
नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड केस में फिर से हलचल मच गई है। दिल्ली पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) ने राहुल गांधी और सोनिया गांधी सहित छह लोगों के खिलाफ नई FIR दर्ज की है। इसमें आरोप है कि नेशनल हेराल्ड अखबार की पेरेंट कंपनी AJL पर धोखे से कब्ज़ा करने और क्रिमिनल कॉन्सपिरेसी का केस बनाया गया है। FIR में राहुल-सोनिया गांधी के अलावा सैम पित्रोदा, मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडिस और सुमन दुबे के नाम भी हैं। साथ ही तीन कंपनियों-AJL, Young Indian और Dotex Merchandize Pvt Ltd के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है।
2010 में बनी नॉट-फॉर-प्रॉफिट कंपनी Young Indian में राहुल और सोनिया गांधी के पास 76% शेयर हैं। आरोप है कि कोलकाता की एक कथित शेल कंपनी Dotex ने Young Indian को 1 करोड़ रुपये दिए। इसके जरिए यंग इंडियन (Young Indian) ने कांग्रेस को 50 लाख रुपये लौटाए और AJL पर कब्ज़ा कर लिया, जिसकी संपत्ति लगभग 2,000 करोड़ रुपये मानी जा रही है।
यह FIR 3 अक्टूबर की तारीख वाली ED की रिपोर्ट पर आधारित है। प्रिवेंशन ऑफ़ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) सेक्शन 66(2) के तहत ED किसी भी एजेंसी से किसी अपराध की जांच कराने के लिए कह सकती है। FIR का ये मामला दिल्ली कोर्ट के नेशनल हेराल्ड केस में 16 दिसंबर तक फैसला टालने के एक दिन बाद सामने आया।
नेशनल हेराल्ड केस की शुरुआत 2012 में हुई थी, जब BJP नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कोर्ट में केस दर्ज किया। आरोप था कि कांग्रेस नेताओं ने AJL के एक्विजिशन में धोखाधड़ी और भरोसा तोड़ा। नेशनल हेराल्ड अखबार 1938 में जवाहरलाल नेहरू और स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा शुरू किया गया था। 2008 में पैसे की तंगी की वजह से अखबार बंद हो गया और AJL पर लगभग 90 करोड़ रुपये का कर्ज़ बचा। कांग्रेस ने इसे चुकाने के लिए 10 साल में 90 करोड़ रुपये का लोन दिया, जिसे बाद में इक्विटी शेयर में बदला गया। कांग्रेस ने कहा कि पार्टी इक्विटी शेयर नहीं रख सकती, इसलिए Young Indian को अलॉट किया गया, और इस तरह Young Indian AJL का मेजोरिटी शेयरहोल्डर बन गया, जिसमें दो गांधी नेता डायरेक्टर थे।
जी हां। FIR में दावा किया गया है कि गांधी परिवार ने 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति में क्रिमिनल कॉन्सपिरेसी और मनी लॉन्ड्रिंग की है। अब दिल्ली पुलिस इसकी जांच कर रही है और मामला सुर्खियों में है।
नेशनल हेराल्ड केस हमेशा से विवादों में रहा है। FIR का ये नया कदम गांधी परिवार के खिलाफ जांच को और गंभीर बना देता है। 16 दिसंबर के फैसले से पहले ये नई FIR कई सवाल खड़े कर रही है – क्या कांग्रेस नेताओं पर और भी जांच बढ़ सकती है?