रामलला को जगाकर बताया गया सुप्रीम कोर्ट का फैसला, फिर चढ़ाए गए सवा किलो पेड़े

अयोध्या में राम मंदिर-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया। जिस वक्त कोर्ट ने यह फैसला सुनाया, तब अयोध्या में रामलला के विश्राम का समय था।

Asianet News Hindi | Published : Nov 10, 2019 3:34 AM IST / Updated: Nov 10 2019, 10:45 AM IST

अयोध्या. अयोध्या में राम मंदिर-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया। जिस वक्त कोर्ट ने यह फैसला सुनाया, तब अयोध्या में रामलला के विश्राम का समय था। मुख्य पुजारी संतोष तिवारी ने बताया, दोपहर एक बजे जब उनके जगने का वक्त हुआ, तब उन्हें सवा किलो पेड़े चढ़ाकर जगाया गया। उन्हें फैसले के बारे में बताया गया।

संतोष तिवारी ने एक समाचार पत्र से बातचीत में बताया कि रामलला को बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला सुनाया है, उससे पूरी अयोध्या खुश है। क्योंकि अब रामलला टेंट में नहीं रहेंगे। उनका वनवास अब खत्म हो गया है।

कोर्ट ने विवादित जमीन का हक रामलला को दिया
अयोध्या में राम मंदिर-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया। इस फैसले को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच ने एकमत से सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में विवादित जमीन पर रामलला का मालिकाना हक बताया। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को अयोध्या में मंदिर बनाने का अधिकार दिया है। इसके अलावा मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ वैकल्पिक जमीन देने का आदेश दिया है। अदालत ने तीन महीने में ट्रस्ट बनाने के लिए भी कहा है।  

Share this article
click me!