राजस्थान : पायलट ने कहा, किसी आलाकमान से बातचीत नहीं, कांग्रेस ने भेजा मैसेज, लौट आएं प्लीज

राजस्थान में कांग्रेस सरकार के लिए आज का दिन काफी अहम रहा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निवास पर विधायक दल और मंत्रियों की बैठक हुई। गहलोत के मीडिया सलाहकार ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया, बैठक में 102 विधायक पहुंचे। बैठक में विधायकों ने विक्ट्री साइन भी दिखाया।

Asianet News Hindi | Published : Jul 13, 2020 1:59 AM IST / Updated: Jul 14 2020, 12:46 PM IST

जयपुर. राजस्थान में कांग्रेस सरकार के लिए आज का दिन काफी अहम रहा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निवास पर विधायक दल और मंत्रियों की बैठक हुई। गहलोत के मीडिया सलाहकार ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया, बैठक में 102 विधायक पहुंचे। बैठक में विधायकों ने विक्ट्री साइन भी दिखाया। बैठक के बाद सभी विधायकों को बस से होटल पहुंचाया गया। विधायक दल की बैठक में राज्य की कांग्रेस सरकार के खिलाफ काम करने वाले पार्टी कार्यकर्ता या विधायकों पर कार्रवाई का प्रस्ताव भी पास हुआ है।

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सचिन पायलट ने कहा, हमने कोई भी समझौते की शर्त नहीं रखी है। किसी आलाकमान से उनकी बातचीत नहीं चल रही है। पायलट गुट का कहना है कि अशोक गहलोत के पास कांग्रेस के मात्र 84 विधायक हैं बाकी हमारे साथ हैं।

- मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पार्टी आलाकमान ने सचिन पायलट को मैसेज भेजा है कि हमारा आप पर स्नेह है। हम आपका सम्मान करते हैं। हम खुले दिल से आपका स्वागत करने के लिए तैयार हैं। प्लीज लौट आएं और बात करें।

-  भाजपा मीडिया सेल के हेड अमित मालवीय ने कहा, अशोक गहलोत के पास बहुमत नहीं है। वह अपने विधायकों को होटल में छिपा रही है। अगर बहुत है तो साबित करें। 

- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास पर कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक में हिस्सा लेने के बाद विधायक जयपुर के होटल फेयरमोंट पहुंचे।

कांग्रेस के पास 107 विधायक है। गहलोत खेमे का दावा है कि बैठक में 102 विधायक पहुंचे। सीएम के मीडिया सलाहकार ने तो कह दिया कि बैठक में पूरे 107 विधायक पहुंचे। सचिन पायलट समेत 18 कांग्रेसी विधायक मीटिंग में नहीं पहुंचे। 

- सचिन पायलट ने दावा किया है कि उनके साथ 30 कांग्रेसी विधायक हैं। इसके अलावा उन्होंने पहले ही साफ कर दिया कि वे विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं होंगे।

- आयकर विभाग ने कांग्रेस नेता धर्मेंद्र राठौर और राज्य कांग्रेस के सदस्य राजीव अरोड़ा के कार्यालय और आवास सहित पूरे राज्य में कई स्थानों पर छापेमारी की है। ये लोग सीएम गहलोत के करीबी माने जाते हैं। 

- राजस्थान कांग्रेस के इंचार्ज अविनाश पांडे ने कहा, कांग्रेस सरकार को 109 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। सभी ने अशोक गहलोत की सरकार और सोनिया-राहुल गांधी के नेतृत्व को सपोर्ट किया है। हालांकि, रविवार को हुई गहलोत की विधायक दल की बैठक में सिर्फ 75 विधायक पहुंचे।

'राजस्थान की जनता का अपमान कर रही भाजपा'
कांग्रेस विधायक दल की बैठक में प्रस्ताव पास किया गया कि भाजपा लोकतंत्र को खत्म कर रही है और राजस्थान की 8 करोड़ जनता का अपमान कर रही है। विधायक दल ने कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर भरोसा जताया है। अशोक गहलोत की सरकार को भी विधायक दल ने समर्थन दिया।

'पायलट के लिए खुले रहेंगे दरवाजे'
विधायक दल की बैठक में दिल्ली से पहुंचे कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, पिछले 48 घंटे में सचिन पायलट से राज्य की स्थिति को लेकर कांग्रेस नेतृत्व की कई बार बात हुई है। मैं सभी कांग्रेस विधायकों से अपील करता हूं कि राज्य के लोगों ने स्थिर सरकार के लिए कांग्रेस को वोट किया। उन्होंने कहा, अगर किसी को किसी पोस्ट के लिए कोई समस्या है। तो उन्हें आगे आकर पार्टी को अपनी समस्या बतानी चाहिए। हम मिलकर उस समस्या को खत्म करेंगे और इस राज्य की सरकार को स्थिर बनाए रखेंगे। सुरजेवाला ने कहा, पायलट समेत सभी कांग्रेसी विधायकों के लिए कांग्रेस के दरवाजे खुले थे और खुले रहेंगे।

पुनिया बोले- सचिन पायलट अब भाजपा में
कांग्रेस नेता पीएल पुनिया ने कहा, सचिन पायलट अब कांग्रेस में हैं। सभी को पता है कि भाजपा का कांग्रेस के प्रति क्या रवैया रहता है। अब हमें किसी से सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है। कांग्रेस में हमेशा नेताओं और कार्यकर्ताओं का सम्मान होता है। हालांकि, बाद में उन्होंने कहा, मैं सिंधिया के बारे में बोल रहा था, गलती से सचिन पायलट निकल गया।

क्या कहा भाजपा ने?
राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सतीश पुनिया ने कहा, सचिन पायलट राजस्थान मुख्यमंत्री पद के लिए उचित उम्मीदवार थे, लेकिन अशोक गहलोत ने ये जगह ले ली। तभी ये पार्टी में ये विवाद चल रहा है। आज जो कुछ भी हो रहा है, उसके लिए यही घटना जिम्मेदार है। राज्य की सरकार बहुमत खो चुकी है। भाजपा नेता ओम माथुर ने कहा, राजस्थान के लोगों ने कांग्रेस को मौका दिया था कि वे राज्य में सरकार बना सकें। उन्होंने इस मौके का फायदा उठाना चाहिए था। सीएम गहलोत को अपनी सरकार बरकरार रखनी चाहिए थी, लेकिन वह ऐसा नहीं कर पा रहे हैं। उनकी पार्टी के विधायक उनसे खुश नहीं हैं।

सीएम और डिप्टी सीएम के बीच चल रही अनबन
राजस्थान सरकार में कुछ ठीक नहीं चल रहा। इसका कारण है मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच अनबन है। इस संकट पर आलाकमान की चुप्पी को लेकर कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने चिंता जताई। उन्होंने कहा, क्या हम तब जाएंगे? जब हमारे घोड़े अस्पतबल से निकल जाएंगे।

क्यों नाराज हैं पायलट?
सीएम अशोक गहलोत ने राज्य में सरकार गिराने की साजिशों का खुलासा करने के लिए स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप बनाया था। इस ग्रुप ने पूछताछ के लिए सचिन पायलट को भी नोटिस जारी किया है। इसी बात से पायलट और उनके विधायक नाराज हैं। उनका कहना है कि सरकार ने सभी हदें पार कर दीं। सचिन पायलट अभी 24 विधायकों के साथ दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट में पायलट के साथ 15 विधायक होने की भी बात कही जा रही है। पायलट ने राज्य के किसी भी नेता का फोन नहीं उठाया।

गहलोत ने भाजपा को ठहराया जिम्मेदार
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा पर सरकार को गिराने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। इतना ही नहीं दो लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि इन्होंने कांग्रेस विधायकों को 25 करोड़ रुपए देने की पेशकश की। जब प्रेस कॉन्फ्रेंस में गहलोत से पायलट की नाराजगी को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा, कौन मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहता। हमारी पार्टी में 4-5 मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं। लेकिन बन तो एक ही सकता है।

क्या है विधानसभा की स्थिति?
विधानसभा की मौजूदा स्थिति देखें तो अभी माहौल कांग्रेस के पक्ष में है। हालांकि, मध्यप्रदेश की तरह कांग्रेस राजस्थान को हल्के में लेने की भूल नहीं कर सकती। राजस्थान में कांग्रेस के पास निर्दलीय और अन्य को मिलाकर 121 का समर्थन प्राप्त है। वहीं, भाजपा के पास 72 विधायक हैं। भाजपा को राज्य में सरकार बनाने के लिए 101 विधायक चाहिए। 

ऐसे में यह आसान नहीं दिखता। हालांकि, अगर सचिन पायलट अपने साथ 24 विधायकों को लेकर टूटते हैं और कुछ निर्दलीय भाजपा को समर्थन दें तो मध्यप्रदेश जैसी स्थिति बन सकती है। 

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