
S-400 Air Defence System: रूस भारत को और अधिक S-400 यूनिट देने जा रहा है। सतह से हवा में मार करने वाली इस मिसाइल सिस्टम की डिलीवरी में तेजी लाने के लिए भारत और रूस के बीच बातचीत चल रही है। 7 से 10 मई 2025 तक ऑपरेशन सिंदूर के दौरान S-400 ने गेम-चेंजर रोल निभाया था। इसके चलते पाकिस्तानी एयरफोर्स भारत के हवाई क्षेत्र में घुसपैठ नहीं कर पाई।
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार 2026 तक भारत को S-400 की एक यूनिट मिलेगी। 2027 तक दूसरी यूनिट मिल सकती है। भारत ने 2018 में S-400 की 5 यूनिट के लिए रूस के साथ सौदा किया था। S-400 के तीन यूनिट मिले, दो बाकी हैं। यूक्रेन जंग शुरू होने के चलते इसकी सप्लाई बाधित हुई है। S-400 की यूनिट मिलने में हो रही देर का मुद्दा चीन में भारत के पीएम नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई बैठक में उठा।
सुदर्शन चक्र प्रोजेक्ट के तहत भारत रूस से और अधिक S-400 सिस्टम खरीदने की योजना बना रहा है। सुदर्शन चक्र कई लेयर वाला एयर डिफेंस फ्रेमवर्क है। पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर दिए गए भाषण में इसका जिक्र किया था।
रूस के संघीय सैन्य-तकनीकी सहयोग सेवा के प्रमुख दिमित्री शुगायेव ने TASS को बताया, "भारत के पास पहले से ही हमारी S-400 सिस्टम है। इस क्षेत्र में भी हमारे सहयोग का विस्तार करने की संभावना है। इसका मतलब है कि नई आपूर्तियां। अब हम बातचीत के चरण में हैं।"
S-400 एयर डिफेंस सिस्टम है। यह सतह से हवा में मार करने वाले मिसाइलों की मदद से हवाई हमले को नाकाम करता है। इसके मिसाइल बैलिस्टिक मिसाइल, क्रूज मिसाइल, लड़ाकू विमान, सैन्य विमान और हेलीकॉप्टर जैसे हवाई टारगेट को नष्ट कर सकते हैं। इसे एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने "गेम-चेंजर" करार दिया है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान सिस्टम को भेद नहीं पाया था।
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भारत ने 2018 में रूस के साथ 39,000 करोड़ रुपए में S-400 की 5 यूनिट के लिए सौदा किया था। इसे पाकिस्तान और चीन से पैदा हो रहे खतरे को देखते हुए लिया गया। 2021 से 2023 के बीच S-400 के तीन यूनिट भारत को मिले। इन्हें आदमपुर (पंजाब), पूर्वी क्षेत्र और पश्चिमी क्षेत्र में तैनात किया गया है।