कोरोना काल में यह 'लैंडमार्क बजट', इससे आर्थिक विकास के साथ साथ रोजगार के भी अवसर होंगे पैदा: राजीव चंद्रशेखर

राज्यसभा में शुक्रवार को बजट पर चर्चा हुई। इस दौरान भाजपा सांसद राजीव चंद्रशेखर ने बजट की तारीफ करते हुए इसे लैंडमार्क बजट करार दिया। उन्होंने कहा, आने वाले समय में यह बजट विकास के लिए अहम रोल निभाएगा। इसी के साथ उन्होंने बजट पर सवाल उठाने के लिए विपक्ष पर भी निशाना साधा। 

नई दिल्ली. राज्यसभा में शुक्रवार को बजट पर चर्चा हुई। इस दौरान भाजपा सांसद राजीव चंद्रशेखर ने बजट की तारीफ करते हुए इसे लैंडमार्क बजट करार दिया। उन्होंने कहा, आने वाले समय में यह बजट विकास के लिए अहम रोल निभाएगा। इसी के साथ उन्होंने बजट पर सवाल उठाने के लिए विपक्ष पर भी निशाना साधा। 

राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि भारत ने लंबे वक्त तक आर्थिक संकट को झेला है। लेकिन पीएम मोदी के इस रोडमैप बजट यह संकेत देता है कि यह विकास और समृद्धि वाला बजट है। उन्होंने कहा, विपक्ष ने पहली तिमाही में 23.9 भारत की जीडीपी 23.9 फीसदी गिरने पर इसे प्रलय का दिन करार दिया था। लेकिन सरकार को पूरा भरोसा था कि कोरोना काल में उठाए गए कदम जल्द अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाएंगे। 
 
चीन से निकले वायरस की वजह से 18 लाख करोड़ का नुकसान
भाजपा सांसद ने कहा, मैं सदन और देश को सूचित करना चाहूंगा कि जीडीपी में 7.7 की गिरावट का क्या अर्थ है। इसका मतलब है कि हमारी अर्थव्यवस्था को लगभग 15 से 18 लाख करोड़ का नुकसान होना। उन्होंने कहा, यह नुकसान वास्तविक है, जैसे किसी प्राकृतिक आपदा से अर्थव्यवस्था और जानमाल को नुकसान होता है। 

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उन्होंने कहा, यह नुकसान देश का नुकसान है। यह वह नुकसान है, जिसे हमें एक देश होने के नाते उठाना पड़ेगा। यह नुकसान किसी राज्य या केंद्र सरकार की गलती का नतीजा नहीं है। यह 18 लाख करोड़ का नुकसान चीन से निकले वायरस की वजह से हुआ। हमें इस नुकसान को भरने के लिए संसाधनों को ढूंढना होगा, हमें अतिरिक्त उत्पादन करना होगा, ताकि जीडीपी के नुकसान की भरपाई हो सके। 

पूरा देश आत्मनिर्भर बनने लगा
राजीव चंद्रशेखर ने यह भी दावा किया कि यह भारत के लिए एक अंतिम आपदा थी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार भी कई मामलों में चीन से प्रभावित हुई है। हालांकि, इस महामारी के बीच, पूरा देश आत्मनिर्भर होने लगा है। उन्होंने यह भी दावा किया कि इससे भविष्य में लाभ की उम्मीद बढ़ेगी।

राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि इस बजट में बेरोजगारी और वित्तीय सुधार की समस्या को खत्म करने पर फोकस किया गया। बजट में देश को कोरोना महामारी की पूर्व की अपनी स्थिति को लाने के लिए वादे किए गए हैं। कोरोना काल में भारत को बहुत अधिक विदेशी निवेश मिला।

 

उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि इससे केंद्र सरकार को भविष्य में नीति तय करने के लिए बेहतर विकल्प मिलेंगे। राजीव चंद्र शेखर ने कहा कि ये सभी स्थितियां देश की आर्थिक वृद्धि के 11.50 % तक पहुंचाने के लिए रास्ता बना रही हैं।

राजीव चंद्रशेखर ने अपने भाषण में बताया कि वह इस बजट को मील का पत्थर क्यों कह रहे हैं। इस बजट में आर्थिक विकास के अलावा रोजगार पर भी जोर दिया गया है। यह बजट बुनियादी ढांचे और गरीबी उन्मूलन समेत कई अहम मुद्दों पर जोर देता है।

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