राहुल गांधी को असम के अधिकारियों ने नगांव के 15वीं सदी के असमिया संत श्रीमंत शंकरदेव की जन्मस्थली बताद्रवा सत्र मंदिर में जाने से रोक दिया।
Bharat Jodo Nyay Yatra: भारत जोड़ो न्याय यात्रा लेकर निकले राहुल गांधी असम में हैं। एक दिन पहले अराजक तत्वों के साथ धक्का-मुक्की की खबरों के बीच अब उनको एक मंदिर में एंट्री से रोक दिया गया। राहुल गांधी को असम के अधिकारियों ने नगांव के 15वीं सदी के असमिया संत श्रीमंत शंकरदेव की जन्मस्थली बताद्रवा सत्र मंदिर में जाने से रोक दिया। राहुल मंदिर में पूजा करने जाना चाहते थे। राहुल गांधी ने रोके जाने पर पूछा कि उनको मंदिर जाने से रोकने की वजह क्या है?
मैंने क्या अपराध किया?
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि हम मंदिर जाना चाहते हैं। मैंने क्या अपराध किया है कि मैं मंदिर नहीं जा सकता? हम कोई समस्या पैदा नहीं करना चाहते, हम बस मंदिर में प्रार्थना करना चाहते हैं। गांधी ने कहा कि अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तय करेंगे कि मंदिर में कौन जाएगा। क्या मंदिर में केवल एक ही व्यक्ति प्रवेश कर सकता है।
राहुल गांधी ने दिया धरना
घटना के बाद कांग्रेस नेताओं और श्री गांधी ने नगांव में धरना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि किसी को भी मंदिर जाने से रोका नहीं जा सकता है। आखिर यह तय करने का अधिकार असम सरकार को किसने दे दिया कि कौन मंदिर जाएगा और कौन नहीं जाएगा।
हिमंत बिस्वा सरमा ने यात्रा रोकने की सलाह
रविवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने अयोध्या में राम मंदिर के अभिषेक समारोह के साथ संभावित टकराव की चिंताओं का हवाला देते हुए राहुल गांधी से अपनी 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के मार्ग पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया था। मुख्यमंत्री सरमा ने राम मंदिर के अभिषेक समारोह और बताद्रवा में श्रीमंत शंकरदेव के जन्मस्थान की यात्रा के बीच अनावश्यक प्रतिस्पर्धा से बचने की सलाह दी थी। सरमा ने कहा था कि राहुल गांधी ने न्याय यात्रा पर फिर से विचार करने का आग्रह किया था। सरमा ने कहा कि मैं राहुल गांधी से यह धारणा नहीं बनाने का आग्रह करता हूं कि राम मंदिर और बताद्रवा सत्र के बीच प्रतिस्पर्धा है क्योंकि टीवी चैनल एक तरफ राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह दिखा रहे होंगे और दूसरी तरफ वह महापुरुष श्रीमंत शंकरदेव के जन्मस्थान का दौरा कर रहे होंगे। यह असम के लिए अच्छा नहीं होगा।
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