मंदिर खोलने को लेकर विवाद में शरद पवार की एंट्री, पीएम को पत्र लिखकर राज्यपाल की भाषा पर उठाए सवाल

महाराष्ट्र में धार्मिक स्थान को खोलने को लेकर मंगलवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे आमने सामने आ गए। अब इस मामले में महाराष्ट्र सरकार में सहयोगी एनसीपी प्रमुख शरद पवार की एंट्री हुई है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राज्यपाल की भाषा पर आपत्ति जताई है। 

Asianet News Hindi | Published : Oct 13, 2020 2:48 PM IST / Updated: Oct 14 2020, 01:11 PM IST

मुंबई.  महाराष्ट्र में धार्मिक स्थान को खोलने को लेकर मंगलवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे आमने सामने आ गए। अब इस मामले में महाराष्ट्र सरकार में सहयोगी एनसीपी प्रमुख शरद पवार की एंट्री हुई है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राज्यपाल की भाषा पर आपत्ति जताई है। 

दरअसल, मुंबई में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं ने धार्मिक स्थलों को खोलने की मांग को लेकर मंगलवार को मुंबई में प्रदर्शन किया। इसके साथ शिरडी में साईं मंदिर खोलने के लिए बीजेपी के आध्यात्मिक प्रकोष्ठ के महंतों ने शिरडी में एक दिवसीय अनशन किया। इसके बाद राज्यपाल कोश्यारी ने सीएम को पत्र लिखकर बंद पड़े धार्मिक स्थलों को दोबारा खुलवाने की बात कही थी।

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राज्यपाल ने पत्र में कही थी ये बात
पत्र में राज्यपाल ने लिखा था कि क्या सीएम उद्धव ठाकरे को भगवान की ओर से कोई चेतावनी मिली है कि धार्मिक स्थलों को दोबारा खोले जाने को टालते रहें। उन्होंने पत्र में कहा कि यह विडंबना है कि एक तरफ सरकार ने बार और रेस्तरां खोले हैं, लेकिन दूसरी तरफ, देवी और देवताओं के स्थल को नहीं खोला गया है। आप हिंदुत्व के मजबूत पक्षधर रहे हैं। आपने भगवान राम के लिए सार्वजनिक रूप से अपनी भक्ति व्यक्त की। 

शरद पवार ने जताई आपत्ति
राज्यपाल के इस पत्र पर शरद पवार ने आपत्ति जताई है। उन्होंने इस पत्र में कहा, पूरा देश कोरोना से लड़ रहा है। कोरोना को देखते हुए आपने (पीएम मोदी) ही दो गज की दूरी का नारा दिया था। राज्य सरकार मेरा परिवार मेरी जिम्मेदारी की नीति के तहत काम कर रही है। इस नीति के तहत राज्य सरकार सेफ दूरी बनाए रखने की शिक्षा दे रही है। उन्होंने लिखा, मुझे मीडिया से पता चला कि राज्य में धार्मिक स्थलों को खोलने को लेकर राज्यपाल ने महाराष्ट्र सरकार को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने जनता के लिए धार्मिक  स्थल खोलने के लिए मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने लिखा कि इस पत्र में जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया गया है, उससे वे चकित हैं। 

 


उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल के पत्र का दिया जवाब
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के जवाब में सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि जैसे अचानक से लॉकडाउन को लागू करना सही नहीं था, ठीक वैसे ही इसे एक बार में पूरी तरह से खत्म नहीं किया जा सकता है। हिंदुत्व को लेकर सीएम ने कहा कि 'मुझे अपना हिंदुत्व साबित करने के लिए आपसे सर्टिफिकेट नहीं चाहिए। जो लोग हमारे राज्य की तुलना PoK से करते हैं उनका स्वागत करने मेरे हिंदुत्व में फिट नहीं बैठता है। क्या सिर्फ मंदिर खोलने से ही क्या हिंदुत्व साबित होगा?
 

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