अयोध्या विवाद: जज ने पूछा- क्या मस्जिद अल्लाह को समर्पित होती है? मिला ये जवाब

 अयोध्या में राममंदिर-बाबरी मस्जिद को लेकर शुक्रवार को 37वें दिन सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अयोध्या मामले 17 अक्टूबर तक सुनवाई पूरी हो जाएगी। इससे पहले कोर्ट ने 18 अक्टूबर तक सुनवाई पूरी करने का वक्त दिया था।  

Asianet News Hindi | Published : Oct 4, 2019 11:49 AM IST / Updated: Oct 04 2019, 05:27 PM IST

नई दिल्ली. अयोध्या में राममंदिर-बाबरी मस्जिद को लेकर शुक्रवार को 37वें दिन सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अयोध्या मामले 17 अक्टूबर तक सुनवाई पूरी हो जाएगी। इससे पहले कोर्ट ने 18 अक्टूबर तक सुनवाई पूरी करने का वक्त दिया था। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई नवंबर में रिटायर हो रहे हैं। माना जा रहा है कि कोर्ट उससे पहले फैसला सुना सकता है। 

शुक्रवार को मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने अपनी दलीलें रखीं। सुनवाई के दौरान जस्टिस एसए बोबडे ने पूछा कि क्या मस्जिद अल्लाह को समर्पित होती है? इस पर धवन ने कहा कि हम दिन में 5 बार नमाज पढ़ते हैं, अल्लाह का नाम लेते हैं। ये अल्लाह को समर्पित ही है।
 
जस्टिस बोबडे ने पूछा- क्या मस्जिद दैवीय है?  
सुनवाई के दौरान जस्टिस बोबडे ने पूछा कि क्या मस्जिद दैवीय है, इसपर धवन ने जवाब दिया, यह हमेशा से ही दैवीय रहती है। 

14 को होगी मामले की सुनवाई
मुस्लिम पक्षकार के वकील राजीव धवन ने कहा कि वे आज का पूरा दिन लेंगे। इसके बाद कल अगर कोर्ट बैठती है तो वे करीब 1 घंटे के करीब समय कल लेंगे। उसके बाद बाकी साथी दलील देंगे। चीफ जस्टिस ने कहा कि कोर्ट कल नहीं बैठेगी। कोर्ट अब इसके बाद 14 अक्टूबर को बैठेगी। 

नवंबर में रिटायर हो रहे चीफ जस्टिस, उससे पहले सुना सकते हैं फैसला
सुप्रीम कोर्ट अयोध्या के रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में रोजाना सुनवाई कर रहा है। माना जा रहा है कि अदालत 18 नवंबर से पहले इस पर फैसला सुना सकती है।

मध्यस्थता विफल होने के बाद रोजाना सुनवाई कर रहा है सुप्रीम कोर्ट
मध्यस्थता प्रयास विफल हो जाने के बाद चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता में 5 सदस्यों की बेंच इस मामले में रोजाना यानी हफ्ते में पांच दिन सुनवाई कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने 8 मार्च को इस मामले को बातचीत से सुलझाने के लिए मध्यस्थता समिति बनाई थी। इस समिति ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सील बंद लिफाफे में अंतिम रिपोर्ट सौंपी थी।मध्यस्थता समिति पूर्व जस्टिस एफएम कलिफुल्ला, आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर, सीनियर वकील श्रीराम पंचू शामिल थे। 18 जुलाई को मध्यस्थता पैनल ने स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी थी। उस वक्त चीफ जस्टिस ने समिति से जल्द ही अंतिम रिपोर्ट पेश करने को कहा था। बेंच ने कहा था कि मध्यस्थता से कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला तो रोजाना सुनवाई पर विचार करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट में 14 याचिकाएं दाखिल की गईं
2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट अयोध्या में 2.77 एकड़ का क्षेत्र तीन समान हिस्सों में बांटने का आदेश दिया था। पहला-सुन्नी वक्फ बोर्ड, दूसरा- निर्मोही अखाड़ा और तीसरा- रामलला। इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 14 याचिकाएं दाखिल की गईं हैं। बेंच इन सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई कर रही है।

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