीं हुआ। हां ये जरूर तय कर लिया गया कि नए अध्यक्ष का चयन 6 महीने के अंदर कर लिया जाएगा।

Asianet News Hindi | Published : Aug 24, 2020 7:06 AM IST / Updated: Aug 24 2020, 06:51 PM IST

नई दिल्ली. कांग्रेस पार्टी का नया अध्यक्ष चुनने के लिए 7 घंटे मीटिंग हुई। लेकिन यह तलाश पूरी नहीं हो सकी। सोनिया गांधी ने सुबह ही अंतरिम अध्यक्ष पद छोड़ने की इच्छा जाहिर कर दी थी, लेकिन अभी तक इसपर फैसला नहीं हुआ। हां ये जरूर तय कर लिया गया कि नए अध्यक्ष का चयन 6 महीने के अंदर कर लिया जाएगा।

23 नेताओं की चिट्ठी पर राहुल की नाराजगी

कांग्रेस में शीर्ष नेतृत्व में बदलाव की मांग के बीच सोमवार को वर्किंग कमेटी की बैठक हुई। बैठक में राहुल गांधी ने 23 नेताओं द्वारा लिखी गई चिट्ठी को लेकर नाराजगी जताई है। राहुल ने पत्र के समय को लेकर सवाल उठाए हैं। राहुल ने कहा, नेतृत्व में बदलाव की मांग ऐसे वक्त पर क्यों कि गई, जब सोनिया गांधी एम्स में भर्ती थीं।

- राहुल ने कहा, ऐसा वक्त क्यों चुना गया जब पार्टी मध्य प्रदेश और राजस्थान में लड़ाई लड़ रही थी। राहुल ने कहा, जिस तरह से चिट्ठी को लीक किया गया, उससे उन्हें ठेस पहुंची। इतना ही नहीं उन्होंने चिट्ठी लिखने वाले नेताओं पर भाजपा के साथ गठबंधन का आरोप लगाया। इस पर गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल ने जवाब भी दिया।

आरोप सही साबित हुए तो इस्तीफा दे दूंगा- आजाद

राहुल के आरोपों पर राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा, अगर भाजपा के साथ गठबंधन के आरोप सही साबित होते हैं। तो वे सभी पदों से इस्तीफा दे देंगे। हालांकि, कुछ समय बाद गुलाम नबी ने कहा, राहुल ने बैठक में या बाहर यह नहीं कहा कि चिट्ठी भाजपा के साथ मिलकर लिखी गई है। 

कपिल सिब्बल ने उठाए सवाल, फिर ट्वीट लिया वापस

कपिल सिब्बल ने ट्वीट कर कहा, राहुल गांधी कह रहे हैं कि हम लोग भाजपा के साथ मिले हैं। उन्होंने आगे लिखा, राजस्थान हाईकोर्ट में कांग्रेस का पक्ष रखा। मणिपुर में पक्ष रखा। 30 साल की राजनीति में कभी भाजपा के पक्ष में एक बयान नहीं दिया। फिर भी हम भाजपा के साथ मिले हैं। 


राहुल से मेरी बात हुई- सिब्बल

कपिल सिब्बल ने एक और ट्वीट कर कहा, 'राहुल गांधी ने व्यक्तिगत रूप से सूचित किया कि उन्होंने वो बातें (भाजपा से मिली भगत) कभी नहीं कही, जिसके लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया गया। इसलिए मैं अपना ट्वीट वापस लेता हूं।'
 

सोनिया ने पद छोड़ने की पेशकश की

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सोनिया गांधी ने बैठक में अंतरिम अध्यक्ष पद छोड़ने की पेशकश की है। सोनिया ने पार्टी से नए अध्यक्ष को चुनने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए कहा है। वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उन्हें पद पर बने रहने की अपील की। 

23 नेताओं ने पत्र लिखकर नेतृत्व परिवर्तन की कही बात

बताया जा रहा है कि राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पृथ्वीराज चव्हाण, राजिंदर कौर भट्टल , पूर्व मंत्री मुकुल वासनिक, कपिल सिब्बल, एम वीरप्पा मोइली, शशि थरूर, सांसद मनीष तिवारी, पूर्व सांसद मिलिंद देवड़ा, जितिन प्रसाद, संदीप दीक्षित जैसे 23 नेताओं ने एक पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। इस पत्र में कहा गया है कि कांग्रेस को एक पूर्णकालिक अध्यक्ष मिलना चाहिए, जो जमीन पर सक्रिय हो। इसमें कहा गया है कि नया अध्यक्ष कांग्रेस मुख्यालय और प्रदेश कमेटी के कार्यालयों में उपलब्ध हो सके।   

दो खेमों में बंटी कांग्रेस

पार्टी नेतृत्व और संगठन बदलाव के मुद्दे पर दो खेमों में बंटी नजर आ रही है। जहां एक ओर पार्टी के कई नेता सोशल मीडिया पर राहुल गांधी को कमान सौंपने की मांग कर रहे हैं, तो वहीं, 5 पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत 23 नेताओं ने पत्र लिखकर स्थानीय नेतृत्व की मांग की है। उधर,  पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पार्टी के कई नेताओं ने खुलकर सोनिया और राहुल गांधी के नेतृत्व पर भरोसा जताया है।

Share this article
click me!