रजत शर्मा ने DDCA अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा, CEO और CAC ने भी पद छोड़ा

शर्मा पूर्व वित्त मंत्री स्वर्गीय अरुण जेटली का समर्थन मिलने पर क्रिकेट प्रशासन से जुड़े थे। डीडीसीए के अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि जेटली के निधन के बाद शर्मा कमजोर पड़ गए थे क्योंकि पूर्व वित्त मंत्री संस्था के विभिन्न गुटों को एकजुट रखने में अहम भूमिका निभाते थे।
 

Asianet News Hindi | Published : Nov 16, 2019 7:07 AM IST / Updated: Nov 16 2019, 03:24 PM IST

नई दिल्ली: वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा ने शनिवार को दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) अध्यक्ष पद से त्यागपत्र दे दिया। इसका कारण उन्होंने संस्था के बीच चल रही ‘खींचतान और दबावों’ में पद पर बने रहने में असमर्थता बताई। शर्मा का लगभग 20 महीने का कार्यकाल उतार चढ़ाव से भरा रहा। इस बीच उनके महासचिव विनोद तिहाड़ा से मतभेद सार्वजनिक तौर पर सामने आए। तिहाड़ा को संगठन में अच्छा समर्थन हासिल है।

शर्मा ने बयान में कहा, ‘‘यहां क्रिकेट प्रशासन हर समय खींचतान और दबावों से भरा होता है। मुझे लगता है कि यहां निहित स्वार्थ हमेशा क्रिकेट के हितों के खिलाफ सक्रिय रहे हैं। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि डीडीसीए में निष्ठा, ईमानदारी और पारदर्शिता के सिद्धांतों के साथ चलना संभव नहीं है जिनसे कि मैं किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करूंगा।’’ 

शर्मा के त्यागपत्र के कुछ घंटों बाद ही सीईओ रवि चोपड़ा ने भी इस्तीफा दे दिया। क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) के दो सदस्यों सुनील वाल्सन और यशपाल शर्मा ने भी अपना पद छोड़ दिया। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या अतुल वासन की अगुवाई वाली चयनसमिति और कोच केपी भास्कर रणजी ट्राफी टीम के लिए बने रहते हैं या नहीं।

जेटली के निधन के बाद शर्मा कमजोर पड़ गए थे

शर्मा पूर्व वित्त मंत्री स्वर्गीय अरुण जेटली का समर्थन मिलने पर क्रिकेट प्रशासन से जुड़े थे। डीडीसीए के अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि जेटली के निधन के बाद शर्मा कमजोर पड़ गए थे क्योंकि पूर्व वित्त मंत्री संस्था के विभिन्न गुटों को एकजुट रखने में अहम भूमिका निभाते थे। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे अपने प्रयास में कई तरह की बाधाओं, विरोध और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा, बस मुझे निष्पक्ष और पारदर्शी तरीकों से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने से रोकना था। ’’शर्मा ने कहा, ‘‘इसलिए मैंने हटने का फैसला किया है और डीडीसीए अध्यक्ष पद से तत्काल प्रभाव से अपना त्यागपत्र शीर्ष परिषद को सौंप दिया है।’’

शर्मा के त्यागपत्र के बाद तिहाड़ा का निलंबन समाप्त होने की संभावना है। इससे उनका एक दिसंबर में मुंबई में होने वाली बीसीसीआई एजीएम में डीडीसीए का प्रतिनिधि बनने का रास्ता भी साफ हो जाएगा। तिहाड़ा ने कहा, ‘‘रजत जी ने त्यागपत्र देकर सही फैसला किया। कल आठ निदेशकों ने अध्यक्ष की सभी शक्तियों को वापस लेने के पक्ष में हस्ताक्षर किये थे। ’’

अध्यक्ष बनने में मेरी दिलचस्पी नहीं- तिहाड़ा 

तिहाड़ा ने कहा, ‘‘अध्यक्ष बनने में मेरी दिलचस्पी नहीं है। महासचिव होने के कारण मेरे पास काफी काम होगा। हमें रजत जी का त्यागपत्र स्वीकार करने के लिये आपात बैठक बुलानी होगी जो कि समस्या नहीं है। इसके बाद हमें नये अध्यक्ष के चुनाव के लिए आम सभा की बैठक के लिए तिथि नियत करनी होगी।’’ तिहाड़ा ने शर्मा गुट से ही डीडीसीए का चुनाव जीता था लेकिन पहले महीने में ही उनके क्रिकेट और प्रशासनिक गतिविधियों से जुड़े मसलों पर अध्यक्ष के साथ मतभेद पैदा हो गए। इसमें प्रोटोकाल का अनुसरण किये बिना भर्तियों पर नियंत्रण करने का आरोप भी शामिल है।

तिहाड़ा को कार्यकारी समिति ने अनुशासनात्मक मामले में निलंबित कर दिया था जिसे उन्होंने अदालत में चुनौती दी थी।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

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