
RCB Victory Parade Stampede: बेंगलुरु में RCB की जीत के जश्न के दौरान हुई भयानक भगदड़ (Stampede) ने न केवल 11 लोगों की जान ली बल्कि अब यह घटना राजनीतिक और प्रशासनिक भूचाल का कारण बन चुकी है। भगदड़ के एक दिन बाद कर्नाटक सरकार ने बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर समेत कई वरिष्ठ अफसरों को सस्पेंड करने के बाद अब मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अपने राजनीतिक सचिव के गोविंदराज (K Govindaraj) को बर्खास्त कर दिया है। इसके साथ ही राज्य इंटेलीजेंस चीफ हेमंत निंबालकर (Hemant Nimbalkar) का भी ट्रांसफर कर दिया गया है।
गोविंदराज ने बुधवार सुबह मुख्यमंत्री के आवास पर हुई अहम बैठक में पुलिस कमिश्नर के विरोध के बावजूद RCB की जीत का जश्न कराने की सिफारिश की थी। पुलिस कमिश्नर ने एक साथ तीन कार्यक्रमों को अनुमति देने से इनकार किया था लेकिन गोविंदराज के दबाव में दो कार्यक्रमों को मंजूरी दी गई। इनमें एक विधान सौध में और दूसरा चिन्नास्वामी स्टेडियम में आयोजित किया गया।
उसी दोपहर स्टेडियम के बाहर अफवाह फैल गई कि फैंस को फ्री एंट्री मिलेगी, और फिर हजारों की भीड़ ने भगदड़ मचा दी। इस हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई, जिनमें एक 14 साल की बच्ची भी शामिल है, जबकि 47 लोग घायल हुए।
गुरुवार को मुख्यमंत्री ने बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर बी दयानंद, एसीपी सी बालकृष्ण, डीसीपी शेखर एच टेकेण्णावर, एडिशनल कमिश्नर विकाश कुमार विकाश और कब्बन पार्क पुलिस थाने के इंस्पेक्टर ए के गिरीश को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया। सरकारी आदेश में कहा गया कि इन अधिकारियों द्वारा प्रथम दृष्टया कर्तव्य में गंभीर लापरवाही पाई गई है।
हालांकि, बीजेपी और जेडीएस ने इस फैसले को लेकर सीएम सिद्धारमैया पर हमला बोला है। विपक्ष का कहना है कि सरकार पुलिस अधिकारियों को बलि का बकरा बना रही है ताकि राजनीतिक जिम्मेदारी से बचा जा सके। सिद्धारमैया ने पलटवार करते हुए कहा कि मैं राजनीति नहीं करना चाहता। जिन पर पहली नजर में गलती पाई गई है, उन्हें सस्पेंड किया गया है।
शुक्रवार सुबह पुलिस ने इस हादसे में पहली बार चार लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें RCB के मार्केटिंग हेड, निखिल सोसले शामिल हैं। सोसले को बेंगलुरु एयरपोर्ट से मुंबई जाते वक्त पकड़ा गया। इसके अलावा डीएनए एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड (DNA Entertainment) के वाइस-प्रेसिडेंट सुनील मैथ्यू को भी अरेस्ट किया गया है। पुलिस ने इवेंट कंपनी के दो अन्य अधिकारी को भी अरेस्ट किया है जो IPL आयोजनों को संभालते थे।
पुलिस कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (KSCA) के दो अधिकारियों को भी गिरफ्तार करना चाहती थी लेकिन वे गायब हैं। इसके बाद एसोसिएशन ने कर्नाटक हाई कोर्ट में याचिका दायर की जिसमें कहा गया कि उनका आयोजन से कोई लेना-देना नहीं है और वे केवल स्टेडियम किराए पर देते हैं। कोर्ट ने 16 जून तक कोई भी सख्त कार्रवाई रोकने का आदेश दिया।