
Shashi Tharoor vs Congress: पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) और ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के बाद भारत सरकार की ओर से सात देशों में भेजे गए प्रतिनिधिमंडलों में शशि थरूर (Shashi Tharoor) को अमेरिका, पनामा और कोलंबिया जैसे देशों की यात्रा सौंपी गई। पनामा में थरूर ने जब कहा कि हाल के वर्षों में आतंकवादियों को समझ में आ गया है कि उन्हें कीमत चुकानी होगी और फिर उरी और बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक (Surgical Strikes) का ज़िक्र किया तो कांग्रेस के भीतर ही भूचाल आ गया। शशि थरूर के बयान के बाद कांग्रेस के अंदरखाने में हलचल मची हुई है। अधिकतर कांग्रेसियों का मानना है कि शशि थरूर ने पार्टी लाइन की लक्ष्मण रेखा को पार कर दी है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा (Pawan Khera) ने थरूर की किताब The Paradoxical Prime Minister की एक पंक्ति पोस्ट की, जिसमें थरूर ने मोदी सरकार पर सेना का राजनीतिक इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था। खेड़ा ने कहा कि मैं शशि थरूर की इस बात से पूरी तरह सहमत हूं, जिससे स्पष्ट हो गया कि थरूर के हालिया बयान पार्टी लाइन से अलग माने जा रहे हैं।
कांग्रेस संचार प्रमुख जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने भी थरूर पर निशाना साधते हुए लिखा: “Oh what a tangled web we weave, when first we practice to deceive…”। पार्टी सूत्रों ने बताया कि यह साफ़ संदेश है कि थरूर ने 'लक्ष्मण रेखा' पार की है।
कांग्रेस नेता उदित राज (Udit Raj) ने भी तीखा हमला किया और कहा कि थरूर मोदी जी की चाटुकारिता BJP नेताओं से ज़्यादा कर रहे हैं। उन्होंने थरूर पर सशस्त्र बलों की उपलब्धियों का क्रेडिट सरकार को देने का आरोप लगाया।
इन आरोपों के बीच थरूर ने एक्स (X) पर लिखा: मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है। मैंने सिर्फ़ आतंकवादी हमलों के जवाब में कार्रवाई की बात की थी, न कि युद्धों की। मुझे कोलंबिया रवाना होना है, मेरे पास करने को बेहतर काम हैं।
पार्टी की एक अहम बैठक में थरूर को साफ़ संकेत दिया गया कि वे सिर्फ़ व्यक्तिगत राय नहीं रख सकते। पार्टी का मानना है कि हम लोकतांत्रिक पार्टी हैं लेकिन कुछ मर्यादाएं हैं।
थरूर ने स्पष्ट किया कि वह पार्टी प्रवक्ता नहीं हैं और अपने विचार निजी क्षमता में रख रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि विदेश मंत्रालय द्वारा दी गई जिम्मेदारी को वह पूरी निष्ठा से निभा रहे हैं।
2014 में मोदी की तारीफ के बाद प्रवक्ता पद से हटाए गए थरूर, 2022 में पार्टी अध्यक्ष पद की दौड़ में खड़गे के खिलाफ उतरे और 1000 से ज्यादा वोट हासिल किए। लेकिन अब एक बार फिर कांग्रेस के भीतर उनके बयान से दरार गहराती दिख रही है।