आखिर...क्यों कश्मीर को लेकर इतना बेचैन रहता है पाकिस्तान

जम्मू-कश्मीर में दो दिन से जारी हालात को देखते हुए तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। चर्चा है कि मोदी सरकार संवैधानिक प्रावधानों में बदलाव कर आर्टिकल 35-Aऔर आर्टिकल 370 को खत्म कर सकती है। उधर, सरकार का कहना है कि सुरक्षा कारणों की वजह से ये कदम उठाए गए हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Aug 3, 2019 11:59 AM IST / Updated: Aug 03 2019, 05:37 PM IST

श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर में दो दिन से जारी हालात को देखते हुए तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। चर्चा है कि मोदी सरकार संवैधानिक प्रावधानों में बदलाव कर आर्टिकल 35-Aऔर आर्टिकल 370 को खत्म कर सकती है। उधर, एडवाइजरी और जवानों की अतिरिक्त तैनाती को लेकर सरकार का कहना है कि पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन कश्मीर में हमले की योजना बना रहे हैं। सुरक्षा कारणों की वजह से ये कदम उठाए गए हैं। 

घाटी में घुसपैठ और आतंकी घटनाओं को अंजाम देने में हमेशा पाकिस्तान का हाथ रहा हैं। पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन राज्य में सक्रियता बढ़ाने की कोशिश में लगे रहते हैं। कश्मीर को लेकर पाकिस्तानी की बेचैनी हमेशा बनी रहती है। हालांकि, पड़ोसी मुल्क हमेशा इस मामले में मुंह की खाता है।

क्या है बेचैनी की वजह? 
पाकिस्तान की बेचैनी की एक वजह जम्मू-कश्मीर की जीडीपी भी है। 2018-2019 में जम्मू-कश्मीर की जीडीपी 1.67 लाख करोड़ रुपए थी। यह बलूचिस्तान, पाक अधिकृत कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान तीनों की जीडीपी के बराबर है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर की जीडीपी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के लगभग बराबर है, जिसकी आबादी कश्मीर से लगभग 3 गुना ज्यादा है।

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