असम में बुलडोजर लाया Good News, पावा रिजर्व फॉरेस्ट से अतिक्रमण हटते ही नजर आया एक सींग वाला गैंडा, CM हुए खुश

असम के लखीमपुर से अतिक्रमण हटने का अच्छा रिजल्ट सामने आया है। यहां बड़ी संख्या में लोगों ने रिजर्व फॉरेस्ट पर कब्जा कर रखा था। पावा संरक्षित वन के लगभग 90 प्रतिशत क्षेत्र से अतिक्रमण हटाये जाने के कुछ दिनों बाद ही खाली किए गए स्थल पर एक सींग वाला गैंडा देखा गया।

Amitabh Budholiya | Published : Jan 18, 2023 6:19 AM IST / Updated: Jan 18 2023, 11:51 AM IST

उत्तरी लखीमपुर(North Lakhimpur).असम के लखीमपुर से अतिक्रमण हटने का अच्छा रिजल्ट सामने आया है। यहां बड़ी संख्या में लोगों ने रिजर्व फॉरेस्ट पर कब्जा कर रखा था। लखीमपुर जिले में पावा संरक्षित वन(Pava Reserve Forest) के लगभग 90 प्रतिशत क्षेत्र से अतिक्रमण हटाये जाने के कुछ दिनों बाद ही खाली किए गए स्थल पर एक सींग वाला गैंडा( one-horned rhino) देखा गया। इस खबर से वन्यजीव रक्षकों(wildlife protectors) में खुशी की लहर दौड़ गई है। जानिए पूरी डिटेल्स...


फॉरेस्ट के अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि लखीमपुर के प्रभागीय वन अधिकारी (DFO) अशोक कुमार देव चौधरी के अनुसार, रिजर्व फॉरेस्ट से अतिक्रमण हटाए गए गांवों में मंगलवार को वयस्क गैंडे को घूमते देखा गया।

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डीएफओ ने बताया, 'हालांकि ग्रामीणों ने तीन गैंडों को देखने का दावा किया है, लेकिन हमने एक देखा है। लोग गैंडों को परेशान कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि गैंडों ने लोगों पर अटैक किया और उन्हें घायल कर दिया। गैंडा संभवत: काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान से निकला और पावा पहुंचा। अगर जनता हमारे साथ सहयोग करती है, तो हम इसे फिर से काजीरंगा भेज देंगे।"

हालांकि, कुछ विशेषज्ञों ने कहा कि यह अकेला गैंडा शायद अपना रास्ता खो बैठा होगा और गांव की खाली जमीन में भटक कर आ गया। पहले पावा के अंदर अतिक्रमण के चलते जानवर नहीं आते थे। अब यह जगह खाली हो चुकी है। प्रशासन ने यहां अतिक्रमण करके रह रहे लगभग 500 परिवारों को हटाया है। यह अतिक्रमण बेदखल कार्रवाई 10 जनवरी से शुरू की गई थी, जो कई दिनों तक जारी रही।


मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पावा रिजर्व फॉरेस्ट के अंदर गैंडों को देखने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि कुछ दिन पहले ही जानवरों को अतिक्रमण से मुक्त भूमि में देखा गया था। उन्होंने ट्वीट किया, "पाभो (पावा) आरएफ में सौम्य विशालकाय की वापसी सभी वन्यजीव उत्साही लोगों के लिए एक अद्भुत खबर है।"

डीएफओ ने कहा कि 1941 में मूल 46 वर्ग किमी पावा रिजर्व फॉरेस्ट में से केवल 0.32 वर्ग किमी खाली था और बाकी सभी पर कब्जा (अतिक्रमण) हो गया था। उन्होंने कहा कि पिछले तीन दशकों में कुल मिलाकर 701 परिवारों ने पावा रिजर्व फॉरेस्ट लैंड पर कब्जा कर लिया था।

DFOअशोक कुमार देव चौधरी ने कहा कि असम सरकार ने 450 हेक्टेयर वन भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए निष्कासन अभियान चलाया था, जहां लोगों ने घरों का निर्माण कर लिया था। उन्होंने कहा कि इन स्थानों के अलावा, जंगल के एक बड़े क्षेत्र पर कथित रूप से कब्जा कर लिया गया और पावा के अंदर कृषि भूमि में बदल दिया गया।

वाइल्ड लाइफ वर्कर हमीदुर रहमान ने मंगलवार को सबसे पहले पावा में गैंडे को देखा था। उन्होंने कहा कि रिजर्व फ़ॉरेस्ट तीन दशक पहले जंगली भैंसों, एक सींग वाले गैंडों, तेंदुओं और बाघों से भरा एक प्रसिद्ध खेल अभयारण्य था। उन्होंने कहा, "जंगली जानवर अपने ट्रैक और फूटप्रिंट्स को कभी नहीं भूलते। अपने आवास को मुक्त देखकर जंगली जानवरों ने पावा में आना शुरू कर दिया है। यह एक बहुत अच्छा संकेत है।"

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