BJP का टिकट न मिलने पर RSS कार्यकर्ता ने दी जान-सुसाइड नोट में लिखे चौंकाने वाले नाम

Published : Nov 16, 2025, 10:40 AM IST
RSS Worker suicide bjp ticket denial thiruvananthapuram case

सार

तिरुवनंतपुरम में BJP टिकट न मिलने पर RSS कार्यकर्ता आनंद थम्पी की आत्महत्या ने बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। सुसाइड नोट में BJP–RSS नेताओं पर मिट्टी माफिया और उत्पीड़न के आरोप… क्या यह सिर्फ निजी दर्द था या राजनीतिक दबाव का भयावह सच? 

Thiruvananthapuram RSS Worker Suicide: तिरुवनंतपुरम से एक चौंकाने वाली और बेहद दुखद खबर सामने आई है। यहां 32 साल के एक आरएसएस कार्यकर्ता आनंद थम्पी ने आत्महत्या कर ली, और पीछे छोड़ गए एक ऐसा सुसाइड नोट जिसने पूरे राजनीतिक माहौल को हिलाकर रख दिया है। स्थानीय निकाय चुनाव के लिए भाजपा का टिकट न मिलने को इस घटना की मुख्य वजह बताया जा रहा है, लेकिन थम्पी ने अपने नोट में ऐसे गंभीर आरोप लगाए हैं जिन्हें सुनकर पूरा शहर और राजनीतिक गलियारों में सनसनी फैल गई है।

क्या भाजपा का टिकट न मिलना थम्पी की मौत की असली वजह थी?

आनंद थम्पी  त्रिक्कन्नापुरम इलाके के सक्रिय आरएसएस कार्यकर्ता थे। वह लंबे समय से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। लेकिन जब टिकट किसी और को दे दिया गया, तो थम्पी ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया। बताया जाता है कि व्हाट्सएप पर अपने दोस्तों को सुसाइड नोट भेजने के कुछ ही मिनट बाद थम्पी ने अपने घर में फांसी लगा ली।  थम्पी ने सुसाइड नोट में लिखा कि स्थानीय भाजपा और आरएसएस पदाधिकारी उन्हें लगातार परेशान कर रहे थे, मानसिक दबाव डाल रहे थे और उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहे थे।

उनके आरोपों में इन नेताओं के नाम शामिल हैं:

  • विनोद कुमार (भाजपा उम्मीदवार)
  • उदयकुमार (क्षेत्र सचिव)
  • कृष्णकुमार (समिति सदस्य)
  • राजेश (नगर कार्यवाहक)

सुसाइड नोट में चौकाने वाले आरोप-‘मिट्टी माफिया’ का खुलासा?

सबसे बड़ा धमाका तब हुआ जब उनका सुसाइड नोट सामने आया। थम्पी ने इसमें अपने इलाके के कई भाजपा और आरएसएस नेताओं के नाम लिखे और दावा किया कि ये लोग ‘मिट्टी माफिया’ में शामिल हैं।  उन्होंने दावा किया कि ये सभी "मिट्टी माफिया" के साथ जुड़े हैं और उनके रास्ते में रुकावटें खड़ी कर रहे थे। थम्पी ने लिखा कि इन लोगों ने उन्हें लगातार मानसिक रूप से परेशान किया और चुनाव लड़ने से रोकने का प्रयास किया।

“मैंने आरएसएस कार्यकर्ता बनकर सबसे बड़ी गलती की”

सुसाइड नोट में थम्पी ने बेहद दर्दनाक बातें लिखी हैं। उन्होंने लिखा कि “मैंने अपने जीवन की सबसे बड़ी गलती यह की कि मैं एक आरएसएस कार्यकर्ता के रूप में रहा। मैं नहीं चाहता कि मेरे शव को कोई भाजपा या आरएसएस सदस्य छुए।” उनके ये शब्द बताते हैं कि अंदर ही अंदर वह कितनी गहरी मानसिक पीड़ा से गुजर रहे थे।

क्या यह कोई बड़ा पैटर्न है? कुछ महीनों में तीसरी संदिग्ध आत्महत्या

इस घटना ने कई पुराने जख्म फिर ताज़ा कर दिए हैं। पिछले कुछ महीनों में, भाजपा पार्षद अनिलकुमार के और आरएसएस कार्यकर्ता अनंथु अजी (जिन्होंने शिविरों में यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे) भी आत्महत्या कर चुके हैं। क्या संगठन के भीतर तनाव और दबाव का कोई बड़ा पैटर्न बन चुका है?

भाजपा बोली “यह बेहद दर्दनाक घटना”

पूजापुरा पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। सुसाइड नोट में लगाए गए आरोपों की भी स्वतंत्र जांच की जाएगी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने थम्पी की मौत को “बहुत दुखद” बताया और कहा कि पार्टी पूरे मामले की सच्चाई सामने लाएगी।

 

PREV
Read more Articles on

Recommended Stories

5 दिसंबर सुबह की बड़ी खबरें: दिल्ली में सांस लेना मुश्किल! इंडिगो फ्लाइस्ट्स के यात्री क्यों परेशान?
IndiGo में हाहाकार! अब तक 500 से ज्यादा फ्लाइट कैंसल-लेट, पढ़ें एयरपोर्ट पर फंसे यात्रियों का दर्द