मध्यप्रदेश से सबक लेते हुए राजस्थान में चल रहे राजनीतिक संकट के बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी संकटमोचक की भूमिका में आई हैं। उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट से बात की है।
नई दिल्ली. मध्यप्रदेश से सबक लेते हुए राजस्थान में चल रहे राजनीतिक संकट के बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी संकटमोचक की भूमिका में आई हैं। उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट से बात की है।
सचिन पायलट के बगावती सुर के बाद कांग्रेस सरकार परेशानी में नजर आ रही है। हालांकि, अशोक गहलोत की बैठक में 107 विधायक पहुंचे। इनमें से कुछ विधायक पायलट गुट के भी थे। इससे साफ होता है कि फिलहाल गहलोत सरकार को कोई खतरा नहीं है। लेकिन मध्यप्रदेश से सबक लेते हुए पार्टी इसे हल्के में लेने की भूल नहीं कर सकती।
पायलट का दावा- उनके पास 30 विधायकों का समर्थन
इससे पहले पायलट ने दावा किया था कि उनके पास 30 विधायकों का समर्थन है। उन्होंने कहा था, गहलोत सरकार अल्पमत में है। हालांकि, बैठक में उन्हें मिलाकर 13 विधायक शामिल नहीं हुए। ऐसे में माना जा रहा है कि पायलट के पास इतने ही विधायकों का समर्थन है।
क्यों नाराज हैं पायलट?
सीएम अशोक गहलोत ने राज्य में सरकार गिराने की साजिशों का खुलासा करने के लिए स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप बनाया था। इस ग्रुप ने पूछताछ के लिए सचिन पायलट को भी नोटिस जारी किया है। इसी बात से पायलट और उनके विधायक नाराज हैं। उनका कहना है कि सरकार ने सभी हदें पार कर दीं। सचिन पायलट अभी 24 विधायकों के साथ दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट में पायलट के साथ 15 विधायक होने की भी बात कही जा रही है। पायलट ने राज्य के किसी भी नेता का फोन नहीं उठाया।