गणेश चतुर्थी के मौके पर रेड लेबल का विज्ञापन विवादों में आ गया है। ट्विटर पर #बॉयकॉट रेड लेबल ट्रेंड कर रहा है। यह प्रोडक्ट मैन्युफैक्चरिंग कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर का है। आरोप लगाया जा रहा है कि विज्ञापन में हिंदुओं का अपमान किया गया है। कुछ यूजर्स ने अपील की है कि कंपनी को विज्ञापन वापस लेना चाहिए और हिंदु समुदाय से माफी मांगनी चाहिए।
नई दिल्ली. गणेश चतुर्थी के मौके पर रेड लेबल का विज्ञापन विवादों में आ गया है। ट्विटर पर #बॉयकॉट रेड लेबल ट्रेंड कर रहा है। यह प्रोडक्ट मैन्युफैक्चरिंग कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर का है। आरोप लगाया जा रहा है कि विज्ञापन में हिंदुओं का अपमान किया गया है। कुछ यूजर्स ने अपील की है कि कंपनी को विज्ञापन वापस लेना चाहिए और हिंदु समुदाय से माफी मांगनी चाहिए।
विज्ञापन में क्या है?
सोशल मीडिया पर रेड लेबल के वायरल विज्ञापन में दिख रहा है कि एक हिंदू व्यक्ति गणेश मूर्ति लेने के लिए जाता है। पहले वहां रखी सारी मूर्तियों को देखता है फिर एक पसंद करता है। लेकिन जब उसे पता चलता है कि एक मुस्लिम ने इसे बनाया है तो वो मूर्ति खरीदने में हिचकिचाता है। मूर्ति बनाने वाला शख्स कहता है, नमाज अदा करने वाले हाथ बप्पा की मूर्ति सजाएंगे तो हैरानी तो होगी ही...। फिर कस्टमर पूछता है कि यही काम क्यूं.. तब मूर्ति बनाने वाला कहता है कि यह भी तो इबाबत है। फिर दोनों चाय पीते हैं और कस्टमर मूर्ति खरीदने के लिए राजी हो जाता है। विज्ञापन के आखिरी में लिखा आता है कि यह स्टोरी सच्ची घटना पर आधारित है।
ट्विटर यूजर्स ने कहा, धर्म आधारित विज्ञापन बैन होने चाहिए
- रेड लेबल के वायरल विज्ञापन पर कई तरह की प्रतिक्रिया आ रही हैं। कुछ लोगों का कहना है कि धर्म पर आधारित किसी भी तरह के विज्ञापनों पर रोक लगनी चाहिए। इससे पहले होली के वक्त सर्फ एक्सल के विज्ञापन को लेकर भी विवाद हुआ था।
- कुछ यूजर्स रेड लेबल का बॉयकॉट कर रहे हैं। उनका कहना है कि विज्ञापन में हिंदुओं का अपमान किया गया है। उन्होंने सवाल उठाया कि इस विज्ञापन के जरिए हिंदुओं को सेक्युलिज्म का पाठ पढ़ाया जा रहा है।
- ट्विटर पर #बॉयकॉट रेड लेबल वायरल हो रहा है। कुछ ट्विटर यूजर्स का कहना है कि विज्ञापन में गलत दिखाया गया है। आखिर हर हिंदु त्योहार पर ऐसा प्रोपगेंडा क्यों फैलाया जाता है। क्यां मुस्लिमों के प्योहार पर ऐसे विज्ञापन दिखाने की हिम्मत है।
- कुछ यूजर्स ने रेड लेबल चाय से अपील की कि वे यह विज्ञापन हटा लें और हिंदु समुदाय से इसके लिए माफी मांगे।
- अश्वनी नाम के यूजर ने लिखा, हिंदुओं के हर त्योहार में हिंदुओं का अपमान करने वाले विज्ञापन आ जाते हैं। इसके बाद वह लोकप्रिय भी हो जाते हैं। हिंदुओं को एक हो जाना चाहिए और रेड लेबल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करना चाहिए।
- कुछ ने विज्ञापन की आलोचना की कि कोई भी कस्टमर इस तरह की प्रतिक्रिया नहीं करता है, जैसा विज्ञापन में दिखाया गया है।