एशियानेट ऑफिस में SFI वर्कर्स की गुंडागर्दी; CPI-M बोली- जानकारी नहीं; कांग्रेस ने लोकतंत्र पर बताया हमला

Published : Mar 04, 2023, 11:40 AM ISTUpdated : Mar 04, 2023, 05:09 PM IST
Asianet

सार

कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया की सटूडेंट विंग SFI (Student Federation of India) ने एशियानेट के कोच्चि ऑफिस में हमला किया।

कोच्चि. कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया की स्टूडेंट विंग SFI (Student Federation of India) ने एशियानेट के कोच्चि ऑफिस में हमला किया। इसके कुछ समय बाद पार्टी के सेंट्रल कमिटी मेंबर और CPI-M के नेता ईपी जयराजन ने किसी भी तरह की जानकारी से साफ इंकार कर दिया।

जयराजन ने कहा- मुझे इस घटना के बारे में कुछ नहीं मालूम। मुझे तब पता चला, जब आपने मुझसे पूछा। मैं जांच करूंगा और फिर किसी तरह की टिप्णणी इस मसले पर करूंगा। 

साथ ही इस मसले पर सीपीआई-एम के केंद्रीय समिति के सदस्य ने नैतिकता का प्रचार करने की नौटंकी की। उन्होंने कहा- प्रेस की स्वतंत्रता का मतबल यह नहीं है कि जो चाहें, कह सकते हैं। आपको यह समझने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि सीपीआईएम वह पार्टी है, जो प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए वकालत करती है और अभियान चलाती है। उन्होंने प्रेस पर चरित्र हनन का सहारा लेने की बात कही। उन्होंने साथ ही कहा- ऐसा नहीं है कि सभी ऐसा करते हैं। इधर, रिपोर्टिंग को भी निराधार बताया। साथ ही पत्रकारिता को ही गलत ठहरा दिया।

इधर, ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी के जनरल सेक्रेटरी केसी वेनुगोपाल ने इस तरह की हरकत का विरोध किया। उन्होंने कहा कि सीएम पिनारई विजायन और नरेंद्र मोदी का लक्ष्य एक है। दोनों का रास्ता भी एक है। जो मुख्यमंत्री के खिलाफ लिखता है, उनको डराया, धमकाया और हमला किया जाता है। यह लोकतंत्र का काला दिन है।

 

क्या है पूरा मामला

शुक्रवार शाम को 7.30 बजे एशियानेट के कोच्चि ऑफिस पर 30 SFI वर्कर्स ने हमला कर दिया। सिक्योरिटी ने उन्हें रोकने की कोशिश की, तो उसे अलग धकेल दिया। इसके बाद एक्टिविस्ट ऑफिस में घुस गए और चौथे फ्लोर पर पहुंच गए। इस दौरान उन्होंने इम्पलॉयी को धमकाया साथ ही नारे भी लगाए। इसके बाद ऑफिस के काम को रोक दिया गया। इसके बाद तुरंत पुलिस को बुलाया गया। इसके अलावा एशियानेट के ऑफिस के बाहर वह बैनर भी टांग गए।

दरअसल, पिछले शनिवार को CPI-M ने एशियानेट के खिलाफ फेक न्यूज चलाने को लेकर शिकायत की थी। इसमें कहा गया था कि राज्य में नशीली दवाओं के खतरे पर एक नाबालिग लड़की का उपयोग कर फर्जी खबर बनाने का आरोप लगाया गया था। 

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