हिमाचल प्रदेश के दिग्गज कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री GS बाली का लंबी बीमारी के चलते निधन

हिमाचल प्रदेश कांग्रेस (Himachal Pradesh) की राजनीति में खासी धाक रखने वाले कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री जीएस बाली (GS Bali) का लंबी बीमारी के बाद 29 अक्टूबर की देर रात दिल्ली AIIMS में निधन हो गया।

नई दिल्ली. कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री जीएस बाली (GS Bali) का लंबी बीमारी के बाद 29 अक्टूबर की देर रात दिल्ली AIIMS में निधन हो गया। उनके बेटे रघुबीर सिंह बाली (Raghubir Singh Bali) ने twitter हैंडल पर इसकी  जानकारी दी। उन्होंने लिखा-'बड़े ही दु:खद मन से सूचित करना पड़ रहा है कि मेरे पूजनीय पिताजी और आप सबके प्रिय GS Bali जी अब हमारे बीच नहीं  रहे। बीती रात उन्होंने दिल्ली के AIIMS में आखिर सांस ली। पिताजी भले ही दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनके आदर्श और मार्गदर्शन हमारे और आपके दिलों में हमेशा कायम रहेंगे।'

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कुछ समय से बीमार थे बाली
जीएस बाली पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 67 वर्षीय बाली हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस का एक प्रमुख चेहरा थे। बाली पहली बार 1998 में हिमाचल प्रदेश के नगरोटा बगवां विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने थे। फिर 2003, 2007 और 2012 में भी इसी सीट से जीते। 2003 और 2007 में वह मंत्री भी बनाए गए।

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29 अक्टूबर को हालत और बिगड़ गई थी
जीएस बाली की हालत में कोई सुधार नहीं हो रहा था। शुक्रवार को उनकी हालत और बिगड़ गई थी। डॉक्टरों की कई कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका। शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात करीब 2 बजे उनका निधन हो गया। 

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युवाओं के बीच लोकप्रिय थे बाली
वीरभद्र सरकार में परिवहन एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री रहे जीएस बाली युवाओं में काफी लोकप्रिय थे। पिछले साल जब कोरोना अपने चरम पर था, तब उन्होंने ऐलान किया था कि कोरोना की स्थिति काबू में आने के बाद वे प्रदेशभर में घूमेंगे और युवाओं को रोजगार दिलाने की दिशा में काम करेंगे। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर एक लिंक भी शेयर करके युवाओं से उनका रिज्यूमे मांगा था। बाली अकसर अपने फेसबुक लाइव के जरिये लोगों सेजुड़ते थे और उनकी समस्याओं का समाधान करते थे। 

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क्षेत्र में शोक की लहर
जीएस बाली के निधन की खबर से नगरोटा बगवां, कांगड़ा समेत हिमाचल प्रदेश में शोक की लहर है। बाली हिमाचल नागरिक सुधार सभा के संस्थापक मुखिया भी थे। वे हिमाचल सोशल बॉडी फेडरेशन के पहले उपाध्यक्ष रहे और फिर अध्यक्ष भी बने। बाली 1990 से लेकर 1997 तक अखिल भारतीय कांग्रेस विचार मंच के संयोजक रहे। 1995 से 1998 तक कांग्रेस सेवा दल के अध्यक्ष रहे। वे हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के 1993 से 1998 तक सह-सचिव भी रहे।

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