यूक्रेन में फंसे 'अपनों' को निकालने एअर इंडिया का प्लेन रवाना, सुबह तक दिल्ली में होंगे 200 से ज्यादा भारतीय

Russia Ukraine tension  : रशिया और यूक्रेन टेंशन के बीच मोदी सरकार यूक्रेन में फंसे लोगों को वापस भारत लाने के मिशन पर लगी है। इसके तहत मंगलवार को भारतीय छात्रों और नागरिकों को वापस लाने के लिए टाटा ग्रुप के स्वामित्व वाली एअर इंडिया की उड़ान यूक्रेन के लिए रवाना हुई। यूक्रेन से तीन विमानों के जरिये वहां फंसे लोगों को निकाला जाना है। 

Asianet News Hindi | Published : Feb 22, 2022 4:45 AM IST / Updated: Feb 22 2022, 10:38 AM IST

नई दिल्ली। टाटा ग्रुप के स्वामित्व वाली एअर इंडिया(Air India) की विशेष उड़ान (Special Flight) ने मंगलवार को यूक्रेन के लिए उड़ान भरी। यह फ्लाइट उन छात्रों और भारतीय नागरिकों को वापस लेकर आएगी, जिन्होंने आज रात के लिए यूक्रेन (Ukraine) के बोरिस्पिल एयरपोर्ट से सुरक्षित वापसी के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था। एअर इंडिया के सूत्रों के मुताबिक यूक्रेन से भारत के लिए संचालित होने वाली तीन में से एअर इंडिया (AI-1946) की पहली विशेष उड़ान आज रात अपने नागरिकों को लेकर भारत के लिए उड़ान भरेगी। 

24 और 26 फरवरी को भी जाएंगी फ्लाइट
एअर इंडिया ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों को  वापस लाने के लिए तीन उड़ानें संचालित करने की घोषणा पहले ही कर दी थी। यह उड़ानें 22 फरवरी, 24 फरवरी और 26 फरवरी को यूक्रेन जानी थीं। इनमें से पहली फ्लाइट ने आज यूक्रेन के लिए उड़ान भरी।  दिल्ली से बोइंग ड्रीमलाइनर बोइंग बी-787 (AI-1947) फ्लाइट यूक्रेन के इस विशेष मिशन के लिए निकली है। 200 से अधिक सीटों की क्षमता वाली इस फ्लाइट में भारतीयों को वापस लाया जाएगा। रूस के साथ यूक्रेन की सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच भारत ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की विशेष बैठक में दोनों देशों को संयम बरतने और सौहार्दपूर्ण समाधान निकालने के लिए राजनयिक प्रयासों को तेज करने की आवश्यकता पर जोर दिया। 

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मुद्दे को कूटनीतिक बातचीत के जरिये सुलझाने की अपील
यूक्रेन में हो रहे ताजा घटनाक्रम को लेकर यूएनएससी (UNSC) ब्रीफिंग में बोलते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत के  स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि रूस के साथ यूक्रेन की सीमा पर तनाव बढ़ने से क्षेत्र की शांति और सुरक्षा कमजोर हो सकती है। इसलिए दोनों तरफ से संयम बरतने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सबसे पहली  प्राथमिकता सभी देशों के वैध सुरक्षा हितों को ध्यान में रखते हुए तनाव को कम करना है। भारतीय प्रतिनिधि ने इस बात पर जोर दिया कि इस मुद्दे को कूटनीतिक बातचीत के जरिए ही सुलझाया जा सकता है। 

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