आत्मनिर्भर भारत का मतलब खुद को अलग-थलग करना नहीं, जल्द मैन्युफैक्चरिंग हब बनेगा भारत - NITI आयोग सीईओ अमिताभ

Published : Oct 13, 2020, 07:26 PM IST
आत्मनिर्भर भारत का मतलब खुद को अलग-थलग करना नहीं,  जल्द मैन्युफैक्चरिंग हब बनेगा भारत - NITI आयोग सीईओ अमिताभ

सार

नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने उद्योग मंडल फिक्की के एक कार्यक्रम में मंगलवार को कहा है कि भारत को एक वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने के लिए केंद्र सरकार कई मोर्चों पर एक साथ काम कर रही है। इसी को लेकर अपने संबोधन में अमिताभ कांत ने कहा कि सरकार विशेष रूप से निर्यात पर ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि भारत को जल्द मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना चाहती है केंद्र सरकार।

नई दिल्ली. नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने उद्योग मंडल फिक्की के एक कार्यक्रम में मंगलवार को कहा है कि भारत को एक वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने के लिए केंद्र सरकार कई मोर्चों पर एक साथ काम कर रही है। इसी को लेकर अपने संबोधन में अमिताभ कांत ने कहा कि सरकार विशेष रूप से निर्यात पर ध्यान दे रही है। सरकार घरेलू  उत्पादन को प्रोत्साहन देने से संबंधित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का विस्तार ज्यादा क्षेत्रों तक करने के लिए अपनी योजनाओं को अंतिम रूप दे रही है।

आत्मनिर्भर भारत का अर्थ खुद को अलग-थलग करना नहीं

अमिताभ कांत ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का मतलब खुद को अलग-थलग करना नहीं है, बल्कि देश की विनिर्माण ताकत का इस्तेमाल कर प्रमुख वैश्विक निर्यातक बनना है। उन्होंने कहा कि निवेश और नवोन्मेषण से भारत में विनिर्माण बढ़ेगा। देश की सरकारी और कईं प्राइवेट कंपनियां अपनी विनिर्माण रणनीतियों का नए सिरे से आकलन कर रही हैं, जो देश की बढ़ोतरी में योगदान का एक नया मार्ग हो सकता है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, नीति आयोग के CEO ने कहा कि मोबाइल और चुनिंदा इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए PLI योजना से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरह के रोजगार का लाभ मिला है।

11 लाख करोड़ के फोन उत्पादन प्रस्ताव आ चुके

सीईओ अमिताभ कांत कहा कि 22 घरेलू और अंतरराष्ट्रीय विनिर्माता कंपनियों ने अगले पांच साल के दौरान 11 लाख करोड़ रुपये के मोबाइल फोन उत्पादन के प्रस्ताव दिए हैं। इन कंपनियों में आईफोन कंपनी एप्पल के लिए अनुबंध पर विनिर्माण करने वाली कंपनी के अलावा सैमसंग, लावा और डिक्सन शामिल हैं।

सीईओ अमिताभ कांत ने बताया कि मोबाइल विनिर्माण के साथ इसी तरह की योजनाएं फार्मास्युटिकल्स और चिकित्सा उपकरण क्षेत्रों में भी शुरू की गई हैं। अब हम वाहन, नेटवर्किंग उत्पाद, खाद्य प्रसंस्करण और सौर पीवी विनिर्माण जैसे क्षेत्रों के लिए भी योजनाओं को अंतिम रूप दे रहे हैं।

सरकार ने पीएलआई योजना को अधिसूचित किया

सरकार ने बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए पीएलआई योजना को अधिसूचित किया है। सीईओ कांत ने बताया कि भारत अपनी मजबूती वाले क्षेत्रों में वैश्विक विनिर्माण चैंपियनों को आगे लाने की मंशा रखता है। उन्होंने कहा कि 2025 तक विनिर्माण के जरिये मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मास्युटिकल्स, कपड़ा, इंजीनियरिंग सामान और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्र देश के निर्यात लक्ष्य की अगुवाई करेंगे।

PREV

Recommended Stories

Indigo Crisis Day 6: इंडिगो की आज 650 फ्लाइट कैंसिल, जानें किस शहर से कितनी?
इंडिगो संकट किसने पैदा किया? ग्रुप कैप्टन एमजे ऑगस्टीन विनोद ने बताया कड़वा सच