सुप्रीम कोर्ट ने लगाई राजद्रोह पर रोक, पुनर्विचार तक केंद्र-राज्य सरकारें नहीं कर सकेंगी 124ए की FIR

देशद्रोह के मामलों(Sedition cases hearing) को लेकर दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को भी सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्विचार तक फिलहाल राजद्रोह के तहत मुकदमे दर्ज करने पर रोक लगा दी है। बता दें कि राजद्रोह के मामलों में लगने वाली आईपीसी की धारा 124A को 10 से ज़्यादा याचिकाओं के ज़रिए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। बुधवार को हुई सुनवाई में सरकार ने कहा कि अगर पुलिस अधीक्षक(SP) संतुष्ट हुआ, तो ही केस दर्ज होगा।

Amitabh Budholiya | Published : May 11, 2022 6:08 AM IST / Updated: May 11 2022, 02:10 PM IST

राजद्रोह कानून पर कोर्ट की रोक के बाद केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में बुधवार को देशद्रोह के मामलों को लेकर फिर सुनवाई हुई।  सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्विचार तक फिलहाल राजद्रोह के तहत मुकदमे दर्ज करने पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि केंद्र हो या राज्य सरकार पुनर्विचार तक 124A के तहत कोई एफआईआर दर्ज नहीं करेंगे। अब इस मामले की अगली सुनवाई 3 जुलाई को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उम्मीद है केंद्र और राज्य सरकारें बेवजह केस करने से बचेंगे। 'किसी पर केस दर्ज हुआ तो कोर्ट जा सकते हैं। पहले से बंद लोग जमानत के लिए कोर्ट जाएं। याचिकाकर्ताओं की ओर से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने बताया कि पूरे देश में देशद्रोह के 800 से अधिक मामले दर्ज हैं। 13,000 लोग जेल में हैं।

Latest Videos

बता दें कि राजद्रोह के मामलों में लगने वाली आईपीसी की धारा 124A को 10 से ज़्यादा याचिकाओं के ज़रिए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। बुधवार को हुई सुनवाई में सरकार ने कहा कि अगर पुलिस अधीक्षक(SP) संतुष्ट हुआ, तो ही केस दर्ज होगा। इस दलील के साथ सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट से कहा कि फिलहाल इस कानून पर रोक न लगाई जाए। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि पुलिस अधिकारी राजद्रोह के प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज करने को लेकर पहले पूरी पड़ताल करेंगे, फिर बताएंगे कि यह केस क्यों लगना चाहिए। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राजद्रोह के अपराध को दर्ज होने से नहीं रोका जा सकता है। केंद्र सरकार ने सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट से मौजूदा मुकदमे को चलते रहने देने की भी बात कही है। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 124 (A) मामले में एसपी के संतुष्ट होने के बाद ही राजद्रोह का केस दर्ज किया जाएगा। इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस एनवी रमना और जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ कर रही है।

मंगलवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से ये पूछा था
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से बुधवार तक यह बताने को कहा कि क्या भविष्य में देशद्रोह के मामलों (sedition cases) के रजिस्ट्रेशन को तब तक के लिए स्थगित रखा जा सकता है जब तक कि वह देशद्रोह कानून के संबंध में पुनर्विचार की प्रक्रिया पूरी नहीं कर लेता। इससे पहले एक ताजा हलफनामे में केंद्र ने सोमवार को बताया था कि उसने धारा 124 ए के प्रावधानों की फिर से जांच करने और पुनर्विचार करने का फैसला किया है। साथ ही केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया था कि जब तक सरकार द्वारा मामले की जांच नहीं की जाती, तब तक मामले को नहीं उठाया जाए। 

इस कानून को रोकने लगाई गई हैं याचिकाएं
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिकाओं में इस कानून पर तत्काल रोक लगाए जाने की मांग की गई है, जबकि सरकार ने लंबित केसों और पुनर्विचार की दलीलें पेश करते हुए इस पर फिलहाल रोक लगाने से मना किया है। बता दें कि राजद्रोह कानून को 17वीं शताब्दी में इंग्लैंड में अधिनियम के दायरे में लाया गया था। तब कानून बनाने वालों का तर्क था कि सरकार के प्रति अच्छी राय रखने वाले विचारों को ही सार्वजनिक रूप से सामने आना चाहिए। इसके पीछे कहा गया कि गलत राय सरकार और राजशाही दोनों के लिए नकारात्मक प्रभाव पैदा करती है।

यह भी पढ़ें
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा- क्या कानून की दोबारा जांच होने तक देशद्रोह के मामलों को टाला जा सकता है?
मोहाली ब्लास्ट : पंजाब पुलिस को बड़ी सफलता, हमलावरों का मददगार फरीदकोट से गिरफ्तार

 

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

Tulsi Vivah 2024: कब है तुलसी विवाह, जानें पूजन का महत्व और शुभ मुहूर्त
LIVE: प्रियंका गांधी ने तिरुवंबदी के कोडेनचेरी में सुखनेर सभा को संबोधित किया
यूपी मदरसा कानून पर आ गया 'सुप्रीम' फैसला, लाखों छात्रों का जुड़ा था भविष्य । SC on UP Madarsa
Almora Bus Accident: मंजिल तक पहुंचने से पहले ही खत्म हुए सफर... जानें क्यों तनाव में था ड्राइवर
इस एक वजह से बदली गई यूपी-पंजाब और केरल उपचुनाव की तारीख, जानिए क्या है नई डेट