दिल्ली हिंसा: फायरिंग के बाद जिससे भागा था शाहरुख, पुलिस ने उस कार को बरामद किया

दिल्ली हिंसा के दौरान पुलिस पर गन तानने और फायरिंग के आरोपी अक्षय की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उसकी कार को भी बरामद कर लिया है। पुलिस के मुताबिक, शाहरुख 24 फरवरी को नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में हिंसा के दौरान फायरिंग की थी और इसी कार में भागा था। शाहरुख 4 दिन की पुलिस रिमांड पर है। 
 

Asianet News Hindi | Published : Mar 5, 2020 12:21 PM IST

नई दिल्ली. दिल्ली हिंसा के दौरान पुलिस पर गन तानने और फायरिंग के आरोपी अक्षय की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उसकी कार को भी बरामद कर लिया है। पुलिस के मुताबिक, शाहरुख 24 फरवरी को नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में हिंसा के दौरान फायरिंग की थी और इसी कार में भागा था। शाहरुख 4 दिन की पुलिस रिमांड पर है। 

गोली चलाने के बाद शाहरुख कहां गया?
गोली चलाने के बाद शाहरुख अपने घर गया। वहां टीवी पर खुद को देखकर डर गया। इसके बाद घर पर कपड़े बदले और गाड़ी लेकर हौज खास गया। वहां रात भर क्लब में घूमता रहा। इस दौरान उसने डांस भी किया। पुलिस के मुताबिक, 25 फरवरी को शाहरुख दिल्ली में ही था। वह कनॉट प्लेस पर ही घूमता रहा। गाड़ी को पार्किंग में लगाकर वहीं पर सो गया। इसके बाद 26 फरवरी को शाहरुख गाड़ी से ही जालंधर गया।

कौन है शाहरुख?
पुलिस के मुताबिक शाहरुख बीए सेकंड ईयर का स्टूडेंट है। वह मॉडलिंग करने का शौकीन है और टिक टॉक वीडियो बनाता है। पुलिस के मुताबिक, इसने हिंसा के दौरान तीन गोलियां चलाई थीं।

कब शुरू हुई थी दिल्ली हिंसा?
दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके में 23 फरवरी (रविवार) की शाम से हिंसा की शुरुआत हुई। इसके बाद 24 फरवरी पूरे दिन और 25 फरवरी की शाम तक आगजनी, पत्थरबाजी और हत्या की खबरें आती रहीं। हिंसा में 47 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में एक हेड कॉन्स्टेबल और एक आईबी का कर्मचारी भी शामिल है।

दिल्ली में कैसे शुरू हुई हिंसा?
सीएए के विरोध में शाहीन बाग में करीब 2 महीने से महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं। 23 फरवरी (रविवार) की सुबह कुछ महिलाएं जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के बाहर विरोध प्रदर्शन करने लगीं। दोपहर होते-होते मौजपुर में भी कुछ लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। शाम को भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि दिल्ली में दूसरा शाहीन बाग नहीं बनने देंगे। कपिल मिश्रा भी अपने समर्थकों के साथ सड़क पर उतर आए, जिसके बाद मौजपुर चौराहे पर दोनों तरफ से ट्रैफिक जाम हो गया। इसी दौरान सीएए का समर्थन और विरोध करने वालों के बीच पत्थरबाजी शुरू हो गई। यहीं से विवाद ऐसा बढ़ा कि तीन दिन तक जारी रहा। 

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