उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा की आग यूं ही नहीं लगी थी, बल्कि मोदी सरकार की छवि बिगाड़ने के लिए इसे सुनियोजित ढंग से अंजाम दिया गया था। इस साजिश में देश के नामी राजनीतिज्ञों, अधिवक्ताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं के नाम सामने आए हैं।
नई दिल्ली. उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा की आग यूं ही नहीं लगी थी, बल्कि मोदी सरकार की छवि बिगाड़ने के लिए इसे सुनियोजित ढंग से अंजाम दिया गया था। इस साजिश में देश के नामी राजनीतिज्ञों, अधिवक्ताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं के नाम सामने आए हैं। यही नहीं साजिश को अंजाम देने के लिए जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय और जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों को मोहरा बनाकर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध के नाम पर 22 जगह धरना प्रदर्शन को शुरू कराया गया था।
पुलिस द्वारा हाल में दाखिल किए गए आरोप पत्र के मुताबिक स्पेशल सेल को साजिश के पर्याप्त सुबूत मिले हैं। इनमें कुछ नेताओं के खिलाफ भी सुबूत मिले हैं, जिन्हें सेल ने चरणबद्ध तरीके से आरोप पत्र में शामिल किया है। वहीं, साजिश में शामिल कई सफेदपोशों के नाम और अहम सुबूत पूरक आरोप पत्र में रखने की योजना है। स्पेशल सेल के सूत्रों के मुताबिक सीएए को लेकर दिसंबर में धरना-प्रदर्शन की ही योजना थी। इसी बीच फरवरी में ट्रंप के दौरे की बात सामने आई तो वामपंथी व अन्य बड़े नेताओं ने मोदी सरकार की छवि को धूमिल करने के लिए दंगे की साजिश रच डाली।
लोगों को भड़काने के लिए दी गए भड़काऊ भाषण
आरोप पत्र में स्पेशल सेल ने कहा है कि दोनों समुदाय में तनाव बढ़ाने के लिए इन नेताओं ने धरना प्रदर्शन में जाकर भड़काऊ भाषण दिए थे। स्पेशल सेल ने अभी इनमें चंद नेताओं से ही पूछताछ की है। सेल के सूत्रों की मानें तो बड़ी संख्या में दंगे की साजिश रचने के मास्टर माइंड सामने आए हैं। अब एक-एक कर इन्हें नोटिस भेजकर पूछताछ की जाएगी। इसमें जिनके खिलाफ सुबूत मिलेंगे, आरोपित बनाकर गिरफ्तार किया जाएगा। गिरफ्तारी के बाद उनके खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया जाएगा।
चीन से फंडिंग के भी जुड़ रहे हैं तार
स्पेशल सेल की जांच में फंडिंग के तार चीन से भी जुड़ने की सूचना आया रही है । दरअसल, स्पेशल सेल को जांच में कई वामपंथी संगठनों व नेताओं के साजिश में शामिल होने की जानकारी मिली है। सेल को शक है कि इनके द्वारा दंगे के लिए चीन से फंडिंग करवाई गई है। इस दिशा में भी स्पेशल सेल जांच कर रही है। पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) से करोड़ों रुपये की फंडिंग किए जाने के सुबूत पहले ही मिल चुके हैं।
साजिश में ये नाम आए हैं सामने
गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत फिलहाल जिन 21 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने अपने बयान में माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव, वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद, सीपीआइ एमएल पोलित ब्यूरो सदस्य कविता कृष्णन, बृंदा करात, कांग्रेस पार्टी के नेता उदित राज, फिल्म अभिनेत्री स्वरा भास्कर, अर्थशास्त्री जयति घोष, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर व एक्टिविस्ट अपूर्वानंद, कांग्रेस के पूर्व विधायक मतीन अहमद, आप के विधायक अमानतुल्लाह खान, वकील महमूद प्राचा, स्टूडेंट एक्टिविस्ट कवल प्रीत कौर, वैज्ञानिक गौहर राजा, भीम आर्मी सदस्य हिमांशु व चंदन कुमार आदि के नाम का जिक्र किया है।