बंद बुलाने वालों को हमें नहीं बनाना चाहिए अपना नेता...किसान आंदोलन के बीच वायरल हो रहा सदगुरु का Video

Published : Dec 07, 2020, 05:59 PM IST
बंद बुलाने वालों को हमें नहीं बनाना चाहिए अपना नेता...किसान आंदोलन के बीच वायरल हो रहा सदगुरु का Video

सार

कृषि कानूनों के विरोध में देशभर के किसान सड़कों पर हैं। सरकार के 5वें दौर की बातचीत विफल होने के बाद किसान संगठनों ने 8 दिसंबर को बंद बुलाया है। कांग्रेस, टीएमसी, आप, राजद, टीआरएस, लेफ्ट पार्टियों समेत करीब 20 दलों ने इस बंद को समर्थन दिया है। इसी बीच विरोध प्रदर्शनों को लेकर सदगुरु जग्गी वासुदेव का पुराना वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें वे विरोध प्रदर्शनों के नुकसान के बारे में बता रहे हैं।

नई दिल्ली. कृषि कानूनों के विरोध में देशभर के किसान सड़कों पर हैं। सरकार के 5वें दौर की बातचीत विफल होने के बाद किसान संगठनों ने 8 दिसंबर को बंद बुलाया है। कांग्रेस, टीएमसी, आप, राजद, टीआरएस, लेफ्ट पार्टियों समेत करीब 20 दलों ने इस बंद को समर्थन दिया है। इसी बीच विरोध प्रदर्शनों को लेकर सदगुरु जग्गी वासुदेव का पुराना वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें वे विरोध प्रदर्शनों के नुकसान के बारे में बता रहे हैं।

विरोध प्रदर्शनों को लेकर सदगुरु जग्गी वासुदेव का पुराना वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें वे कह रहे हैं कि विरोध प्रदर्शन गंभीर समस्या बन गए हैं। आप इस देश में कुछ भी करना चाहते हैं, वे इसे रोकने की कोशिश में जुट जाते हैं। अगर आप बांध बनाना चाहते हैं तो विरोध होता है, न्यूक्लियर प्रोजेक्ट का विरोध होता है, थर्मल प्रोजेक्ट का विरोध होता है। लेकिन हर व्यक्ति सब कुछ चाहता है। गैजेट चाहता है, 24 घंटे बिजली-पानी चाहता है। यह इसलिए होता है, क्योंकि हम सिर्फ समस्याओं के बारे में सोचते हैं। हम चुनौतियों के बारे में नहीं सोचते, जिनसे हमारी समस्याएं हल हो सकती हैं। 

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 सदगुरु ने कहा, यह स्वतंत्रता से पहले की सोच है। क्योंकि महात्मा गांधी ने बड़ी सुंदरता से अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह शुरू किया। इस दौरान उन्होंने ना किसी को मारा, ना बम धमाके किए। बस गतिविधियों को रोका। बंद, सत्याग्रह और हड़ताल वहीं से आए। उन दिनों यही बेहतर हथियार था। लेकिन अगर आज आप नेता बनना चाहते हैं तो डेम या अन्य विकास कार्य करने की जरूरत नहीं है। सिर्फ 100 लोगों को इकट्ठा करो और रोड जाम कर लो, तुम नेता बन जाओगे। तुम बस रोड जाम कर दो, ट्रेन रोक दो। बिजली काट दो, तुम नेता बन जाओगे। 

महात्मा गांधी ने जो किया वह उस वक्त सही था
राष्ट्र का विकास करना या उसे रोकना दो अलग तरह की तकनीक हैं। महात्मा गांधी राष्ट्र को रोकने की कला रखते थे। लेकिन उस वक्त हम पर दूसरों का राज था। उस वक्त यही सही था। लेकिन हम आज भी वही कर रहे हैं। राज्य सरकारें मांग कर रही हैं कि उन्हें बंद बुलाने का अधिकार हैं। मैं यह नहीं समझ सकता कि कैसे कोई प्रशासन बंद का समर्थन कर सकता है। लेकिन फिर भी वे कह रहे हैं कि प्रदर्शनकारियों को बंद बुलाने का अधिकार है। बंद बुलाकर आप अपने राज्य में उठना चाहते हैं। 

अब बदलाव होना चाहिए
लेकिन यह सब बदलना चाहिए। हमें ऐसे लोगों का चयन नहीं करना चाहिए, जो नेता होते हुए देश को बंद करने की बात कर रहे हैं। पूरे देश को यह सोचना चाहिए, जब भी कोई देश में कुछ भी बंद करने की बात करता है, उसे नेता नहीं बनाना चाहिए। बल्कि जो देश में कुछ करने की बात करता है, वह नेता होना चाहिए। 

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